दारा सिंह को 'रामायण' में हनुमान का किरदार निभाकर मिली थी पहचान, जानें उनसे जुड़ी बातें

दिग्गज कलाकार दारा सिंह (Dara Singh) का आज जन्मदिन है. उन्होंने फिल्मों से लेकर राजनीति तक में एक अलग पहचान बनाई थी. दारा सिंह फिल्मों में आने से पहले पहलवान थे. आइए उनके जन्मदिन पर उनसे जुड़ी बातों के बारे में.

Update: 2021-11-19 03:36 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदी सिनेमा के दिग्गज कलाकार और पहलवान दारा सिंह (Dara Singh) का आज जन्मदिन है. उनका जन्म 19 नवंबर 1928 को अमृतसर के गांव धरचमूक में हुआ था. उनका असली नाम दीदार सिंह रंधावा था. दारा सिंह फिल्मों में आने से पहले पहलवान थे. उन्होंने कई फिल्मों और टीवी सीरियल्स में काम किया था.

लेकिन उनके करियर को पहचान रामनंद सागर की 'रामायाण' में हनुमान से किरदार से मिली थी. इसके अलावा वो प्रोड्यूसर और लेखक भी थे. साथ ही राजनीति में भी सक्रिय थे. आज उनके जन्मदिन के खास मौके पर उनसे जुड़ी बातों के बारे में जानते हैं.
'किंग कॉन्ग' और 'फौलाद' जैसी फिल्मों के लिए किया जाता है याद
दारा सिंह ने अपने करियर की शुरुआत 1952 में 'संगदिल' से हिंदी फिल्मों में डेब्यू किया था. इस फिल्म में दिलीप कुमार और मधुबाला मुख्य भूमिका में थे. इसके बाद फौलाद, राम भरोसे, मर्द, मेरा नाम जोकर, धर्मात्मा सहित कई फिल्मों में काम किया था. आखिरीबार दारा सिंह 2007 में 'जब वी मेट' में करीना कपूर के दादा का रोल किया था. दारा सिंह ने अपना स्टूडियो भी शुरू किया जिसमें वो पंजाबी फिल्म बनाते थे. उन्होंने 7 पंजाबी फिल्मों को डायरेक्ट किया था. उन्होंने 100 से अधिक फिल्मों में काम किया था. एक्टर को 'किंग कॉन्ग' और 'फौलाद' में उनके किरदार के लिए याद किया जाता है.
2003 से 2009 तक राज्यसभा सदस्य थे
1998 में दारा सिंह ने बीजेपी ज्वाइन की थी. वो पहले स्पोर्टसपर्सन थे जिन्हें राज्य सभा के लिए नॉमिनेट किया गया था. वो 2003 से 2009 तक राज्यसभा सदस्य थे. इसके अलावा जट महासभा के अध्यक्ष भी थे.
1947 से शुरू की थी पहलवानी की ट्रेनिंग
1947 में सिंगापुर आए थे और ड्रम की फैक्टरी में काम करते थे और वहीं पर उन्होंने हरनाम सिंह से रेसलिंग की ट्रेनिंग ली थी. उनकी पहलवानी के दांव पेंच देख बड़े- बड़े पहलवानों के पसीने छूट जाते थे. उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में 200 किलो के किंग कॉन्ग को हरा कर इतिहास रच दिया था. इसके अलावा रुस्तम- ए- पंजाब, रुस्तम ए हिंद जैसे टाइटल जीते. 1968 में दारा सिंह ने अमेरिकी चैंपियन लाऊ थेज को हराया और वर्ल्ड चैंपियन बने. उनकी तस्वीर 1996 में रेसलिंग ऑब्जर्वर न्यूजलेटर हॉल ऑफ फ्रेम में शामिल की गई थी. 1983 में उन्होंने कुश्ती को अलविदा कह दिया था. भले ही दारा सिंह आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनका काम आज भी लोगों की यादों में है. रामायण में उनका हनुमान का किरदार हमेशा के लिए अमर हो गया.


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