इंटिमेट वॉच फिल्म है DARLINGS, एक्शन, कॉमेडी और थ्रिल सबकुछ है इसमें
आपके होने से मेरी फिल्म को क्रिटिक्स का एक स्टार एक्स्ट्रा मिलेगा। विजय हंसते हुए कहते है, तो यानी मैं स्टार हूं।
काफी दिनों से आलिया भट्ट अपनी अपकमिंग फिल्म 'डार्लिंग्स' को लेकर सुर्खियों में बनी हुई हैं। 'डार्लिंग्स' से पहली बार आलिया भट्ट प्रोडक्शन की दुनिया में कदम रखने जा रही हैं। फिल्म में आलिया भट्ट, शेफाली शाह, विजय वर्मा और रोशन मैथ्यू हैं।
बता दें कि 5 अगस्त, 2022 को 'डार्लिंग्स' नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने जा रही है। इस फिल्म को आलिया के साथ शाहरुख खान की रैड चिलीज एंटरटेनमेंट ने भी प्रोड्यूस किया है। 'डार्लिंग्स' एक डार्क कॉमेडी फिल्म है, जिसमें मां-बेटी की जिन्दगी देखने को मिलेगी। आलिया इसमें एक ऐसी महिला की भूमिका निभा रही हैं, जो घरेलू शोषण के बाद अपने पति से बदला लेती है। फिल्म की पूरी स्टारकास्ट ने पंजाब केसरी (जालंधर)/ नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार के ऑफिस पहुंचे। पेश हैं इनसे बातचीत के मुख्य अंश:
आलिया भट्ट
Q. आप बहुत मैच्योर बातें करने लगीं हैं। आपको ये महसूस होता है ?
-हां, लेकिन ये मुझे भी नहीं पता कि ये कैसे हुआ। मुझे लगता है कि ये समय के साथ- साथ और एक उम्र के बाद हो जाता है। अब 10 साल हो गए हैं मुझे और हर दस साल में काफी कुछ बदल जाता है जैसे जरूरतें बदलती हैं ड्रीम्स भी बदल जाते हैं। बस यही है कोई इसे मैच्योरिटी कहता है, तो कोई कॉमनेस कहता है।
Q. आप पर्सनल लाइफ और प्रोफेशनल लाइफ बहुते अच्छे से मैनेज कर रहीं हैं। ये मैनेजमेंट कहां से सीखा ?
-मुझे लगता है कि ये सब सीखने का कोई रूल बुक नहीं होती। ये खुद ही आ जाता है कि कैसे सब बैलेंस करना है। थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन प्रॉयरीटीज क्लीयर रखें तो सब हो जाता है।
Q. आपकी सभी फिल्में बहुत अच्छी और अलग होती है। आप स्क्रिप्ट में किस चीज पर ज्यादा फोकस करती हैं?
-इसका कोई फार्मूला नहीं हैं। मैं स्क्रिप्ट पढ़ते हुए सबसे पहले देखती हूं कि ऑडियंस के तौर पर फिल्म एन्जॉय करूंगी या नहीं। ये कभी नहीं सोचती कि किरदार अच्छा होना चाहिए क्योंकि सिर्फ मेरे किरदार के अच्छा होने से कुछ नहीं होगा। फिल्म अच्छी नहीं हुई तो, इसलिए एक- दो नहीं बहुत सी चीजें देखनी पड़ती हैं।
Q. यह फिल्म थिएटर में क्यों रिलीज नहीं की जा रही ?
-देखिए इसका रीजन है कि यह फिल्म लार्जर दैन लाइफ नहीं है। इसमें सबकुछ है, लेकिन थिएटर वाला बड़ा- बड़ा नहीं है। यह इंटिमेट वॉच फिल्म है। आप इसे हसबैंड, फ्रेंड,बॉयफ्रेंड किसी के साथ भी एन्जॉय कर सकते हैं। इसमें एक्शन, कॉमेडी, थ्रिल और इमोशन सबकुछ है, लेकिन इंटिमेट वॉच है।
शेफाली शाह
Q. आलिया के साथ आपकी ऑफ स्क्रीन केमिस्ट्री कैसी है?
-केमिस्ट्री बनाई नहीं जाती, यह तो होती है या नहीं होती। आलिया सैट पर बहुत अच्छे से रहती थीं। एक दिन भी मुझे ऐसा नहीं लगा की वो फिल्म की प्रोड्यूसर हैं।
Q. किसी फिल्म को साइन करने से पहले आपका फोकस किस चीज पर होता है?
-ऐसी कोई एक चीज नहीं है जो मैं बता पाऊंगी। स्क्रिप्ट पढ़ते वक्त मेरा जो मन कहता है, वहीं करती हूं और सौभाग्य से ये फॉर्मूला मेरे लिए काम भी करता है। कई बड़ी फिल्मों को मना कर चुकी हूं, सिर्फ इसलिए, क्योंकि मन से आवाज नहीं आई कि मुझे ये किरदार करना चाहिए।
Q. फिल्म में किरदारों का क्या महत्व है? क्या अब भी पूरी फिल्म सिर्फ हीरो या हीरोइन पर ही निर्भर होती है?
-ऐसा नहीं है हर किरदार इंपोर्टेंट होता है। मैं बहुत कम उम्र में मां के रोल के लिए टाइपकास्ट हो गई थी। मैं उस निश्चित उम्र तक पहुंची भी नहीं थी। मैंने एक शो किया था,, जिसमें 20 साल की उम्र में 15 साल के बच्चे की मां का रोल निभाया था। फिर जब 28-30 की थी तब मैंने अक्षय कुमार की मां का कैरेक्टर प्ले किया था।
Q. आपके मुताबिक फिल्में लोगों की सोच बदलने की कितनी ताकत रखती है?
-मेरा मानना है कि फिल्मों के जरिए हम समाज में कई सारे बदलाव ला सकते हैं। अगर हम थोड़ा सा भी बदलाव लाने में समर्थ होते हैं, तो इससे अच्छी बात और क्या ही हो सकती है।
विजय वर्मा
Q. इस फिल्म की शुरुआत कैसे हुई ?
-जब लॉकडाउन की शुरुआत हुई थी 2022 अप्रैल में तभी इसकी शुरुआत हुई। मेरे पास फोन आया कि आलिया स्क्रिप्ट भेज रहीं हैं, उसे पढि़ए। जब स्क्रिप्ट पढ़ी तो बहुत जबरदस्त लगी। हां, कुछ चीजें किरदार में बहुत डरावनी लगी। फिर उस पर मैंने डायरैक्टर से जूम मीटिंग की। उन्होंने समझाया किस तरह किरदार को लेकर अप्रोच रहेगा। कैसे वो ह्यूमर को निकालकर लाएंगे। बस यही से इस फिल्म के साथ मेरी शुरुआत हुई।
Q. आपकी फिल्मों को लेकर क्या अप्रोच है। स्क्रिप्ट, को-स्टार या डायरैक्टर?
-पहले जब मैं आया था तब तो सिर्फ ये होता था कि रोल मिल जाए। फिर ये हुआ कि अच्छे लोगों के साथ काम करने को मिले। अब जिस मुकाम पर हूं तो सोचता हूं कुछ ऐसा करूं कि जो पहले ना किया हो। मतलब कुछ अलग करने को मिले, क्योंकि जब लोगों को मेरा काम पसंद आ रहा है, तो मैं चाहता हूं कुछ अच्छा करूं।
Q. पर्सनल लाइफ में कैसी फिल्में देखना पसंद करते हैं?
-पर्सनल लाइफ में कॉमेडी फिल्में, डॉर्क कॉमेडी, डॉर्क रोमांस और जॉम्बी फिल्में पसंद है। हॉरर भी पसंद है, लेकिन अकेले नहीं देखता।
Q. जैसे पहले सुपरस्टार की फिल्में ही चलती थीं लेकिन अब काफी चेंज आया है। अब कहानी हीरो बन गई है, इस पर क्या कहेंगे?
-देखिए चेंज तो बहुत आया है, मेरे पास एक डायरैक्टर आए। उन्होंने कहा कि मैं आपके पास इसलिए आया हूं, क्योंकि आपके होने से मेरी फिल्म को क्रिटिक्स का एक स्टार एक्स्ट्रा मिलेगा। विजय हंसते हुए कहते है, तो यानी मैं स्टार हूं।