ढाका टेरर अटैक पर बनी फिल्म 'फराज' भारत में बेशक दस्तक दे चुकी हो, लेकिन बांग्लादेश में इसकी रिलीज पर तलवार लटक गई है। दरअसल, बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने सोमवार को देश के सिनेमाघरों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भारतीय फिल्म निर्माता हंसल मेहता द्वारा निर्देशित फिल्म 'फराज' के प्रचार और स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी है।
'फराज' एक रियल लाइफ आतंकवादी (Terrorist) हमले पर आधारित एक हॉस्टेज ड्रामा फिल्म है, जो साल 2016 में ढाका के एक कैफे में हुए हमले को पर्दे पर लाती है। इस हमले में वह कैफे पूरी तरह से तहस-नहस हो गया था। फिल्म में जूही बब्बर, आमिर अली, जहान कपूर और आदित्य रावल सहित कई अन्य कलाकार हैं। फिल्म के खिलाफ दायर की गई एक याचिका की सुनवाई के बाद, हाई कोर्ट के जज एमडी खसरुज्जमां और एमडी इकबाल कबीर ने बांग्लादेश में फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है।
1 जुलाई, 2016 को होली आर्टिसन कैफे पर हुए हमले में आतंकवादियों (terrorists) द्वारा मारे गए अबिंता कबीर की मां रुबा अहमद ने बांग्लादेश के हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की थी। जहां फिल्म को हाई कोर्ट ने बैन कर दिया है, वहीं बांग्लादेश फिल्म सेंसर बोर्ड ने भी अभी तक फिल्म (Film) को मंजूरी नहीं दी है। याचिकाकर्ता के वकील के मुताबिक इस याचिका को दायर करने के पीछे फिल्म का फुटेज है, जिसमें दो उग्रवादियों को अबिंता के बारे में बात करते हुए दिखाया गया है। उनके पहनावे को इस तरह दिखाया गया है कि हमारे सभ्य समाज में पढ़े-लिखे परिवार कभी नहीं पहनेंगे। ढाका ट्रिब्यून के अनुसार करीम ने कहा, फिल्म में लड़की के चरित्र को नीचा दिखाया गया था।
वह आगे बोले, 'इसके अलावा, फिल्म में कानून प्रवर्तन अधिकारियों की विफलता को दिखाया गया है जो हमारी संप्रभुता के बारे में गंभीर सवाल खड़े करता है। इन कारणों से, इस फिल्म को बांग्लादेश में किसी भी मंच पर नहीं दिखाया जाना चाहिए।'