गरीब घर में पली-बढ़ी ये लड़की है मॉडल, विदेशों में बन गई Nude आर्टिस्ट
निकिता गोखले (Nikita Gokhale) आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है
निकिता गोखले (Nikita Gokhale) आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है. गरीब घर में पली-बढ़ी ये मॉडल देश में ही बल्कि विदेशों में भी अपने हुस्न का डंका बजा चुकी हैं. निकिता एक प्रोफेशनल आर्ट न्यूड मॉडल हैं और मशहूर प्लेबॉय मैगजीन में भी अपनी जगह बना चुकी हैं लेकिन, उनका बचपन गरीबी में बीता है. पिता को शराब की लत थी और हर दिन उनके परिवार को खाने के लिए संघर्ष करना पड़ता था. निकिता (Nikita Gokhale) नागपुर के एक छोटे से गांव तुमसर से ताल्लुक रखती हैं, लेकिन आज वह इंटरनेशनल लेवल पर अपनी पहचान बना चुकी हैं. आज हम आपको उनके संघर्ष की कहानी बताने जा रहे हैं.
बारिश में घर में घुस जाता था पानी
निकिता (Nikita Gokhale) ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि वह बहुत गरीब परिवार से थीं. उनके पास रहने के लिए अच्छा घर तक नहीं था. बारिश में घर के अंदर पानी घुस जाता है. रोज जैसे-तैसे खाने की व्यवस्था करती थी. उन्होंने कहा, 'नागपुर में गरीब लोग जंगल की लकड़ियां बेचकर अपना गुजारा करते हैं. मेरे पिता भी यही काम करते थे. उन्हें एक मोरी लकड़ी के बदले 5 रुपए मिलते थे ऐसे में घर का खर्चा नहीं चल पाता था. हमारे घर का किराया 80 रुपए महीना था. घर भी ऐसा था कि बारिश का अंदर पानी घुस जाता था. हमारे घर पर लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनता था. पिता को शराब की लत थी. वह जो भी कमाते थे तो आधे पैसे शराब में उड़ा देते थे'.
पड़ोसियों के दिए हुए बासी चावल खाकर किया गुजारा
निकिता (Nikita Gokhale) ने बताया कि वह आम बेचकर खाने की व्यवस्था करती थीं. उन्होंने बताया, 'मइयत ले जाने के दौरान लोग पैसे फैंकते थे तो मैं उन पैसों को उठा लेती थी और उससे शाम का खाना अरेंज करती थी. 15 साल की उम्र में मैं पेड़ से गिर हुए आमों को बाजार में 2 रुपए प्रति किलो के दाम से बेचती थी. इससे हमारे रात के खाने का जुगाड़ होता था. हमारी हालत ऐसी थी कि पड़ोसी रात के बचे हुए चावल को हमें दे देते थे और मां उसे धोकर उसमें नमक-मिर्ची डालकर हमें खिलाती थी. हम लोग ऐसे बड़े हुए हैं'.
स्टॉक मार्केट के काम में हुआ भारी नुकसान
उन्होंने बताया, '12वीं की पढ़ाई के दौरान मैंने फैसला कर लिया कि मैं सीए बनूंगी. मैं पढ़ने में बहुत अच्छी थी लेकिन स्कूल में मुझे मेरे रंग को लेकर बुली किया जाता था. एक बार घर में मेरी शादी को लेकर बात होने लगी मैंने सोचा कि अब मैं अपने सपने को पूरा नहीं कर पाऊंगी तो मैं घर छोड़कर तुमसर से भागकर नागपुर चली गई. मैं वहां पर अपनी मौसी के यहां रुक गई. मैंने काम ढूंढना शुरू कर दिया तो मुझे मार्केटिंग का काम मिला जिसमें मुझे कुछ कार्ड्स बेचने थे. इसके लिए मुझे कमीशन के रूप में कुछ पैसे मिलते थे. शुरुआत में कार्ड नहीं बिके, लेकिन कुछ समय बाद बिकने लगे. मैंने सीए की कोचिंग शुरू कर दी. धीरे-धीरे अकाउंटिंग का काम भी करने लगी. स्टॉक का काम भी सीख लिया. नागपुर से चंडीगढ़ चली गई है और वहां पर एक कंपनी में स्टॉक मार्केटिंग का काम करने लगी'. निकिता ने बताया कि उन्होंने कुछ समय बाद खुद का स्टॉक मार्केटिंग का काम शुरू कर दिया. अच्छी-खासी कमाई होने लगी. इस बीच घर और कार भी खरीद ली. सबकुछ अच्छा चल रहा था तभी मार्केट डाउन हो गया और इसमें उन्हें बहुत नुकसान पड़ गया. उनकी सात साल की मेहनत बेकार हो गई.
ऐसे पलटी निकिता गोखले की किस्मत
इंटरव्यू में निकिता (Nikita Gokhale) ने बताया कि जब उनका काम बंद होने की कगार पर आ गया तो उस दौरान फेसबुक पर उनकी बैंकॉक के एक मॉडल से बात हुई. उन्होंने कहा, 'मॉडल ने मुझे मैसेज कर बताया कि एक यूके का एक फोटोग्राफर है, जो न्यूड फोटोशूट के लिए डस्की कलर की मॉडल ढूंढ़ रहा है. उसने मुझसे कहा कि तुम क्यों नहीं कर लेती ये काम. मैंने पूछा कि पैसे कितने मिलेंगे तो उसने बताया कि एक दिन के 4 से साढ़े 4 लाख मिलेंगे. मैंने हां कर दिया. फोटोग्राफर ने मेरी फोटोज खींची और शाम तक मेरे अकाउंट में साढ़े 4 लाख रुपए आ गए. जब मैं पहली बार न्यूड होकर फोटोज क्लिक करवाई तो मुझे कुछ भी खराब नहीं लगा. इसके बाद मैं प्लेबॉय मैगजीन के लिए सेलेक्ट हो गई. मझे ये काम पसंद आ गया और सोचा कि अब मुझे यही करना है. हालांकि, उसके बाद मुझे कुछ सालों तक कोई काम नहीं मिला. इसके बाद मेरी किस्मत पलटी. साल 2015 में मैं एडम से मिली जो लंदन की एक एड एंजेंसी में काम करते थे. उन्होंने यूके की एक मॉडलिंग एंजेंसी से मेरा कॉन्टैक्ट करवाया. वहां से मेरी क्लासिकल आर्ट नयूड वाली जर्नी शुरू हुई. इसके बाद मैंने पीछे कभी मुड़कर नहीं देखा.