इस अभिनेत्री की बहन के खिलाफ भी FIR, पूछताछ के लिए जल्द भेजा जाएगा समन

बेवजह बयानबाजी करना कंगना रनौत को महंगा पड़ गया है.

Update: 2020-10-18 03:15 GMT

बेवजह बयानबाजी करना कंगना रनौत को महंगा पड़ गया है. दो समुदायों के बीच विवाद हो ऐसी बयानबाजी करने को लेकर कोर्ट ने मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं. मुंबई पुलिस ने कंगना और उनकी बहन रंगोली के खिलाफ बांद्रा पुलिस स्टेशन में देशद्रोह का मामला दर्ज किया है. अगले एक से दो दिनों में कंगना और उनकी बहन रंगोली दोनों को पूछताछ के लिए समन भेजा जाएगा.

कोर्ट में कंगना के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए याचिका दाखिल की गई थी. याचिका में आरोप लगाया गया था कि कंगना ने दो समुदाय के बीच विवाद हो ऐसे वक्तव्य दिए हैं. इस याचिका पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने आज कंगना रनौत पर केस दर्ज करने के आदेश मुंबई पुलिस को दिए.

पिछले 15 साल से बॉलीवुड इंडस्ट्री में कास्टिंग डायरेक्टर का काम कर रहे सोहेल सैयद ने कोर्ट मे कंगना के खिलाफ मामला दर्ज करने की याचिका दायर कि थी. सोहेल ने कंगना पर आरोप लगाया की कंगना की वजह से आज बॉलीवुड इंडस्ट्री मे जात-पात शुरू हो गई है. वरना 15 साल से उन्होंने इंडस्ट्री में ऐसे हालात नहीं देखे थे. कंगना जो आरोप लगाती है उसका उनके पास कोई तथ्य नही होता, लेकिन फिर भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का अपमान कंगना ने किया है वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

बता दें कंगना रनौत अपने विवादित बयानों के लिए हमेशा से ही चर्चा मे रही हैं, सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद कंगना रनौत की बयानबाजी और भी तीखी हो गई थी, कभी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शिवसेना नेता संजय राउत, मुंबई पुलिस, बॉलीवुड इन सब पर कंगना ने अपनी जमकर भड़ास निकाली तो वहीं कंगना की बहन ने भी ऐसी बयानबाजी की जिससे समाज में द्वेष का निर्माण हो, सोहेल के वकील ने ऐसा आरोप लगाया.

शिकायतकर्ता सोहेल सैय्यद पहले बांद्रा पुलिस स्टेशन गए थे और उन्होंने कंगना रनौत पर मामला दर्ज करने की मांग कि थी, जिसे पुलिस ने दरकिनार कर दिया. इसके बाद सोहेल ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट के सामने कंगना के खिलाफ जो सबूत सोहेल के पास थे, उसके आधार पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.

कंगना पर दर्ज हुए मामले पर शिवसेना नेता संजय राउत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो भी कानून का उल्लंघन करेगा उसको सजा जरूर मिलेगी. फिलहाल तो कंगना और उनकी बहन रंगोली की मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही हैं.

कंगना पर देशद्रोह का मामला दर्ज

आईपीसी की धारा 153 (ए) उन लोगों पर लगाई जाती है, जो धर्म, भाषा, नस्ल वगैरह के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं. धारा 153 (ए) के तहत 3 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. अगर ये अपराध किसी धार्मिक स्थल पर किया जाए तो 5 साल तक की सजा और जुर्माना भी हो सकता है.

भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 295A के अंतर्गत वह कृत्य अपराध माने जाते हैं जहां कोई आरोपी व्यक्ति, भारत के नागरिकों के किसी वर्ग (class of citizens) की धार्मिक भावनाओं (Religious Feelings) को आहत (outrage) करने के विमर्शित (deliberate) और विद्वेषपूर्ण आशय (malicious intention) से उस वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करता है या ऐसा करने का प्रयत्न करता है.

यह अपमान, उच्चारित शब्दों (Spoken words) या लिखित शब्दों (written words) द्वारा या संकेतों (signs) द्वारा या दृश्यरूपणों (visible representations) द्वारा या अन्यथा किया जा सकता है.

आईपीसी की धारा 124ए कहती है कि यदि कोई भी व्यक्ति भारत की सरकार के विरोध में सार्वजनिक रूप से ऐसी किसी गतिविधि को अंजाम देता है जिससे देश के सामने सुरक्षा का संकट पैदा हो सकता है तो उसे उम्रकैद तक की सजा दी जा सकती है. इन गतिविधियों का समर्थन करने या प्रचार-प्रसार करने पर भी किसी को देशद्रोह का आरोपी मान लिया जाएगा.

भारतीय दंड संहिता की धारा 34 के अनुसार, जब एक आपराधिक कृत्य सभी व्यक्तियों ने सामान्य इरादे से किया हो, तो प्रत्येक व्यक्ति ऐसे कार्य के लिए जिम्मेदार होता है जैसे कि अपराध उसके अकेले के द्वारा ही किया गया हो.

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