Death Anniversary : संगीत के जादूगर आरडी बर्मन की पुण्यतिथि पर जानें उनसे जुड़ी बातें
आरडी बर्मन (RD Burman) बचपन में ही धुन बनाने लगे थे. नौ साल की उम्र में उन्होंने पहला गाना 'ऐ मेरी टोपी' बनाया था. इसी गाने को उनके पिता ने 1956 में आई फिल्म 'फंटूश' में प्रयोग किया.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। संगीत की दुनिया में बहुत दिग्गज हुए कुछ ने इस दुनिया में वो मुकाम पाया जो हर किसी का सपना होता है. आरडी बर्मन यानी कि राहुल देव बर्मन (Rahul Dev Burman) फिल्मी दुनिया के चमकते वो सितारे हैं जो हमेशा चमकता रहेगा. फिल्म जगत में अपने नायाब संगीत से बर्मन ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया और भारतीय फिल्मों में संगीत को एक अलग स्तर तक ले गए. उन्होंने 60 से लेकर भी 80 के दशक तक सैकड़ो फिल्मों में सुपरहिट गाने दिए. जब तक पंचम दा थे तब तक सिर्फ वो ही थे, उनका कद इतना बड़ा और संगीत का प्रभाव इतना ज्यादा था कि सब उनके आगे गायब से हो जाते थे.
आरडी बर्मन (RD Burman) का जन्म 27 जून 1939 को हुआ था. वो उस समय कोलकाता के एक राजसी खानदान से ताल्लुक रखते थे. बर्मन दा घर का माहौल ही संगीतमय था. हर तरफ उनके क्रिएटिव लोग थे. उनके पिता सचिन देवबर्मन भी हिंदी सिनेमा के संगीतकार थे और मां मीरा देवबर्मन एक गीतकार थीं. वहीं इनके दादा और दादी त्रिपुरा और मणिपुर के क्रमशः राजकुमार और राजकुमारी थे. बर्मन की पढ़ाई लिखाई सब बंगाल में ही हुई. उनके घर संगीत का माहौल था जिस वजह से उन्होंने छोटी उम्र में ही संगीत बनाना शुरू कर दिया.
'पंचम' नाम पड़ने के पीछे है दिलचस्प कहानी
आरडी बर्मन का एक और नाम था जिसपर खूब चर्चा होती है. उन्हें प्यार से लोग पंचम दा भी कहते थे. पंचम नाम पड़ने के पीछे भी एक कहानी है.उनका नाम पहले 'तबलू' था. उनका पंचम नाम पड़ने के पीछे की कहानी बताया जाता है कि जब वो बचपन में रोया करते थे तब उनके रोने के स्वर सरगम के 'प' की तरह सुनाई देते थे. इसलिए उनकी नानी ने उनका ये नाम रख दिया. पंचम दा का फिल्मी सफर कुछ ऐसा रहा कि उन्होंने अपने समय के सर्वश्रेष्ठ निर्माता-निर्देशक और अभिनेता के साथ काम किया.
9 साल की उम्र में ही कर दी थी संगीत की शुरुआत
आरडी बर्मन ने बचपन में ही संगीत बनाने लगे थे. नौ साल की उम्र में उन्होंने पहले गाना 'ए मेरी टोपी' बनाया था. इसी गाने को उनके पिता ने 1956 में आई फिल्म 'फंटूश' में प्रयोग किया. 1957 में आई गुरुदत्त की फिल्म 'प्यासा' का गाना ' सर जो मेरा चकराए' गाने की धुन भी आर डी बर्मन ने बचपन में ही तैयार किया था. बर्मन का पहला काम जो फिल्मों में आया वो 1959 में निरंजन के निर्देशन बनी फिल्म 'राज' में था. इसी फिल्म से उन्होंने हिंदी फिल्मों में एक संगीतकार के तौर पर शुरुआत की. इनके बाद उन्होंने लगातार को बड़ी फिल्मों में संगीत दिया.
तीन दशक तक फिल्मों में एकछत्र राज किया पंचम दा ने
तीन दशकों तक हिंदी सिनेमा में अपना दबदबा बनाए रखने वाले बर्मन ने करीब 331 फिल्मों में संगीत दिया. सिनेमा में सुपरस्टार राजेश खन्ना की अदाकारी , किशोर की आवाज और पंचम दा के संगीत को तिकड़ी बहुत चर्चित थी. इन्होंने मिलकर करीब 32 फिल्मों में काम किया. आरडी बर्मन साहब का निधन 4 जनवरी 1994 को मुंबई में हो गया. उन्होंने संगीत की दुनिया ने अपना एक संसार बनाया जिसे आज भी लोग देखकर बहुत कुछ सीखते हैं. उनका संगीत सदियों तक अजर अमर रहेगा.