Kangana Ranaut ने फिल्म 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' को बताया 'सास बहू का रोना'
कंगना रनौत ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर फिल्म मेकर करण जौहर की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म रॉकी और रानी की प्रेम कहानी की क्रिटिसिज्म करते हुए इंस्टाग्राम पोस्ट कर फिल्म की तुलना क्रिस्टोफर नोलन की ओपेनहाइमर से की, जो 21 जुलाई को रिलीज़ हुई थी. अपनी पहली कहानी में, उन्होंने फिल्म के बॉक्स ऑफिस बिजनेस के बारे में ट्रेड एनालिस्ट गिरीश जौहर के ट्वीट का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया. इस पर कंगना ने लिखा, 'ऑडियंस को अब और बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता, उन्होंने नकली सेट और नकली कॉस्टयूम वाली फिल्मों को खारिज कर दिया है.
करण जौहर पर बरसीं कंगना रनौत
कंगना ने आगे कहा, नब्बे के दशक के अपने पुराने काम की नकल करने के लिए करण जौहर को शर्म आनी चाहिए. उन्होंने इस मूर्खता पर 250 करोड़ कैसे खर्च किए? उन्हें इस तरह का पैसा कौन देता है जबकि रियल टैलेंट पैसे के लिए संघर्ष करती हैं. इसके बाद कंगना ने करण की फिल्म को 'डेली सोप' कहा और लिखा, "इंडियंस ऑडियंस न्यूक्लियर वेपन की प्रोडक्शन पर बनी 3 घंटे लंबी फिल्म देख रहे हैं, हमारे यहां नेपो गैंग का वही सास बहू का रोना, लेकिन उन्हें बनाने के लिए 250 करोड़ की जरूरत क्यों हैकरण जौहर को रिटायरमेंट ले लेनी चाहिए
आगे एक्ट्रेन ने लिखा दूसरी बार एक ही फिल्म बनाने के लिए करण जौहर को शर्म आनी चाहिए. खुद को इंडियन सिनेमा का फ्लैग कैरियर कहना और इसे लगातार पीछे ले जाना. पैसे बर्बाद न करें, यह इंड्रस्ट्री के लिए आसान समय नहीं है, अभी रिटायर हो जाएं और युवा फिल्म मेकर को नई और रेवोर्शनरी फिल्में बनाने दें. एक अन्य कहानी में, उन्होंने फिल्म और रणवीर सिंह, जो फिल्म में रॉकी की भूमिका निभा रहे हैं, के बारे में आगे कमेंट करते हुए हार्ड वर्ड का यूज किया.
रणवीर सिंह को भी सुनाई खरी खोटी
रणवीर सिंह को मेरी सच्ची सलाह है कि उन्हें करण जौहर और उनके ड्रेसिंग सेंस से प्रभावित होना बंद कर देना चाहिए. उन्हें एक सामान्य इंसान की तरह कपड़े पहनने चाहिए, जैसे धर्म जी या विनोद खन्ना जी अपने जमाने में पहनते थे, भारतीय लोग उनकी पहचान नहीं कर सकते. कार्टून जैसा दिखने वाला व्यक्ति खुद को हीरो कह रहा है, प्लीज सभी दक्षिण हीरो को देखें कि वे कैसे कपड़े पहनते हैं और खुद को बड़ी गरिमा के साथ रखते हैं. वे मर्दाना और प्रेस्टीजियस दिखते हैं. लोग हमारे देश की संस्कृति को बर्बाद नहीं करते हैं.