लता मंगेशकर आजीवन अविवाहित रहीं, जाने वजह

लता मंगेशकर के शादी नहीं करने के पीछे कई तरह की चर्चा होती रही, लेकिन वर्ष 2011 में अपने 82वें जन्मदिन पर लता मंगेशकर ने खुद ही एक इंटरव्यू में इसकी असल वजह बताई थी. इससे पहले और बाद भी वह अपने अविवाहित रहने का कारण बता चुकी हैं.

Update: 2022-02-06 04:34 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सीधा-सादा लिवास, सिंपल-सी साड़ी, बालों की दो चोटी गूंथी हुई, माथे पर एक बिंदी और जुबां खुलते ही कानों में मिश्री घोलती सी आवाज. इतना पढ़ते ही आप समझ गए होंगे कि बात लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की हो रही है. आज वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके गाए गीतों में वे हमेशा साथ होंगी. देश में शायद ही ऐसा कोई संगीत प्रेमी (Music Lovers) होगा, जिसने लता मंगेशकर का गाना नहीं सुना होगा. 700 से भी ज्यादा गाने गा चुकीं भारत रत्‍न (Bharat Ratna) लता मंगेशकर की आवाज उनकी किशोरावस्था से लेकर बुजुर्ग होने तक उतनी ही मीठी रही. अपनी मधुर आवाज का जादू बिखेर कर लता मंगेशकर ने दुनियाभर में भारत की पहचान बढ़ाई है.

वह हमेशा देश की बहुमूल्य हस्तियों में गिनी जाती रही हैं. मीठी आवाज के साथ ही अपने कोमल और दयालु हृदय के लिए जानी जाने वालीं लता का प्रोफेशनल जीवन बेहद कामयाब रहा, लेकिन बात जब उनकी निजी जिंदगी की आती है तो कहीं न कहीं उनके फैंस का मन कचोटता है कि काश उन्होंने शादी भी की होती और संगीत की उनकी विरासत अगली पीढ़ियों तक भी कायम रहती.
अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि लता मंगेशकर ने कभी शादी क्यों नहीं की. सफलता के शिखर पर पहुंचने के बावजूद इतने मिलनसार व्यक्तित्व वाली लता जीवन भर अविवाहित क्यों रही? उनके शादी नहीं करने के पीछे कई तरह की बातें बताई जाती हैं, लेकिन लता मंगेशकर ने वर्ष 2011 में अपने जन्मदिन पर टीओआई को दिए इंटरव्यू में खुद इसकी वजह बताई थी.
"सब कुछ भगवान की मर्जी से होता है"
इंटरव्यू में उनसे पूछा गया था, शादी के सपने के साथ बड़ी होने वाली हर लड़की की तरह क्या आपको शादी करने का विचार कभी नहीं आया. इस सवाल पर लता का जवाब था नहीं. उन्होंने कहा, "सब कुछ भगवान की इच्छा के अनुसार होता है. जीवन में जो भी होता है, वह अच्छे के लिए होता है और जो नहीं होता, वह भी अच्छे के लिए ही होता है." इंटरव्यू देते समय वह करीब अपने जीवन के 82वें वर्ष में थीं. उन्होंने आगे कहा, "अगर यह सवाल मुझसे चार-पांच दशक पहले पूछा जाता, तो शायद आपको कुछ और जवाब मिलता. लेकिन आज मेरे पास ऐसे विचारों के लिए कोई जगह नहीं है."
घर में सबसे बड़ी थीं लता, सो जिम्मेदारियां भी बड़ी थीं
लता मंगेशकर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि घर में वह सबसे बड़ी थीं, सो उनपर जिम्मेदारियों भी कई थीं. उन्होंने कहा था, "घर के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी मुझ पर थी. ऐसे में कई बार शादी का खयाल आता भी था तो उस पर अमल नहीं कर सकती थी. बेहद कम उम्र में ही मैं काम करने लगी थी. मेरे पास बहुत ज्यादा काम रहता था." बता दें कि साल 1942 में जब वह महज 13 साल की थीं, तब ही लता मंगेशकर के सिर से पिता का साया उठ गया था. ऐसे में परिवार की सारी जिम्मेदारियां उनके ऊपर आ गई थीं.
राज सिंह डूंगरपुर से रही करीबी दोस्ती
लता मंगेशकर के शादी नहीं करने के पीछे उनके काफी करीबी दोस्त रहे राज सिंह डूंगरपुर से जोड़कर भी बताई जाती है. राज, शाही परिवार से आते थे और बीसीसीआई यानी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष थे. इंटरनेशनल बिजनेस टाइम्स की रिपोर्ट में कहा कि लता मंगेशकर और राज सिंह डूंगरपुर दोनों शादी करना चाह रहे थे, लेकिन जब राज सिंह ने अपने माता-पिता को इस बारे में सूचित किया, तो उनके पिता महारावल लक्ष्मण सिंहजी ने यह प्रस्ताव खारिज कर दिया था. हालांकि लता मंगेशकर ने कभी इस वजह की पुष्टि नहीं की, बल्कि घर की जिम्मेदारियों को ही कारण बताया.
कभी-कभी महसूस होता था खालीपन

टीओआई को दिए गए इंटरव्यू में जब उनसे सवाल किया गया कि क्या कभी जीवन में अकेलापन महसूस होता है, खालीपन अखरता है… तब लता मंगेशकर ने बताया था कि कभी-कभी वह खालीपन महसूस करती हैं. उनका कहना था, "मेरे सारे दोस्त चले गए. नरगिस और मीना कुमार मेरी करीबी दोस्त थीं. हम उनके निधन तक रेगुलर तौर पर टच में रहते थे. एक अन्य दोस्त मेरे देव आनंद भी रहे, जिनके संपर्क में लगातार रही." उन्होंने बताया था कि बाद की पीढ़ी में अनु मलिक अक्सर उन्हें बुलाते रहे. आमिर खान, शंकर महादेवन, हरिहरन और सोनू निगम भी उनके करीब और संपर्क में रहे हैं.
सबसे ज्यादा खुशी और सबसे बड़े पछतावे के सवाल पर उनका कहना था कि जब वह गाती हैं, तो उनका सबसे खुशनुमा लम्हा वही होता है. गाते समय वह खुद को सबसे ज्यादा सहज पाती हैं. वहीं पछतावे के लिए उनके पास कोई वजह नहीं है. उनका कहना था कि भगवान जो कुछ भी देता है वह आपके लिए है, और अपनी लाइफ में जो कुछ भी आप मिस करते हैं, वह आपके लिए कभी था ही नहीं. ईश्वर ने उन्हें जो कुछ भी दिया वह उसके लिए शुक्रगुजार हैं.
लता मंगेशकर का परिवार
बता दें कि लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 में एक मिडिल क्लास मराठी परिवार में हुआ. मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में जन्मीं लता पंडित दीनानाथ मंगेशकर की बड़ी बेटी थीं. पिता रंगमंच के कलाकार और गायक थे, सो लता को गायकी विरासत में मिली. पहली बार स्टेज पर गाने के लिए उन्हें जो 25 रुपये मिले थे, उसे ही वह अपनी पहली कमाई बताती रहीं. हालांकि उन्होंने पहली बार 1942 में मराठी फिल्म 'किती हसाल' के लिए गाना गाया था. लता के भाई हृदयनाथ मंगेशकर और बहनें उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और आशा भोंसले सभी ने अपने करियर के रूप में संगीत को ही चुना.
हालांकि उनके पिता शास्त्रीय संगीत के बहुत बड़े प्रशंसक थे और इसलिए वे लता के फिल्मों में गाने के खिलाफ थे. 1942 में पिता के देहांत के बाद जब परिवार की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई तब लता मंगेशकर ने मराठी और हिंदी फिल्मों में छोटे-छोटे रोल भी किए. हालांकि उन्हें उनकी गायकी ने ही दुनियाभर में पहचान दिलाई.


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