एक्ट्रेस बिपाशा बसु और करण सिंह ग्रोवर की बेटी देवी को दिल में छेद गंभीर समस्या का सामना कर चुकी
एक्ट्रेस बिपासा बसु अक्सर अपनी बेटी को लेकर सुर्खियों में रहती हैं. बिपाशा और करण सिंह ग्रोवर की बेटी देवी को लेकर कपल एक बहुत बड़ी मुसीबत को झेल चुका है. एक्ट्रेस ने इसका खुलासा खुद सोशल मीडिया पर किया है. बिपाशा का कहना है कि उनकी बेटी के जन्म के बाद उसके दिल में एक नहीं बल्कि दो छेद थे. एक्ट्रेस ने बताया कि बेटी देवी की जन्म के तीन बाद उन्हें इस बात की जानकारी मिली. ये सुनने के बाद बिपाशा और उनके पति करण को इस खबर ने बुरी तरह हिलाकर रख दिया था.
एक्ट्रेस ने लाइव वीडियो में बताया कि पहले वह इस खबर को सबसे साथ शेयर करना नहीं चाहती थीं, लेकिन वह खुद को रोक नहीं पाईं. बच्चे में इस तरह की परेशान अपने आप में चौंकाने वाली है. आपको बताते हैं कि दिल की इस बीमारी की वजह क्या है और इसे कैसे बचाव रखा जा सकता है.
वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट
दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर हॉस्पिटल के डॉक्टर अजीत जैन बताते हैं कि गर्भ में जब शिशु के अंगों की संरचना होती है तो उसी दौरान दिल भी बनता है. डॉक्टर कहते हैं कि विकास में अगर किसी तरह का दोष है तो इसका असर दिल में छेद या दूसरी बीमारियों के रूप में नजर आ सकता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि दिल की इस दिक्कत का इलाज सर्जरी ही है.
क्या होती है ये दिक्कत
बच्चे के दिल में छेद की समस्या को वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट पुकारा जाता है. डेवलपमेंट के दौरान डिफेक्ट की वजह से दिल में छेद हो सकता है. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अवांछित तत्व के संपर्क में आने की वजह से विकास प्रभावित होता है. ऐसे में दिल की संरचना पर बुरा असर पड़ता है. इसमें दिल में छेद से लेकर हार्ट के हिस्से का न बनना जैसी कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.
दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल के डॉक्टर जुगल किशोर कहते हैं कि विकास के दौरान बच्चे का दिल भी डेवलप होता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि दिल का विकास चार चैम्बर होते हैं और ये दोनों साइड से जुड़ता है. अगर ये ठीक से न जुड़ पाए तो भी दिल संबंधित समस्याएं हो जाती हैं. पोषण में कमी या दूसरी वजह से दिल में छेद की दिक्कत हो सकती है.
डायबिटीज भी है एक कारण
गर्भवती महिला को टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज का होना आजकल आम हो गया है. डॉक्टरों के मुताबिक अगर शुगर को कंट्रोल न किया जाए तो बच्चे में जन्म से ही हार्ट से जुड़े डिफेक्ट्स हो सकते हैं. अगर महिला के शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ जाया तो गर्भ में पल रहे शिशु का विकास बाधित होने लगता है.
गलत खानपान
महिलाएं प्रेगनेंसी में भी ऐसी चीजों को खाती या पीती हैं जो न सिर्फ उनकी सेहत बल्कि बच्चे के लिए भी खतरनाक होती हैं. प्रेगनेंसी में नियमित रूप से शराब पीने से बच्चे को सीएचडी की दिक्कत हो सकती है. ये वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट से जुड़ी हुई हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि दिल में छेद या दूसरी समस्याएं अनुवांशिक भी हो सकती है लेकिन इससे बचाव के लिए प्रेगनेंसी में कई चीजों का खास ध्यान रखना जरूरी है. वैसे दिल में छेद का बेस्ट इलाज सर्जरी ही है.