Javed Akhtar : जावेद अख्तर कई बार बता चुके हैं कि वह नास्तिक हैं। वह भगवान को नहीं मानते लेकिन

Update: 2024-06-26 10:08 GMT
Javed Akhtar : जावेद अख्तर कई बार बता चुके हैं कि वह नास्तिक हैं। वह भगवान को नहीं मानते फिर भी उन्होंने ओ पालनहारे जैसा गाना लिखा है। कई गाने वह 10 मिनट के अंदर भी लिख देते हैं। एक इंटरव्यू के दौरान जावेद अख्तर बता चुके हैं कि भगवान पर गाना लिखते वक्त क्या सोचा था। उन्होंने यह भी बताया कि एक लड़की को देखा गाना लिखने के पीछे कोई इंस्पिरेशन नहीं बल्कि डर था।
अंदर छिपा होता है एक्टर- जावेद अख्तर कई 
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 में किसी ईश्वरीय शक्ति के ना होने पर तर्क देते दिखाई दे चुके हैं। हालांकि उन्होंने भगवान पर कई गाने लिखे हैं। रेड एफएम के एक पुराने इंटरव्यू में जावेद अख्तर से पूछा गया कि गानों की प्रेरणा उन्हें कहां से मिलती है। इस पर उन्होंने बताया, गाने लिखने वाला या Dialogue Writer के अंदर एक्टर छिपा रहता है। वह एक कैरेक्टर के लिए लिखता है। जिसके लिए लिखते हैं उसको समझकर लिखने पड़ते हैं।
गाने में समर्पण की जरूरत है- जावेद ने 'ओ पालनहारे' गाने का उदाहरण देकर बताया, मैं एक नास्तिक हूं। मेरा कोई धार्मिक मत नहीं है। अगर आप 'ओ पालनहारे' जैसी सिचुएशन पर गाना लिख रहे हैं तो आपको अपने अंदर वो इमोशन, डिवोशन और सादगी पैदा करनी पड़ेगी। ऐसे गाने में सरंडर करने की जरूरत होती है। आजकल लोग जाहिर करते हैं कि वे बहुत खुश हैं, विनर होने का दिखावा करते हैं। ऐसे गाने के लिए सादगी,
विनम्रता और समर्पण
तीन चीजें चाहिए। इसे अपने दिल के कोने में ढूढ़कर, उस माइंडसेट में आकर गाना लिखना होता है। मेरे लिए यह गाना लिखना बहुत मुश्किल थाजावेद की दोस्त ने किया था फोन, जावेद ने बताया कि उनकी दोस्त ने फोन करके कहा, तुम झूठ बोलते हो कि नास्तिक हो। कोई नास्तिक ऐसे गाने लिख ही नहीं सकता। इस पर जावेद ने जवाब दिया, तो तुम ये भी समझती होगी कि मैं डाकू हूं क्योंकि मैंने गब्बर सिंह के डायलॉग भी लिखे थे। आपको वो महसूस करना होता है। इमोशन को वहां ले जाना होता है

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