कैसे ऋषि दा के दिमाग में आई फिल्म 'आनंद' की कहानी, जाने वजह

फिल्म आनंद के बारे में सोचें तो हम राजेश खन्ना के अलावा आनंद के रूप में किसी और एक्टर को इस भूमिका में नहीं देख पाएंगे, क्योंकि काका ने फिल्म में बहुत ही जबरदस्त भूमिका निभाई थी. लेकिन यह बात शायद लोग नहीं जानते कि राजेश खन्ना इस फिल्म के लिए ऋषिकेश मुखर्जी की पहली पसंद नहीं थे.

Update: 2021-08-27 03:55 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। निर्देशक और एडिटर ऋषिकेश मुखर्जी (Hrishikesh Mukherjee) ने भारतीय सिनेमा (Indian Cinema) के रंग ढंग को ही बदलकर रख दिया था. 30 सितंबर, 1922 को कलकत्ता में जन्मे ऋषिकेश मुखर्जी की आज 15वीं पुण्यतिथि है. ऋषिकेश मुखर्जी को प्यार से उनके करीबी ऋषि दा कहकर बुलाया करते थे. आज ऋषि दा भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन अपने पीछे वह अपने चाहनों वालों के लिए फिल्मों की एक विरासत छोड़ गए हैं, जो हमेशा के लिए जीवित रहेगी.

निर्देशक के तौर पर ऋषिकेश मुखर्जी ने एक से एक बेहतरीन शानदार और क्लासिक फिल्मों की सौगात अपने फैंस को दी हैं, जिनमें सत्यकाम, चुपके चुपके, अनुपमा, आनंद, अभिमान, गुड्डी, गोल माल, मझली दीदी, चैताली, आशीर्वाद, बावर्ची, नमक हराम जैसी कई फिल्में शामिल हैं. ऋषिकेश जितने अपनी फिल्मों के लिए प्रिय थे, उतने ही अपनी दोस्ती के लिए भी. यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि ऋषिकेश मुखर्जी अपनी दोस्ती बहुत ही अच्छे से निभाते थे, भले ही इसके लिए उन्हें कुछ भी क्यों न करना पड़े.
आज हम ऋषिकेश मुखर्जी की पुण्यतिथि के मौके पर आपको बताएंगे कि उन्होंने अपनी सुपरहिट फिल्म 'आनंद' का निर्माण किसे सोचकर किया था. वह कौन शख्स था, जिसके चलते उनके दिमाग में इस फिल्म की कहानी का आइडिया आया? और राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) से पहले ऋषिकेश किसे इस फिल्म में आनंद के रूप में देखना चाहते थे?
कैसे ऋषि दा के दिमाग में आई फिल्म 'आनंद' की कहानी?
जानी मानी फिल्म पत्रकार और क्रिटिक भावना सौमाया ने एक बार अपने शो में बताय था कि फिल्म 'आनंद' की कहानी का बीज बोया था राज कपूर की हालत ने. ऋषिकेश मुखर्जी ने राज कपूर (Raj Kapoor) की कई फिल्मों की एडिटिंग की थी. ऐसे में दोनों साथ में बहुत समय एक साथ बिताया करते थे. अब दोनों एक दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे. जब उन्हें एक दूसरे के साथ काम नहीं होता था, तब भी वह काफी समय एक दूसरे के साथ बिताते. यह दोस्ती इतनी गहरी थी कि ऋषिकेश मुखर्जी, राज कपूर को राजू कहकर बुलाया करते थे और राज कपूर उन्हें बाबूमोशाय…
अब यह दोस्ती बहुत गहरी हो गई थी. इस बीच एक दिन क्या हुआ कि राज कपूर की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था. ऋषिकेश मुखर्जी उनसे मिलने के लिए एक दिन अस्पताल पहुंचे. राज कपूर की हालत देखकर ऋषिकेश मुखर्जी को लगा कि उनका दोस्त जीवित नहीं बच पाएगा. सिर्फ उनके मन में अपने करीबी और प्यारे दोस्त को खोने का ख्याल ही आया था कि वह इससे काफी निराश हो गए. राज कपूर की हालत को देखने के बाद ऋषिकेश मुखर्जी ने खूब सोचा और सोचते-सोचते उनके दिमाग में फिल्म 'आनंद' की कहानी बन गई. इसके बाद फिल्म पर काम शुरू हुआ.
राजेश खन्ना नहीं थे पहली पसंद
फिल्म की कहानी तैयार थी. कहानी तैयार होने के बाद तलाश शुरू हुई फिल्म में आनंद की भूमिका निभाने वाले कलाकार की. अभी हम फिल्म के बारे में सोचें तो हम राजेश खन्ना के अलावा आनंद के रूप में किसी और एक्टर को इस भूमिका में नहीं देख पाएंगे, क्योंकि काका ने फिल्म में बहुत ही जबरदस्त भूमिका निभाई थी. लेकिन यह बात शायद लोग नहीं जानते हैं कि राजेश खन्ना इस फिल्म के लिए ऋषिकेश मुखर्जी की पहली पसंद नहीं थे.
ऋषिकेश मुखर्जी ने फिल्म 'आनंद' की कहानी के बार में 1954 में सोचना शुरू किया था. उनके दिमाग में फिल्म के हीरो के रूप में राज कपूर की छवि थी. वह आनंद के किरदार में राज कपूर को लेना चाहते थे, लेकिन इस फिल्म के कामकाज और अन्य जरूरी चीजों में करीब एक दशक बीत गया था. अब राज कपूर की उम्र इतनी ज्यादा हो गई थी कि वह हीरो के किरदार में जमते नहीं. उस वक्त ऋषिकेश ने सोचा कि अगर राज कपूर नहीं, तो वह उनके जैसे ही किसी एक्टर को हीरो के तौर पर लेंगे.
इन कलाकारों ने किया था फिल्म करने से इनकार
उन्होंने इस फिल्म के लिए सबसे पहले ऑफर शशि कपूर को दिया, जो राज कपूर के छोटे भाई थे. शशि कपूर को फिल्म की कहानी बिल्कुल पसंद नहीं आई, तो उन्होंने इसे करने से साफ इनकार कर दिया. इसके बाद उन्होंने बंगाली सुपरस्टार उत्तम कुमार को कास्ट करने के बारे में विचार किया, लेकिन उन्हें भी यह कॉन्सेप्ट पसंद नहीं आया और उन्होंने इसे रिजेक्ट कर दिया. इस बीच राजेश खन्ना तक यह बात पहुंच गई कि ऋषिकेश मुखर्जी अपनी नई फिल्म के लिए एक्टर की तलाश में जुटे हैं और कहानी बहुत ही स्ट्रॉन्ग है. उस समय राजेश खन्ना बहुत बड़े सुपरस्टार थे. उनकी 14 फिल्में सुपरहिट हुई थीं.
एक दिन राजेश खन्ना, ऋषिकेश मुखर्जी के पास जा पहुंचे और उनसे कहा कि मैं आपकी यह फिल्म करूंगा. ऋषिकेश ने पहले तो उनकी बातों पर विश्वास नहीं किया, क्योंकि वह जानते थे कि राजेश खन्ना इंडस्ट्री के सबसे ज्यादा बिजी रहने वाले अभिनेता थे. उनकी डेट्स मिलना मुश्किल होता था. राजेश खन्ना ने ऋषिकेश मुखर्जी को विश्वास दिलाया कि वह जैसे तैसे मैनेज कर लेंगे और उनकी फिल्म के लिए डेट्स निकाल लेंगे. उन्होंने बस ऋषिकेश मुखर्जी से हां करने को कहा. ऋषिकेश मुखर्जी ने काका की बात मान ली. ऋषि दा ने भी काका से वादा किया कि वह शूटिंग जल्द से जल्द खत्म कर लेंगे और ऐसा हुआ भी. ऋषिकेश मुखर्जी ने इस फिल्म की शूटिंग महज 28 दिन में पूरी कर ली थी.


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