Daughter's Day 2021: बॉलीवुड की ये फिल्में दर्शाती हैं पैरेंट्स और बेटी का प्यारा सा रिश्ता

Happy Daughter's Day : असल जिंदगी में माता-पिता और बेटी का रिश्ता तो हर परिवार में अलग-अलग होता है, लेकिन फिल्मी पर्दे की बात करें तो यहां कई फिल्मों में इस रिश्तों को एक मजबूती के साथ पेश करने की कोशिश की गई है.

Update: 2021-09-26 04:36 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वैसे तो किसी भी रिश्ते को मनाने के लिए उन रिश्तों को किसी तारीख की जरूरत नहीं है, लेकिन पिछले कई दशकों से रिश्तों को सेलिब्रेट करने के लिए भी एक तारीख निर्धारित कर दी गई. जैसे आज है डॉटर्स डे. 26 सितंबर को हर साल इंटरनेशनल डॉटर्स डे (International Daughter's Day 2021) मनाया जाता है. इस दिन माता-पिता अपनी बेटियों के साथ अपने खूबसूरत पलों को रोजाना की तुलना में और भी बेहतर तरीके से जीते हैं. उन्हें गिफ्ट देते हैं और उनकी इच्छाओं को पूरा करते हैं.

असल जिंदगी में माता-पिता और बेटी का रिश्ता तो हर परिवार में अलग-अलग होता है, लेकिन फिल्मी पर्दे की बात करें तो यहां कई फिल्मों में इस रिश्तों को एक मजबूती के साथ पेश करने की कोशिश की गई है. आज इंटरनेशनल डॉटर्स डे के मौके पर हम आपके साथ उन पांच फिल्मों के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो माता-पिता और बेटी के एक मजबूत और प्यारे से रिश्ते को दर्शाती है.
1. थप्पड़
इस लिस्ट में सबसे पहले शामिल हैं फिल्म थप्पड़. तासपी पन्नू स्टारर और अनुभव सिन्हा द्वारा निर्देशित ये फिल्म पिता और बेटी के एक मजबूत रिश्ते को पूरी तरह से जस्टिफाई करती है. एक पिता ने शायद ही अपनी बेटी पर हाथ उठाया हो, और जब उसे पता चलता है कि उसके पति ने उसे थप्पड़ मारा है या उसका निरादर किया है, तो वह मजबूती के साथ अपनी बेटी के लिए खड़ा होता है. बेटी तलाक लेने का फैसला करती है, तो वह उसके फैसले में उसके साथ खड़ा होता है. वो पिता इकलौता ऐसा शख्स है, जो अपनी बेटी के दर्द को महसूस करता है और कभी भी उसके फैसले पर सवाल नहीं उठाता. यह फिल्म पिता और बेटी के निस्वार्थ प्यार और समर्थन का शानदार उदाहरण है.
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2. गुंजन सक्सेना
हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उनके बच्चे अपने जीवन में कामयाब हों और हमेशा खुश रहें. वहीं, जब एक ऐसा करियर चुनने की बात आती है, जो मेल डोमिनेंट सोसाइटी के हिसाब से लड़कियों के लिए उचित नहीं है, तो एक पिता अपनी बेटी के उस करियर को भी पूरी करने की जद्दोजहद में जुट जाता है. जाह्नवी कपूर और पंकज त्रिपाठी की फिल्म गुंजन सक्सेना एक कारगिल हीरो की कहानी तो है ही, लेकिन साथ ही इस फिल्म में पिता और बेटी का एक प्यारा सा रिश्ता भी दर्शाया गया है. पिता, अपनी बेटी को उसकी इच्छाएं पूरी करने के लिए जिस प्रकार से प्रेरित करता है, वह हर मां-बाप को करनी चाहिए.
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3. अमर प्रेम
जरूरी नहीं है कि जिसे खुद से जन्म दिया हो, उसी संतान से प्यार और मजबूत रिश्ते का एहसास होता है. शर्मिला टैगोर, राजेश खन्ना और विनोद मेहरा की इस फिल्म में एक ऐसा रिश्ता देखने को मिला, जो भले ही खून से न जुड़ा हो, लेकिन दिल से जुड़ा था. शर्मिला टेगौर का निस्वार्थ भाव से एक पड़ोस के बच्चे को प्यार करना और उस बच्चे का एक अंजान महिला से लगाव होना, सिर्फ प्रेम की भावना दर्शाता है.
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4. त्रिभंग
काजोल स्टारर फिल्म त्रिभंग की कहानी एक बिखरे हुए परिवार की स्टोरी है. एक बेटी पहले अपनी मां से नफरत करती है और फिर जब वह कोमा में चली जाती है, तो वह उसे खोने के एहसास से ही डर जाती है. ये फिल्म दिखाती है कि बच्चे भले ही अपने माता-पिता से कितनी ही नफरत कर लें, लेकिन उनके पैरेंट्स कभी भी उनसे नफरत नहीं कर सकते.
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5. मॉम
श्रीदेवी की ये फिल्म एक ऐसी मां और बेटी की कहानी दर्शाती है, जो एक बहुत ही दर्दनाक पीड़ा से गुजर रही होती हैं. बच्चों को एक खरोंच भी आती है, तो मां का कलेजा बाहर आ जाता है. वहीं, जब अपनी लाड़ली के साथ हुए रेप का मां को पता चलता है, तो वह मां काली का रूप धारण कर लेती है. वह एक-एक कर उन गुनहगारों को सजा देती है, जिसके कारण उसकी बेटी को चोंट पहुंची है. यह फिल्म दिखाती है कि अगर एक मां के बच्चे पर कोई आपत्ति आती है, तो वह खुद ही बेटी को न्याय दिलाने निकल पड़ती है.
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