'लाल सिंह चड्ढा' और 'रक्षाबंधन' के सामने दोहरी चुनौती, थियेटर्स से पहले ट्रोल्स को दी अग्निपरीक्षा

हालांकि यहां हम ये नहीं कह रहे हैं कि फिल्म की आलोचना न कि जाए। फिल्मों की आलोचना होना बेहद जरूरी है। ये फि

Update: 2022-08-03 08:49 GMT

Boycott Bollywood trend not good for Laal Singh Chaddha and Raksha Bandhan: बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान (Aamir Khan) की लाल सिंह चड्ढा (Laal Singh Chaddha) और अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की फिल्म रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) अगले गुरूवार के दिन बॉक्स ऑफिस पर एक दूसरे के आमने-सामने होंगी। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के दो बड़े सितारों के बीच बॉक्स ऑफिस पर होने वाला मेगा क्लैश जहां अखबारों की सुर्खियों में होता तो वहीं, अब इन दोनों फिल्मों ने नई वजह से हेडलाइन कमाई है। ये वजह है बॉयकॉट बॉलीवुड ट्रेंड... सोशल मीडिया पर इन दोनों फिल्मों के खिलाफ चल रहे इस बॉयकॉट बॉलीवुड ट्रेंड ने इन दिनों सुर्खियां बनाई हुई हैं। इस ट्रेंड की वजह से अब दोनों फिल्मों के सितारे भी परेशान होते दिखने लगे हैं। 

हाल ही में सुपरस्टार आमिर खान ने भी इस ट्रेंड पर चिंता जताते हुए बयान दिया था, 'लोगों को लगता है कि मैं भारत के खिलाफ हूं। मगर ऐसा नहीं हैं। हमने ये फिल्म बेहद प्यार और मेहनत से बनाई है। कृप्या करके इसे बायकॉट न करें। मुझे अपने देश से प्यार है।' आमिर खान का ये बयान उनकी चिंता और झटपटाहट को बयां कर रहा है। वहीं, ऐसा ही कुछ हाल अक्षय कुमार का भी है। लाल सिंह चड्ढा के बाद अब सोशल मीडिया पर लोग अक्षय कुमार की फिल्म रक्षाबंधन को भी टारगेट कर रहे हैं। ऐसे में इन दोनों ही फिल्मों के मेकर्स भी गहरी चिंता में हैं। 
एक ऐसे वक्त में जब हिंदी फिल्म इंडस्ट्री कोरोना काल के बुरे दौर के बाद से ट्रैक पर लौटने की कोशिश कर रही है। जहां हर हफ्ते बॉलीवुड फिल्मों को दर्शक सिरे से नकारते दिख रहे हैं। तब दो बड़े सुपरस्टार्स की ऐसी फिल्में जिन्हें भारी बजट में बनाया गया है। जिनके ट्रेलर्स तक ने दर्शकों को इंप्रेस किया है। उस वक्त इंडस्ट्री को वापस पटरी पर लाने की फिल्ममेकर्स की ये कवायद कहीं सोशल मीडिया ट्रेंड्स की भेंट न चढ़ जाए। 
क्या बिना फिल्म के रिलीज हुए, सिर्फ फिल्मी सितारों से जुड़े गढ़े मुर्दे उखाड़कर फिल्म की बुराई बिना देखे करना सही है। ये एक बड़ा सवाल है। फिल्म कैसी है? कितनी अच्छी है और कितनी बुरी? क्या खामिया हैं? क्या अच्छाई है? इसे तोलमोले बिना पहले ही निगेटिव ट्रेंड करना कहां तक सही है? ये एक बड़ा सवाल है। हालांकि यहां हम ये नहीं कह रहे हैं कि फिल्म की आलोचना न कि जाए। फिल्मों की आलोचना होना बेहद जरूरी है। ये फि


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