'कौन बनेगा करोड़पति' को 21 साल: केबीसी, अमिताभ की जगह शाहरुख को लेने पर फ्लॉप हुआ था, ये थी वजह
'कौन बनेगा करोड़पति' को 21 साल हो गए हैं। इसका पहला एपिसोड 3 जुलाई 2000 को प्रसारित हुआ था। शो से अमिताभ बच्चन ने छोटे पर्दे पर डेब्यू किया था। पॉपुलर रियालिटी शो के रूप में तीन जुलाई को केबीसी ने छोटे पर्दे पर अपने 21 साल पूरे कर लिए।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कौन बनेगा करोड़पति' को 21 साल हो गए हैं। इसका पहला एपिसोड 3 जुलाई 2000 को प्रसारित हुआ था। शो से अमिताभ बच्चन ने छोटे पर्दे पर डेब्यू किया था। पॉपुलर रियालिटी शो के रूप में तीन जुलाई को केबीसी ने छोटे पर्दे पर अपने 21 साल पूरे कर लिए। तब से लेकर अब तक केवल एक सीजन को छोड़ दें तो बाकी अमिताभ बच्चन ने ही होस्ट किए हैं। वहीं, अमिताभ बच्चन द्वारा होस्ट किया जाने वाला केबीसी जल्द ही अपने तेरहवें सीजन के साथ टीवी पर प्रसारित होने वाला।
दरअसल, 2007 में अमिताभ बच्चन ने शो को करने से मना कर दिया था, जिसके बाद शो का तीसरा सीजन शाहरुख खान ने होस्ट किया था। मेकर्स को उम्मीद थी कि इस बार भी शो उतना ही हिट रहेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शो की टीआरपी रेटिंग में गिरावट हुई और दर्शक शाहरुख खान को नए होस्ट के रूप में स्वीकार करने को तैयार नहीं थे। जिसके बाद अमिताभ बच्चन को फिर से अगले सीजन में वापस लाया गया।e रीज़न
हाल ही में दिए एक इंटरव्यू के दौरान शो के प्रोड्यूसर सिद्धार्थ बासु ने शाहरुख खान के साथ शो के फ्लॉप होने पर बात की। उन्होंने कहा, 'शाहरुख खान के साथ जो चीज नहीं चली वह अमिताभ बच्चन के साथ उनकी तुलना थी। मुझे लगता है कि शाहरुख ने इसे अपने चार्म और मजाकिया अंदाज में किया था। जितना मैं जानता हूं शो को अच्छी रेटिंग्स मिली थी। हमने शाहरुख खान के साथ तीन शोज किए हैं और मुझे लगता है कि वह टीवी के सबसे नैचुरल होस्ट में से एक हैं जो खुद से सोचकर करते हैं।'
साथ ही सिद्धार्थ बसु से उस आलोचना के बारे में पूछा गया जो शो को 'दुखभरी कहानी बेचने' के लिए मिलती है। उन्होंने कहा कि रेटिंग के लिए हम लोगों की भावनाओं से नहीं खेलते। सिद्धार्थ बसु ने कहा,'केबीसी कभी भी सिर्फ एक और क्विज शो नहीं रहा है। मानवीय कहानी हमेशा मायने रखती है, और इसने भारत में पहले सीज़न से ही सनसनी पैदा की, जिसके आधार पर विकास ने अपनी किताब क्यू एंड ए लिखी। '
उन्होंने कहा, 'हालांकि केबीसी पर यह कभी भी केवल सिसकने वाली कहानियां नहीं रही है। अगर लोग भावुक हो जाते हैं, तो वह नकली नहीं होता है। जिंदगी बदल देने वाले, और सदी के महानायक जैसे होस्ट वाले शो में ये सब होना स्वाभाविक है। केबीसी पर भारत भर के आम लोगों की खास बनने की कहानी दिखाई देती है, यह एक ऐसा शो है जो जीवन के साथ-साथ दिल को भी छूता है।'
बता दें कि पिछले साल की तरह केबीसी 13 के लिए भी ऑडिशन की पूरी प्रक्रिया अलग-अलग शहरों में जाने की बजाय ऑनलाइन हो रही है। केबीसी 12 के साथ, निर्माताओं ने कोविड -19 महामारी को ध्यान में रखते हुए कई बदलाव किए। कुछ बदलावों में ऑडियंस पोल की लाइफलाइन को खत्म करना शामिल था, क्योंकि शो को बिना लाइव ऑडियंस के शूट किया गया था, और फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट राउंड में कम प्रतियोगी थे।