गजल गायक पंकज उधास ने कहा - गजल लोगो के बीच हमेशा प्रिय रहेगा

गजल सिंगर पंकज उधास की आवाज का जादू आज भी लोगों के सिर चढ़कर बोलता है

Update: 2021-02-15 16:43 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | गजल सिंगर पंकज उधास की आवाज का जादू आज भी लोगों के सिर चढ़कर बोलता है। पंकज पिछले 41 सालों से अपनी गजल के माध्यम से लोगों को एंटरटेन कर रहे हैं। उनका मानना है कि समय कितना भी क्यों न बदल जाए, लेकिन गजल के प्रति लोगों का प्यार कभी कम नहीं होने वाला है।

लखनऊ में पंकज उधास ने कोरोना काल के बीच पहला लाइव परफॉर्मेंस दिया। इस दौरान उन्होंने कहा, ''मेरा हमेशा से मानना ​​रहा है कि आपको समय के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। वर्तमान में, लोगों के साथ इंटरैक्ट करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण साधन डिजिटल माध्यम है। इसके जरिए मैं गजल और कविता के बारे में कई कॉन्सेप्ट्स इंट्रोड्यूस करना चाहता हूं, जो मेरे मन में है।''
पंकज उधास थियेटर आर्टिस्ट सलीम आरिफ के साथ मिलकर म्यूजिकल प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ''मैं मिर्जा गालिब को लेकर एक प्रोग्राम पर काम कर रहा हूं। इसका फोकस उन पर होगा, लेकिन जैसा कि हम एपिक सीरियल में देखते आए हैं, उससे यह अलग होगा। अगले महीने से, श्रोताओं को न्यू सिंगल्स सुनने को मिलेंगे जिसमें उन्हें गाना, कंपोजिशन, लिरिक्स और अन्य चीजों के बारे में जानकारी मिलेगी।''
उन्होंने कहा, ''समय के अनुसार, म्यूजिक ने कई आयामों को बदल दिया है और यह परिवर्तन मुख्य रूप से टेक्नोलॉजी और साउंड डिजाइन के कारण हुआ है, लेकिन गजल को लेकर अच्छी बात यह है कि इसका मूल घटक नहीं बदला है। यहां तक कि आज भी जब लोग थके होते हैं उन्हें शांति और एकांत गजलों में ही मिलती हैं।''
पंकज उधास का कहना है कि 80s और 90s की गजलें आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा, ''म्यूजिक मनोरंजन का सबसे बड़ा सोर्स था क्योंकि केवल टीवी बाद में आया था और इंटरनेट भी नहीं था। हमें श्रोताओं का पूरा ध्यान मिलता था और म्यूजिक प्रेमी कैसेट्स का इंतजार करते थे। आज हमारे पास सभी गाने इंटरनेट पर मौजूद हैं, लेकिन लोगों के पास म्यूजिक के लिए समय नहीं है। वे अब उतना म्यूजिक नहीं सुनते हैं जितना पहले सुना करते थे। श्रोताओं का पैशन और अटेंशन पहली की तरह नहीं रहा। शायद ऐसा बिजी लाइफ स्टाइल और जॉब के कारण हो।''
पंकज उधास ने कहा कि फिल्मों में गाए हुए मेरे गाने हमेशा डिमांड में रहे हैं, लेकिन अच्छा तब लगता है कि जब यंगस्टर्स मेरे पास आकर 'दीवारों से मिल कर रोना', 'एक तरफ उसका घर' और 'आप जिनके करीब होते हैं' गाने के लिए रिक्वेस्ट करते हैं। गजलों के लिए लोगों का प्यार कभी कम नहीं होगा।


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