Mumbai मुंबई : बॉलीवुड अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत की आने वाली फिल्म 'इमरजेंसी' को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह फिल्म अपनी रिलीज डेट के जितना करीब आ रही है, उतना ही विवादों के घेरे में फंसती जा रही है। इस फिल्म का पंजाब में सिख समुदाय ने विरोध किया था। उनके मुताबिक इस फिल्म में सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है। इसी बीच अब तेलंगाना से ऐसी खबर आ रही है कि तेलंगाना सरकार कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' पर बैन लगाने की सोच रही है। इसे लेकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने सिख समुदाय के नेताओं को आश्वासन भी दिया है। कंगना की इमरजेंसी पर बैन लगाने की मांग कंगना रनौत की आने वाली फिल्म 'इमरजेंसी' का काफी विरोध हो रहा है। सिख संगठनों का आरोप है कि फिल्म में सिख समुदाय को ऐतिहासिक रूप से गलत तरीके से पेश किया गया है और उनकी छवि को ठेस पहुंचाई गई है। इससे पहले पंजाब में भी इस फिल्म का काफी विरोध हुआ था। वहीं, अब तेलंगाना में एक सिख संगठन ने 'इमरजेंसी' का विरोध किया, जिसके चलते राज्य में सिख संगठन ने गुरुवार को उच्चस्तरीय सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की। पीटीआई ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसमें बताया गया है कि पूर्व आईपीएस तेजदीप कौर मेनन के नेतृत्व में तेलंगाना सिख सोसाइटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी से मुलाकात की है। इस मुलाकात में उन्होंने सरकार के सलाहकार मोहम्मद अली शब्बीर के समक्ष फिल्म में सिखों को गलत तरीके से पेश किए जाने का मुद्दा उठाया और 'इमरजेंसी' पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। सिख समुदाय को "आक्रामक" दिखाया गया शब्बीर के अनुसार, सिख नेता इमरजेंसी के कुछ दृश्यों से बहुत नाराज हैं, जो उनके अनुसार समुदाय को नकारात्मक तरीके से पेश करते हैं। प्रतिनिधिमंडल ने तर्क दिया कि फिल्म में सिखों को व्यक्ति-विरोधी के रूप में चित्रित करना "आक्रामक" है और उनके समुदाय की प्रतिष्ठा के लिए भी हानिकारक है। कंगना की फिल्म 'इमरजेंसी' में सिखों को "आतंकवादी" और "देशद्रोही" के रूप में दिखाया गया है जो उनके समुदाय का अपमान है।