मनोरंजन: बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर और फिल्ममेकर फराह खान को हम अक्सर मस्ती के मूड में देखते हैं। फराह बिंदास अंदाज के साथ हंसी-मजाक करती हुईं खुशियां बिखेरती नजर आती हैं। ऐसा नहीं है कि फराह की जिंदगी में कभी कोई गम या परेशानी नहीं रही। औरों की जैसे उन्होंने भी कई उतार-चढ़ाव का सामना किया है। फराह का बचपन बहुत मुश्किलों में बीता है। फराह ने एक्टर व एंकर मनीष पॉल के पॉडकास्ट में दिए एक इंटरव्यू में अपना दर्द बयां किया।
पिता की मौत के वक्त फराह के घर में पैसे की इतनी दिक्कत थी कि उन्हें और उनके भाई साजिद खान को अंतिम संस्कार का इंतजाम करने में भी पसीने छूट गए थे। फराह ने कहा कि पापा अपनी आखिरी रात में ताश खेल रहे थे। उन्होंने 30 रुपए जीते और जब उनकी मौत हुई तो उनकी जेब में वही 30 रुपए थे।
एक समय पर हमारी माली हालत इतनी खराब हो गई थी कि हम अपने दरवाजे पर लगे ताले की मरम्मत भी नहीं करा पाए थे। मेरी मां ने इसे बंद रखने के लिए दरवाजे के नीचे एक पत्थर रख दिया था। उल्लेखनीय है कि आज फराह के पास पैसे और शौहरत की कोई कमी नहीं है। वे 80 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुकी हैं। फराह 6 फिल्म फेयर और एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुकी हैं। फराह ने चार फिल्में भी बनाई हैं।
करण की पार्टियों में पहले निकलने वाली की होती है चुगली : फराह
इसी इंटरव्यू के दौरान फराह ने मशहूर फिल्ममेकर करण जौहर की पार्टियों के बारे में एक दिलचस्प खुलासा किया। फराह ने कहा कि ये मैंने वक्त के साथ सीखा है। पहले मैं करण की पार्टी से जल्दी निकल जाया करती थी। बाद में मुझे पता चला कि जो भी पहले जाता है, पार्टी में लोग उसकी चुगली करना शुरू कर देते हैं। मैंने करण से भी कह दिया था कि मैं पहले नहीं जाऊंगी। जैसे ही मैं जाऊंगी, आप कहने लगेंगे कि देखो उसने क्या पहना था!
एक बार मैंने इस बात को कंफर्म करने की भी कोशिश की थी। मैं पार्टी से जल्दी निकल गई थीं और फिर चुपके से पीछे के दरवाजे से अंदर आ गईं। मैं बालकनी में छुपकर लोगों की बातें सुनने लगीं, लेकिन वहां कोई मेरे बारे में बात नहीं कर रहा था। आपको बता दें कि फराह और करण अच्छे दोस्त हैं। करण को बॉलीवुड का 'गॉसिप बॉय' कहा जाता है, जिनके पास हर किसी की खबर रहती है। उनका शो 'कॉफी विद करण' भी ऐसी ही बातों के लिए लोकप्रिय है।