जब-जब जेठालाल की नजर बबिता जी पर पड़ती है, तो आपने बैकग्राउंड में एक धुन तो जरूर सुनी होगी, जिसमें एक हसीना बोलती नजर आती है, हाय मैं मर जाऊं... यूं तो तारक मेहता का उल्टा चश्मा का हर किरदार दर्शकों को खूब एंटरटेन करता नजर आता है. लेकिन जेठालाल और बबिता जी की दमदार केमिस्ट्री देख दर्शकों को कुछ अलग ही मजा आता है. जिस तरह जेठालाल बबिता जी पर दिल हारे फिरते हैं. उसे देख दर्शक भी हंस हंस कर लोटपोट हो जाते हैं. ऐसा ही सीन हमें एक एपिसोड में देखने को मिला, जहां बढ़ती गर्मी से परेशान बबिता जी के मुंह से 'उफ्फ यह गर्मी' निकलता है तो जेठा जी परेशान हो बैठते हैं.
इन दिनों जिस तरह गर्मी का तापमान बड़ रहा है, वैसा ही नजारा हमें इस एपिसोड में भी देखने को मिला. इस जलती गर्मी में जब बबिता जी अपने घर से बाहर उतरी तो रुमाल से अपना आप पसीना पहुंचती नजर आईं, ऐसे में जब जेठालाल ने बबिता जी को देखा तो वह मन ही मन बातें करने लगे और बोलने लगे- ओहो बबीता जी बहुत देर से धूप में खड़े हैं. ऐसे में वह बबिता जी के पास भागते भागते जाते हैं और उनसे सॉरी कहते हैं. जब बबिता जी ने पूछा क्यों सॉरी कह रहे हैं. तो जेठालाल कहते हैं- सॉरी सॉरी बबिता जी सूरज दादा की ओर से मैं सॉरी बोलता हूं...
फिर क्या था जेठालाल यूं ही अपनी बबीता जी को परेशान थोड़ी न होने देते. ऐसे में उनके दिमाग में एक आइडिया आया और वह जोर-जोर से सोसाइटी के बीच खड़े होकर पोपटलाल को नीचे बुलाने लगे. पोपटलाल नीचे आए तो उन्होंने उनसे छाता लेकर बबिता जी के लिए खोला और उन्हें धूप से राहत दिलवाई. ऐसे में पोपटलाल उन्हें देखते हुए हक्के बक्के रह गए और पूछने लगे जब तुम्हें छाता ही चाहिए था तो मुझे इतनी जल्दी नीचे क्यों बुलाया, मुझसे छाता मांग लेते. पर जेठालाल का आंसर तो आप जानते ही हैं, बबिता जी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।