Death Anniversary: नुसरत फतेह अली खान के नगमे आज भी जीत लेते हैं लोगों का दिल, सुनें 'नित खैर मांगा' से लेकर 'आफरीन' तक

नुसरत फतेह अली खान के नगमे

Update: 2021-08-16 08:03 GMT

कव्वाली शब्द आज भी जिंदा है वो इस वजह से क्योंकि कव्वाली (शहंशाह-ए-कवाली) के राजा, उस्ताद नुसरत फतेह अली खान ने अपने पीछे विशाल विरासत छोड़ी है. 'द वॉयस ऑफ हेवन' के नाम से मशहूर पाकिस्तान के संगीतकार और संगीत निर्देशक नुसरत कई घंटों तक लगातार परफॉर्म करते थे. साल 2016 में उन्हें एलए वीकली चौथे सबसे बड़े गायक के नाम से नामित किया गया था. इतना ही नहीं नुसरत के नाम पर सबसे अधिक रिकॉर्ड किए गए आउटपुट के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है.

नुसरत ही वो आर्टिस्ट हैं जिन्होंने कई कॉन्टिनेंट्स में सूफी और कव्वाली शैली को पेश किया है. उन्होंने 40 देशों में ट्रैवल करते वहां अपनी शानदार परफॉर्मेंसेस से लोगों का दिल जीता है. आज भले ही नुसरत इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन उनके संगीत और गीत आज भी सबके दिलों में बसे हैं. तो आज नुसरत की डेथ एनिवर्सरी पर सुनाते हैं उनके बेहतरीन गाने.
आफरीन-आफरीन
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मेरे रश्के कमर
तुम्हें दिल्लगी
सानू एक पल चैन ना आवे
ये जो हल्का-हल्का सुरूर है
किन्ना सोना तेनु रब ने बनाया
अखियां उडीक दिया
नित खैर मांगा
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