HC ने रउफ मर्चेंट की उम्रकैद की सजा को रखा बरकरार, मंदिर के बाहर मारी थी 16 गोलियां
उनकी हत्या की खबर से पूरे बॉलीवुड में सनसनी फैल गई थी.
टी-सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार हत्याकांड (Gulshan Kumar Murder Case) में बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने दोषी राउफ मर्चेंट की सजा कायम रखी है. वहीं, राज्य सरकार की तरफ से रमेश तुरानी वाले चैलेंज को कोर्ट ने ठुकरा दिया है. रमेश तुरानी को हाई कोर्ट ने बरी कर दिया है. 12 अगस्त 1997 को मुंबई के जुहू इलाके में गुलशन कुमार की हत्या कर दी गई थी. करीब 24 साल बाद इस मामले में कोर्ट अपना फैसला सुनाया है, जिसका सभी को लंबे वक्त से इंतजार था.
जस्टिस जाधव और बोरकर की बेंच ने गुलशन कुमार मर्डर केस ( Gulshan Kumar Murder Case) का फैसला सुनाया. हाईकोर्ट में कुल चार अपीलें सूचीबद्ध थीं, जिनमें तीन अपीलें हत्या के आरोपी राउफ मर्चेंट, राकेश खाओकर के खिलाफ है. वहीं एक अपील महाराष्ट्र सरकार की थी. यह बॉलीवुड प्रोड्यूसर रमेश तौरानी को बरी करने के खिलाफ थी. उनपर हत्या के लिए उकसाने का आरोप था, जिससे उनको बरी कर दिया गया था. बॉम्बे हाई कोर्ट ने बाकी दोषियों की अर्जियों को आंशिक रूप से सुनने की बात कही है.
मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने साफ कहा कि राउफ मर्चेंट किसी तरह की उदारता का हकदार नहीं है क्योंकि वह पहले भी पैरोल के बहाने बांग्लादेश भाग गया था.
दरअसल, मर्चेंट को गुलशन कुमार हत्या के केस में कोर्ट ने दोषी ठहराया था. अप्रैल 2002 में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. साल 2009 में उसे बीमार मां से मिलने के लिए पैरोल मिली थी. इसी दौरान वह बांग्लादेश भाग गया था, हालांकि बाद में बांग्लादेश पुलिस ने उसे फर्जी पासपोर्ट मामले में अरेस्ट किया. मर्चेंट को बांग्लादेश में अरेस्ट करने के बाद पहले गाजीपुर के काशिमपुर जेल में रखा गया.
आपको बता दें कि टी-सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार की 12 अगस्त, 1997 को जूहू इलाके में हत्या कर दी गई थी. घटना का अंजाम बदमाशों ने तब दिया जब वह रोज की तरह पश्चिमी मुंबई केअंधेरी इलाके में जीतनगर स्थित जीतेश्वर महादेव मंदिर में सुबह 8 बजे पूजा करने पहुंचे थे. तभी मंदिर के बाहर उनके शरीर को 16 गोलियों से छलनी कर दिया गया था. उनकी हत्या की खबर से पूरे बॉलीवुड में सनसनी फैल गई थी.