गीतकार मनोज मुंतशिर बोले- 'देश में भुखमरी का शिकार थे 35 करोड़ लोग, तब शाहजहां बनवा रहे थे ताजमहल'

मध्य प्रदेश के उज्जैन (MP Ujjain) आए गीतकार मनोज मुंतशिर (Lyricist Manoj Muntashir) ने मुगलों को लुटेरा बताते हुए उन पर जमकर निशाना साधा है.

Update: 2022-04-02 18:33 GMT

मध्य प्रदेश के उज्जैन (MP Ujjain) आए गीतकार मनोज मुंतशिर (Lyricist Manoj Muntashir) ने मुगलों को लुटेरा बताते हुए उन पर जमकर निशाना साधा है. कार्यक्रम में मनोज मुंतशिर ने कहा कि देश में प्यार के नाम पर ताजमहल खड़ा कर दिया गया, वो भी उस समय में, जब देश में भुखमरी थी. देश में 35 लाख लोग भुखमरी से मर रहे थे.

दरअसल, मनोज मुंतशिर उज्जैन गौरव दिवस की पूर्व संध्या पर हुए आयोजन में शिरकत करने आए थे. इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए मुंतशिर ने कहा कि '17वीं शताब्दी में जब शाहजहां ताजमहल बनवा रहे थे, ये वो दौर था, जब भारत में 35 लाख लोग भुखमरी का शिकार होकर दम तोड़ रहे थे. ऐसे आलम में एक राजा, एक बादशाह क्या करता है.
'उस जमाने के 9 करोड़ रुपये खर्च कर दिए, मगर लोग भूखे मरते रहे'
मनोज ने कहा कि उस जमाने के 9 करोड़ रुपए एक मकबरे में खर्च कर सकता है, जिससे पूरे देश की गरीबी मिट सकती थी. एक तरफ हमने महाराजा विक्रमादित्य को देखा और एक तरफ हमने इन लुटेरे डकैतों को देखा, यह भी हमारी बदकिस्मती थी. अब ताजमहल बनवा दिया. अब हमें जबरदस्ती बाएं हाथ से इतिहास लिखने वाले यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि यह मोहब्बत की निशानी है.
'अगर ताजमहल मोहब्बत की निशानी है तो चित्तौड़ क्या है'
मुंतशिर यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि 'अगर ताजमहल मोहब्बत की निशानी है तो चित्तौड़ क्या है, जहां हमारी मां रानी पद्मिनी अपने पति राजा रतन सिंह के वियोग में जलती हुईं कुंड में कूद गईं, लेकिन अलाउद्दीन खिलजी को अपने आंचल का एक तार तक नहीं छूने दिया. उन्होंने कहा कि प्रेम की निशानी जानना है तो वह पुल देखिए, जो हमारे भगवान श्रीराम ने अपनी प्राण प्रिय पत्नी सीता को रावण के चंगुल से छुड़ाने समंदर के सीने पर बांध दिया, वो है प्रेम की निशानी.
उन्होंने कहा कि हमें आप जोधा अकबर, सलीम अनारकली की मोहब्बत की झूठी कहानियां दिखाते हैं. इस भ्रम को तोड़ने का समय आ गया है, आपके नायक आपके पास हैं. आपको मांगे-तांगे का नायक नहीं चाहिए. आपको उधर के हीरो नहीं चाहिए. आपको झूठी कहानी नहीं चाहिए. प्रेम सीखना है तो भगवान श्रीराम से सीखें.


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