भारती के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, दाढ़ी-मूंछ का मजाक बनाने पर दर्ज हुई एफआईआर
भारती सिंह के दाड़ी-मूंछ वाले मजाक को अल्पसंख्यक आयोग ने गंभीरता से लेते हुए पंजाब और महाराष्ट्र प्रशासन से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने कॉमेडियन भारती सिंह के मूंछ और दाढ़ी पर कथित तौर पर सिखों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले मजाक पर पंजाब और महाराष्ट्र प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। आयोग का कहना है कि इससे सिख समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं।
दाढ़ी-मूंछ का मजाक बनाने पर दर्ज हुई एफआईआर
भारती का दाढ़ी-मूंछ का मजाक बनाते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिस पर सिख समुदाय ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी। इसके साथ ही सिख समुदाय ने भारती पर केस दर्ज कराने की मांग की थी। इस मामले में भारती ने हाथ जोड़कर माफी भी मांगी लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ और अब उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई।
भारती के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
दरअसल, भारती सिंह वीडियो में दाढ़ी और मूंछ को लेकर कमेंट करती दिखाई दी। इसको लेकर भारती को जमकर ट्रोल किया जा रहा था और अमृतसर में प्रदर्शन भी किया गया। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीएस) की और से इस मामले में शिकायत देकर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की गई थी। जिसके बाद कॉमेडियन भारती सिंह पर आईपीसी के सेक्शन 295 ए के तहत एफआईआर दर्ज हुई।
शो के दौरान दाड़ी-मूंछों पर किया था जोक
भारती का जो वीडियो वायरल हुआ, उसमें वह एक कॉमेडी शो के दौरान जैसमीन भसीन के साथ बैठी हुई हैं। तभी भारती कहती हैं, 'दाढ़ी-मूंछ क्यों चाहिए? दूध पानी के बाद दाढ़ी को मुंह में डाल दो तो सेवइयों का स्वाद आता है। मेरी सारी दोस्त जिनकी अभी शादी हुई है वो सारा दिन दाढ़ी से जुएं निकालने में व्यस्त रहती हैं।' भारती के इसी मजाक को किसी ने पसंद नहीं किया और उनका विरोध किया गया।
हाथ जोड़कर माफी भी मांग चुकी हैं भारती
हालांकि, भारती एक वीडियो शेयर कर सभी से हाथ जोड़कर माफी भी मांग चुकी हैं। भारती ने कहा कि जो भी लोग इस वीडियो पर आपत्ति जता रहे हैं, वो इसे एक बार और देखें। मैंने कभी भी किसी धर्म या जाति को लेकर कुछ नहीं कहा। मेरा किसी को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था। मैं खुद पंजाबी हूं और पंजाब का मान रखूंगी। मैं लोगों को हंसाने के लिए कॉमेडी करती हूं, किसी को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं। अगर मेरी बात का बुरा लगा है तो बहन समझ कर माफ कर देना