हेमा मालिनी ने ZEE Entertainment को किया सपोर्ट, ट्वीट कर कही ये बात
इकलौते राष्ट्रवादी चैनल को विदेशी कंपनियों के हाथ में न जाने दें. इस दौरान वे देश के चैनल ZEE की यात्रा पर बात करते हुए भावुक भी हुए.
नई दिल्ली: ज़ी एंटरटेनमेंट (ZEEL) के साथ सोनी पिक्चर्स (SPNI) के मर्जर की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन इस बीच इनवेस्को ज़ी एंटरटेनमेंट के बोर्ड को बदलने की जिद पर अड़ा है. इसके बाद ZEEL के फाउंडर डॉ. सुभाष चंद्रा ने खुला चैलेंज दिया तो इन्वेस्को की चाल उसी पर उल्टी पड़ती दिखने लगी है और लोग ZEEL के समर्थन में उतर आए हैं. अब इसमें बॉलीवुड अदाकारा और मथुरा लोक सभा सीट से सांसद हेमा मालिनी का भी नाम जुड़ गया है. उन्होंने ट्वीट कर ज़ी के पक्ष में अपनी बात रखी है.
हेमा मालिनी ने ट्वीट कर कही ये बात
हेमा मालिनी ने ज़ी एंटरटेनमेंट के पक्ष में ट्वीट किया और चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा, 'भारत का पहला विशुद्ध मनोरंजन चैनल कुछ परेशानी का सामना कर रहा है और उसे सरकार और जनता के समर्थन की जरूरत है. @ZEECorporate भारतीय फिल्म उद्योग के लिए एक विस्तारित परिवार की तरह है और मेरी इच्छा है कि यह भारतीय प्रबंधन के पास बना रहे.'
ZEEL के समर्थन में उतरे लोग
ज़ी एंटरटेनमेंट के फाउंडर डॉ. सुभाष चंद्रा ने साजिश रचने वालों को खुला चैलेंज दिया तो लोग ZEEL के समर्थन में उतर आए. ट्विटर यूजर्स लगातार #DeshKaZee के साथ ट्वीट कर रहे हैं और Zee के साथ अपने जुड़ाव के अनुभवों को साझा कर रहे हैं.
'देश के नागरिक हैं जी के मालिक'
बता दें, ज़ी न्यूज के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी के साथ ZEEL फाउंडर डॉ. सुभाष चंद्रा ने सबसे बड़े इंटरव्यू में कहा कि ZEEL का मालिक कोई एक व्यक्ति नहीं है, बल्कि वे खुद को भी मालिक नहीं मानते. उन्होंने 2.5 लाख शेयरहोल्डर, इस देश के 90 करोड़ और विदेश के 60 करोड़ दर्शकों को Zee TV को मालिक बताया.
'गैरकानूनी रूप से टेकओवर करना चाहता है इनवेस्को'
डॉ. सुभाष चंद्रा ने इन्वेस्को की साजिश के सवाल पर जवाब देते हुए कहा, अगर वो इस कंपनी (ZEEL) को टेकओवर करना चाहते हैं तो गैरकानूनी तरीके से ये संभव नहीं है. विदेशी निवेशकों को भी देश के कानून का पालन करना होगा. इस मामले में डॉ. सुभाष चंद्रा ने इन विदेशी निवेशकों को कहा- आप शेयरहोल्डर हैं मालिक बनने की कोशिश न करें. डॉ. चंद्रा ने देश से अपील की भी कि देश के अपने चैनल, इकलौते राष्ट्रवादी चैनल को विदेशी कंपनियों के हाथ में न जाने दें. इस दौरान वे देश के चैनल ZEE की यात्रा पर बात करते हुए भावुक भी हुए.