हॉलीवुड स्टार पर भड़कीं कंगना रनौत, कहा- हमारी स्क्रीन चुरा रहा है
हमें अपने लोगों और अपनी इंडस्ट्री को अपनी प्राथमिकता रखनी चाहिए. यह एक आत्मानिर्भर भारत बनाने का तरीका है.’
बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत फिल्म 'थलाइवी' (Kangana Ranaut Thalaivii) की सक्सेस को एन्जॉय कर रही हैं. इस बीच, हॉलीवुड में बॉलीवुड की नकल करने वाले कनाडाई एक्टर रयान रेनॉल्ड्स के बयान पर कंगना रनौत ने प्रतिक्रिया दी है. रयान रेनॉल्ड्स हाल ही में अपनी फिल्म 'फ्री गाय' के प्रमोशन वीडियो में दिखाई दिए, जिसमें उन्होंने अपने भारतीय फैंस को संबोधित किया. इसमें वह फिल्म के अलग-अलग एलिमेंट्स के बारे में फैंस को बता रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि यह फिल्म एक टिपिकल बॉलीवुड फिल्म की तरह लगती है.
रयान रेनॉल्ड्स (Ryan Reynolds) वीडियो में कहते हैं, 'यदि आप सोच रहे हैं कि क्या हॉलीवुड बॉलीवुड की नकल कर रहा है … ठीक है, इसका उत्तर हां है. हमें कोई शर्म नहीं है, इसमें कोई शर्म की बात नहीं है.' कंगना रनौत ने रयान के बयान को अपनी इंस्टा स्टोरी प्रतिक्रिया देते हुए शेयर करते हुए कहती हैं कि हॉलीवुड थिएटर स्क्रीन को भी चुराने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने लिखा, "और हमारी स्क्रीन चुराने की कोशिश कर रहा है…"
कंगना रनौत (Kangana Ranaut on Hollywood) ने हाल ही में भारत में भारतीय सिनेमा पर हॉलीवुड फिल्मों को भारी पड़ने पर चिंता व्यक्त की थी. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कंगना रनौत ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'हमें अमेरिकी और अंग्रेजी फिल्मों को डिस्करेज करने की जरूरत है क्योंकि वे हमारी स्क्रीन पर कब्जा कर रहे हैं. हमें एक राष्ट्र की तरह व्यवहार करने की जरूरत है. हमें खुद को उत्तर भारत या दक्षिण भारत की तरह बांटना बंद करना होगा. हमें पहले अपनी खुद की फिल्मों को एन्जॉय करने की जरूरत है, चाहे वह मलयालम, तमिल, तेलुगु या पंजाबी हो.'
कंगना रनौत (Kangana Ranaut) का कहना है कि हॉलीवुड ने अपने एकाधिकार के साथ फ्रेंच, इतालवी, जर्मन और अन्य फिल्म इंडस्ट्री को तबाह कर दिया है. कंगना ने कहा, 'वे यहां भी यही कर रहे हैं … हम एक-दूसरे की सराहना नहीं करते हैं, बल्कि 'लायन किंग' या 'जंगल बुक' के डब वर्जन को देखते हैं. लेकिन हम किसी मलयालम फिल्म के डब वर्जन को मौका नहीं देंगे. यह हमारे पक्ष में काम नहीं करेगा. हमें अपने लोगों और अपनी इंडस्ट्री को अपनी प्राथमिकता रखनी चाहिए. यह एक आत्मानिर्भर भारत बनाने का तरीका है.'