भारत ने अंतरराष्ट्रीय जगत से अपील की, कहा- वैक्सीन को लेकर राष्ट्रीय भावना से ऊपर उठाने की जरूरत

इसकी जगह अंतरराष्ट्रीय भावना से जुड़ा जाए।

Update: 2021-02-18 03:02 GMT

दुनिया के 25 देशों को बुधवार को कोविड वैक्सीन निर्यात करने के बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय जगत से अपील की है कि वैक्सीन को लेकर राष्ट्रीय भावना से ऊपर उठा जाए। इसकी जगह अंतरराष्ट्रीय भावना से जुड़ा जाए। इससे पूरी दुनिया का भला होगा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए नौ बिंदुओं वाला कार्यक्रम प्रस्तुत किया, जिस पर चलकर दुनिया कोविड महामारी से मुक्त हो सकती है।

महामारी पर आधारित बहस में जयशंकर ने कहा, स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए हमें सामूहिक जिम्मेदारी लेनी होगी। यह बहस महामारी से मुकाबले के लिए संकल्प लेने के वास्ते हो रही थी। जनवरी में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने कहा था कि वैश्विक समन्वय के अभाव में महामारी और ज्यादा भयानक हो रही है। वैक्सीन को लेकर सरकारों में विकसित हो रही राष्ट्रीय भावना दुनिया के हालात सुधारने की राह में रोड़ा बन रही है। हाल के हफ्तों में कई देशों ने अपनी बनाई वैक्सीन को सीमा से बाहर भेजने से इन्कार कर दिया। इससे हालात बिगड़े हैं। महामारी और वैक्सीन से संबंधित सूचनाओं को छिपाने से भी स्थिति खराब हुई है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने भी इसी सिलसिले में चिंता जताई। उन्होंने कहा, वैश्विक समन्वय में कमी के चलते दुनिया के अशांत इलाकों में वैक्सीन वितरण में कठिनाई हो रही है। गरीब देश में भी अपनी आबादी के लिए वैक्सीन नहीं खरीद पा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस ने माना है कि करीब छह करोड़ लोग इस तरह की स्थितियों के शिकार हैं। महामारी को काबू करने के लिए पूरी दुनिया में समान रूप से टीकाकरण जरूरी है। यह भेद विश्व स्वास्थ्य संगठन के ढांचे में कोवैक्स अभियान के जरिये खत्म होना चाहिए।


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