Lata Mangeshkar: नासिक के रामकुंड में लता दी की अस्थियां विसर्जित, दिल छू लेगी इसके पीछे की खास वजह
उन्होंने हिंदी सिनेमा के साथ-साथ अन्य भाषाओं में भी हजारों गाने गाए हैं। स्वर-कोकिला की पूरी दुनिया मुरीद रही। अब उनकी यादें लोगों के जहन में हमेशा जिंदा रहेंगी।
लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने 6 फरवरी को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। कुछ दिन पहले महान सिंगर की अस्थियां नाशिक में विसर्जित (Lata Mangeshkar Ashes) की गई थीं। उनके भाई हृदयनाथ (Hridaynath), भतीजी रचना (Rachna) और भतीजे आदिनाथ (Rachna) ने मुंबई के पानी यानी गेटवे ऑफ इंडिया जाकर अरब सागर (Arabian Sea) में भी उनकी अस्थियों को विसर्जित किया। इनके साथ फैमिली के अन्य मेंबर्स भी मौजूद थे।
हमारे सहयोगी ईटाइम्स के सूत्रों के मुताबिक, लता मंगेशकर मुंबई से बहुत प्यार करती थीं। उनकी फैमिली को लगा कि ये तभी सही होगा, जब उनकी अस्थियां मुंबई के पानी में विसर्जित कर दी जाएं।
लता मंगेशकर को इसी साल जनवरी महीने में हॉस्पिटल में ऐडमिट कराया गया था। वो कोरोना वायरस पॉजिटिव हो गई थीं। फिर उन्हें निमोनिया भी हो गया था। उन्हें ICU में रखा गया और वेंटिलेटर सपोर्ट भी दिया गया। लता जी ने कोरोना और निमोनिया दोनों को ही मात दे दी थी। उनकी हालत में थोड़ा सुधार भी हुआ, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर से हटा दिया गया, लेकिन इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और 6 फरवरी की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्हें राजकीय सम्मान के साथ विदा किया गया। शाहरुख खान, आमिर खान और रणबीर कपूर सहित तमाम हस्तियां उनके आखिरी दर्शन करने पहुंची थीं।
भारत रत्न लता मंगेशकर द्वारा छोड़े गए शून्य को कभी भरा नहीं जा सकेगा। उन्होंने हिंदी सिनेमा के साथ-साथ अन्य भाषाओं में भी हजारों गाने गाए हैं। स्वर-कोकिला की पूरी दुनिया मुरीद रही। अब उनकी यादें लोगों के जहन में हमेशा जिंदा रहेंगी।