इस वजह से आत्महत्या करना चाहते थे मनोज बाजपेयी, ऐसे बची जान

'सत्या', 'शूल', 'तेवर', 'अलीगढ़' और 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' जैसी फिल्मों से मनोज बाजपेयी ने साबित कर दिया कि एक्टिंग के मामले में उनका कोई तोड़ नहीं है

Update: 2022-04-23 01:40 GMT

'सत्या', 'शूल', 'तेवर', 'अलीगढ़' और 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' जैसी फिल्मों से मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) ने साबित कर दिया कि एक्टिंग के मामले में उनका कोई तोड़ नहीं है. 53वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे मनोज ने बीते 28 साल से इतने दमदार रोल निभाए कि उनकी एक्टिंग के लोग मुरीद हो गए. लेकिन क्या आपको पता है मनोज बाजपेयी की जिंदगी में एक ऐसा वक्त भी आया था जब वो सुसाइड करने के बारे में सोचने लगे थे. जानिए क्या है वो किस्सा.

मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) का जन्म बिहार के एक गांव में हुआ था. मनोज ने 9 साल की उम्र में ही एक्टर बनने का फैसला ले लिया था. हालांकि उस वक्त हालात मनोज का साथ नहीं दे रहे थे. लेकिन इन सबकी परवाह किए बगैर महज 17 साल की उम्र में मनोज ने थिएटर में एक्टिंग सीखना शुरू कर दिया था.

इस दौरान मनोज (Manoj Bajpayee) ने अपने पिता को खत लिखकर थिएटर से जुड़ने की जानकारी दी. इसके बाद मनोज के पिता ने उन्हें 200 रुपये दिए. इस दौरान एक्टर को कई लोगों ने ताने मारे लेकिन उन्होंने उस वक्त हार नहीं मानी और थिएटर में मन लगाकर एक्टिंग सीखने लगे.

मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) ने करियर के शुरुआती दौर में आईं मुश्किलों के बारे में एक इंटरव्यू में खुलाया किया था. एक्टर ने इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें हर तरफ से रिजेक्शन मिल रहा था और आर्थिक हालत इतनी खराब हो चुकी थी उन्हें वड़ा पाव भी बहुत महंगा लगता था. ये ऐसा दौर था जब उन्हें सुसाइड के ख्याल आने लगे थे.

इंटरव्यू में मनोज (Manoj Bajpayee) ने बताया कि उनकी हालत के बारे में दोस्तों को अंदाजा हो गया था. इसलिए कोई भी उन्हें अकेला नहीं छोड़ता था. मनोज बाजपेयी के दोस्तों ने उन्हें तब तक अकेला नहीं छोड़ा जब तक उन्होंने बॉलीवुड में अपनी जगह नहीं बना ली.


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