गोविंदा की बेटी ने नेपोटिज्म को लेकर कही चौकाने वाली बात, बोली- 30 से 40 प्रोजेक्ट मेरे पास...
बॉलीवुड में अब कोई भी बड़ा सितारा अपने बच्चों को फिल्म फील्म में उतारने से पहले हजार बार सोचता है.
बॉलीवुड में अब कोई भी बड़ा सितारा अपने बच्चों को फिल्म फील्म में उतारने से पहले हजार बार सोचता है. वजह सिंपल है- नेपोटिज्म. इस एक शब्द ने कई स्टार किड्स के करियर पर असर डाला है, कई सेलेब्स की छवि धूमिल की है. एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से तो ये ट्रेंड काफी तेजी से बढ़ा है.लेकिन इस बढ़ते ट्रेंड के बीच सुपरस्टार गोविंदा की बेटी टीना आहूजा की अलग ही राय है.
गोविंदा की बेटी ने नेपोटिज्म पर क्या बोला?
वे खुद को नेपो किड मानने से इनकार करती हैं. उनकी नजरों में वे गोविंदा की बेटी जरूर हैं, लेकिन उन्हें सभी फिल्में अपनी काबिलियत के दम पर मिलीं, वहीं उन्होंने कभी भी अपने पिता के जरिए किसी भी तरह का रिफरेंस भी नहीं लगवाया. इस बारे में टीना ने विस्तार से बात की है. इंटरव्यू में टीना ने कहा है- मैंने कभी भी अपने पिता से काम नहीं मांगा है. जिस दिन मदद चाहिए होगी, वे मेरे लिए खड़े होंगे. लेकिन मुझे कोई भी नेपो किड नहीं कह सकता है. मुझे मेरे टैलेंट पर काम मिला है.
टीना की गोविंदा ने कितनी मदद की?
टीना की माने तो उनके पिता गोविंदा कभी भी उनके काम में हस्तक्षेप नहीं करते हैं. उनकी तरफ से कभी भी किसी भी तरह की सिफारिश नहीं रखी जाती है. लेकिन एक्ट्रेस ने इतना जरूर माना है कि उनका पूरा रिपोर्ट कार्ड उनके पिता के पास जाता है. वे कब, कौनसी फिल्म कर रही हैं, इसकी जानकारी गोविंदा को हमेशा रहती है. वैसे टीना अहूजा खुद को नेपो किड इसलिए भी नहीं कहती हैं क्योंकि इस समय उनके पास फिल्म ऑफर काफी सीमित हैं. उनकी नजरों में अगर वे अपने पिता की मदद लेतीं तो शायद उनके पास भी 30 से 40 प्रोजेक्ट होते.
वर्क फ्रंट पर टीना अहूजा ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत साल 2015 में फिल्म सेकेंड हैंड हसबैंड से की थी. वो फिल्म बॉक्स ऑफिर पर बुरी तरह पिट गई थी और टीना की एक्टिंग भी कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई. टीना के किसी फ्यूजर प्रोजेक्ट को लेकर भी चर्चा नहीं हो रही है. ऐसे में अभी उन्हें बड़े पर्दे पर शायद ही देखा जाए.