मनोज कुमार को जन्मदिन की बधाई, एक दिन उन्हें ही अपनी फिल्म का हीरो बनाया
मुझे तेरी बात सुननी पड़ेगी. मैं उनसे कहता था कि दिलीप साहब ये सीन कर दीजिए, उन्होंने कभी उफ तक नहीं की’
मनोज कुमार (Manoj Kumar) हिंदी सिनेमा के वह दिग्गज कलाकार हैं जिसने 60 के दशक में अपनी फिल्मों के जरिए लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगाई. भारत कुमार के नाम से प्रसिद्ध इस हैंडसम और शर्मीले छवि वाले अभिनेता का जन्म 24 जुलाई 1937 में पाकिस्तान के एबटाबाद (Abbottabad, Pakistan) में हुआ था. इनका असली नाम हरीकिशन गिरी गोस्वामी (Harikrishan Giri Goswami) है. एक्टर और फिल्ममेकर ने जब फिल्मी दुनिया में कदम रखा तो मनोज कुमार नाम रख लिया. चलिए बताते हैं हरीकिशन गिरी गोस्वामी के मनोज कुमार बनने का दिलचस्प किस्सा.
कहते हैं कि मनोज कुमार ने बचपन में फिल्म देखी थी, जिसका नाम था 'शबनम'. 22 अप्रैल 1949 में रिलीज हुई इस फिल्म में दिलीप कुमार और कामिनी कौशल लीड एक्टर थे. बिभूति मित्रा के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में एस डी बर्मन का संगीत था. रंगून वॉर पर आधारित इस फिल्म में दिलीप साहब ने मनोज नामक किरदार निभाया था. इस फिल्म में दिलीप कुमार से मनोज इतने प्रभावित हुए कि अपना नाम ही मनोज कुमार रख लिया.
दिलीप कुमार को देख एक्टर बने मनोज कुमार
दिलीप कुमार के निधन पर मनोज कुमार ने उन्हें याद करते हुए कहा था कि 'मैंने अपनी जिंदगी में सबसे पहली फिल्म दिलीप साहब की देखी थी और उनका फैन हो गया था. जब मैं फिल्म इंडस्ट्री में आया तो मीडिया के कुछ लोग कहने लगे कि मैं दिलीप साहब की कॉपी करता हूं. ये बात आज भी लोग कहते हैं तो मुझे बुरा नहीं लगता'.
'क्रांति' में दिलीप कुमार को किया कास्ट
मनोज कुमार ने फिल्म 'क्रांति' का किस्सा याद करते हुए बताया था कि 'मेरी जिंदगी में वह दिन भी आया जब मैं डायरेक्टर और प्रोड्यूसर बना. दिलीप साहब के साथ फिल्म क्रांति में बतौर डायरेक्टर और एक्टर काम किया. एक बात जरूर कहूंगा कि शूटिंग के दौरान उन्होंने इस बात का जरा भी एहसास नहीं होने दिया कि तुम मेरी फिल्म देख कर एक्टर बने हो और मुझे तेरी बात सुननी पड़ेगी. मैं उनसे कहता था कि दिलीप साहब ये सीन कर दीजिए, उन्होंने कभी उफ तक नहीं की'.