आचार्य से जानिए करियर के शिखर तक पहुंचाने वाले 2 मंत्र
आचार्य चाणक्य प्रकांड विद्वान और महान व्यक्तित्व के स्वामी थे.
आचार्य चाणक्य प्रकांड विद्वान और महान व्यक्तित्व के स्वामी थे. अपने समय में उन्होंने जो कार्य किए हैं, वो आज भी लोगों के लिए उदाहरण हैं. आचार्य ने अपनी कुशल रणनीति, कूटनीति और राजनीति का ऐसा उदाहरण आज से सैकड़ों वर्षो पहले प्रस्तुत कर दिया था, जिससे आज भी प्रेरणा ली जाती है. अपनी कुशल रणनीति से आचार्य ने पूरे नंद वंश को समाप्त कर दिया था और एक साधारण से बालक को सम्राट बना दिया था.
आज भी आचार्य चाणक्य को लोग बेहतरीन लाइफ कोच के तौर पर देखते हैं. उनकी कही बातें सुनने में कठोर लग सकती हैं, लेकिन एक बार अगर आपने उनकी बातों के पीछे छिपी गहराई को समझकर उन बातों को जीवन में उतार लिया तो आपके लिए जीवन की कोई परेशानी बड़ी नहीं रहेगी. हर समस्या को आप पूरे आत्मविश्वास के साथ सरलता से पार कर जाएंगे. आज के समय में लोग करियर को लेकर कॉन्शियस हैं. लेकिन अगर आपको वाकई करियर पर शिखर तक पहुंचना है तो आपको आचार्य के 2 मूल मंत्र याद रखने चाहिए. जानिए इस बारे में क्या कहती है चाणक्य नीति.
1. सफलता का पहला मंत्र है शिक्षा. आचार्य का मानना था कि हर व्यक्ति को अपनी शिक्षा को लेकर बहुत सजग और गंभीर रहना चाहिए. शिक्षा के बल पर आप कहीं भी अपना मुकाम बना सकते हैं. जिसके पास ज्ञान होता है, उस व्यक्ति के लिए संसार में कोई काम असंभव नहीं होता. ऐसा व्यक्ति हर जगह कामयाबी पाता है और भरपूर मान सम्मान पाता है. ऐसे लोगों पर मां सरस्वती के साथ माता लक्ष्मी की भी कृपा बनी रहती है और उसके जीवन में धन की कोई कमी नहीं रहती. वो व्यक्ति जीवन के सारे सुख प्राप्त कर लेता है.
2. दूसरा मंत्र है अनुशासन. यदि आपको करियर के शिखर तक पहुंचने की चाह है तो आपको निश्चित तौर पर अनुशासित होना पड़ेगा. अनुशासन प्रिय व्यक्ति जीवन में समय की उपयोगिता को अच्छी तरह से समझता है. एक बार अगर आपने समय का महत्व समझ लिया तो आप कभी अपना समय व्यर्थ चीजों में नष्ट नहीं करते. आपकी ये प्रतिबद्धता आपको सफलता की ओर लेकर जाती है. आलस जैसा अवगुण आप पर हावी नहीं हो पाता. इसलिए सफलता के लिए बहुत जरूरी है कि आप अपने जीवन को अनुशासित करें.