Happy Birthday : एआर रहमान के जन्मदिन पर जाने उनसे जुडी बातें

हिंदी के साथ-साथ साउथ की फिल्मों के भी एक फेमस संगीतकार हैं एआर रहमान (AR Rehman). उन्होंने अपने अब तक के करियर में कई भाषाओं में गाने बनाए हैं. रहमान को गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.

Update: 2022-01-06 00:58 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एआर रहमान (A R Rehman)…ये बस एक नाम नहीं है, ये एक भरोसा है अच्छे गानों का, अच्छे संगीत का. ए आर रहमान ने अपने गानों के साथ-साथ अपने व्यक्तित्व से भी लोगों के दिल को छुआ है. आज पूरी दुनिया अगर उन्हें सजदा करती है तो ये उनकी मेहनत का नतीज है. उन्होंने ऐसे-ऐसे गाने बनाए हैं जो बाकी म्यूजिशियन्स के गानों से अलग हटक होते हैं. इस तरह के गाने सोचना भी अपने आप में खास है. अलग तरह की कंपोजीशन और सिंगर का उनके धुन पर खरा उतरना, सब कुछ बहुत ही जुदा है. आज ए आर रहमान का जन्मदिन है और जन्मदिन के इस मौके पर आज हम उन्हें याद कर रहे हैं और उनके जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं को जानने की कोशिश करेंगे जिसके बारे में आपको अब तक पता ही नहीं है.

ए आर रहमान का पूरा नाम अल्लाह रक्खा रहमान है. वो हिंदी के साथ-साथ साउथ की फिल्मों के भी एक फेमस संगीतकार हैं. ए आर रहमान ने अपने अब तक के करियर में कई भाषाओं में गाने बनाए हैं. रहमान को गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है और ये अवॉर्ड हासिल करने वाले वो पहले भारतीय हैं. इसके अलावा वो ऐसे पहले भारतीय भी हैं, जिन्हें भारतीय फिल्म 'स्लम डॉग मिलेनियर' में उनके संगीत के लिए तीन ऑस्कर नॉमिनेशन्स हासिल हुआ. साथ ही इसी फिल्म के गीत 'जय हो' के लिए सर्वश्रेष्ठ साउंडट्रैक कंपाइलेशन और सर्वश्रेष्ठ फिल्मी गीत की कैटेगरी में दो ग्रैमी पुरस्कार भी मिले.
11 साल की उम्र में ही चढ़ गया था म्यूजिक का खुमार
ए आर रहमान यानी अल्लाह रक्खा रहमान का जन्म 6 जनवरी 1967 को चेन्नई, तमिलनाडु, भारत में हुआ. जन्म के समय उनका नाम ए एस दिलीप कुमार था जिसे बाद में बदलकर उन्होंने ए आर रहमान रख लिया. दरअसल, रहमान को संगीत विरासत में मिली है. उनके पिता आरके शेखर मलयाली फिल्मों में संगीत देते थे. रहमान ने अपनी संगीत की शिक्षा मास्टर धनराज से हासिल की है. महज 11 साल की छोटी सी उम्र में ही रहमान अपने बचपन के दोस्त शिवमणि के साथ रहमान बैंड रुट्स के लिए की-बोर्ड बजाने का काम करते थे.
वो इलैयाराजा के बैंड के लिए काम करते थे. ए आर रहमान की-बोर्ड से लेकर हारमोनियम और गिटार भी बजाते थे. रहमान जब 9 साल के ही थे, उस वक्त उनके पिता की मृत्यु हो गई थी पैसों की तंगी की वजह से उनके घरवालों को म्यूजिक इन्सट्रूमेंट्स को बेचना पड़ गया था. उनके घर की माली हालत इतनी बिगड़ गई थी कि उनके परिवार को इस्लाम अपनाना पड़ा. बैंड में काम करते हुए ही उन्हें लंदन के ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ म्यूजिक से स्कॉलरशिप भी मिली. वहां से उन्होंने वेस्टर्न शास्त्रीय संगीत में डिग्री हासिल की.
ए आर रहमान की पत्नी का नाम सायरा बानो है. साल 1995 में रहमान की शादी सायरा बानो से हुई थी. उनके तीन बच्चे हैं- खदीजा, रहीम और अमन. रहमान दक्षिण भारतीय अभिनेता राशिन रहमान के रिश्तेदार भी हैं. रहमान, संगीतकार जी वी प्रकाश कुमार के चाचा हैं.
साल 1991 में ए आर रहमान ने अपना खुद का म्यूजिक रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया था. पहली बार उन्हें साल 1992 में फिल्म डायरेक्टर मणिरत्नम की फिल्म 'रोजा' में संगीत देने का मौका मिला. इस फिल्म का म्यूजिक हिट रहा और इस तरह पहली ही फिल्म के लिए रहमान को फिल्मफेयर का पुरस्कार मिला था. पहली फिल्म से ही जो जीतने की आदत रहमान को लगी, वो आज भी उसी तरह से कायम है. यही वजह है कि रहमान के गानों की 200 करोड़ से भी ज्यादा रिकॉर्डिंग बिक चुकी हैं. आज रहमान को पूरी दुनिया के टॉप 10 कंपोजर्स में गिना जाता है. अभी हाल ही में उन्होंने अक्षय कुमार की फिल्म 'अतरंगी रे' के लिए भी म्यूजिक दिया है.


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