Mahesh Manjrekar को बॉम्बे HC से राहत, गिरफ्तारी पर लगी रोक
कोई आदेश देने से इंकार करते हुए सुनवाई स्थगित कर दी है।
फिल्ममेकर महेश मांजरेकर पिछले दिनों से मठारी फिल्म 'नय वारनभात लोन्चा कोन नाय कोंचा' को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। फिल्म में महिलाओं और बच्चों के बीच अश्लील सीन फिल्माने को लेकर महेश माजरेकर के खिलाफ एफआरआई दर्ज की गई थी। फिल्ममेकर के सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी। अब महेश को इस केस में राहत मिल गई है कोर्ट ने फिल्ममेकर की गिरफ्तारी रोक दी है।
कोर्ट ने आज इस मामले की सुनवाई करते हुए महेश की गिरफ्तारी रोक दी है और पुलिस को निर्देश भी दिया है कि वह मामले में डायरेक्टर या उनकी फिल्म की टीम के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे। महेश मांजरेकर और उनकी टीम के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण यानी पॉस्को (POCSO) अधिनियम के साथ ही आईपीसी की धारा 292, 34 और आईटी एक्ट 67, 67 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
कोर्ट की सुनवाई के बाद एडवोकेट रवि सूर्यवंशी, वरिष्ठ वकील स्वप्निल अंबुरे और एडवोकेट पोंडा ने अपने बयान में कहा- 'माननीय न्यायालय ने फिल्म 'नय वारनभात लोन्चा कोन नाय कोंचा' के डायरेक्टर और प्रोड्यूसर को गिरफ्तारी से छूट दे दी है। इसके साथ ही राज्य पुलिस को उनके खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने के निर्देश जारी किए गए हैं। महेश मांजरेकर और उनकी टीम जांच में पुलिस का पूरा सहयोग कर रही है।
महेश की फिल्म पर आरोप है कि इसमें नाबालिग बच्चों को सेक्सुअल एक्ट में दिखाया गया है। इस पर उनके वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि फिल्म में ऐसा कोई सीन नहीं था। हां, फिल्म के ट्रेलर में इसका एक हिस्सा था, जिसे विरोध के तुरंत बाद YouTube से हटा दिया गया था। एडवोकेट अंबुरे ने कहा, 'अदालत ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि ट्रेलर को हटा दिया गया और सीबीएफसी के सेंसर सर्टिफिकेट के बाद ही फिल्म को रिलीज किया गया।'
बता दें फिल्मेकर ने पिछले महीने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर मामले को रद्द करने की मांग की थी और गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा मांगी थी। जस्टिस एसएस शिंदे की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले में अभी कोई आदेश देने से इंकार करते हुए सुनवाई स्थगित कर दी है।