गौ तस्करी मामला: बांग्ला फिल्म स्टार और TMC सांसद देव को CBI ने किया तलब
गौ तस्करी मामला
गौ तस्करी (गौ तस्करी ) के मामले में नया मोड़ आया है. पशु तस्करी मामले में सीबीआई (CBI) ने बांग्ला फिल्म स्टार अभिनेता और तृणमूल सांसद देव (TMC MP Dev) को नोटिस भेजा है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने देव को 15 फरवरी को पेश होने का आदेश दिया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार अभिनेता और सांसद को निजाम पैलेस स्थित सीबीआई कार्यालय का हाजिर होने का निर्देश दिया है. सूत्रों के मुताबिक, देव को का नाम गौ तस्कर इनामुल हक से जोड़ा गया है, जो पशु तस्करी मामले में एक दोषियों में से एक है. सीबीआई ने इस मामले में पूछताछ के लिए देव को नोटिस भेजा है. देव को नोटिस भेजने की सूचना के साथ ही टीएमसी में खलबली मच गई है. बता दें कि इसके पहले भी मवेशी तस्करी के मामले में टीएमसी नेताओं की मिलीभगत के आरोप लगते रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक, पशु तस्करी से जुड़े एक मामले में उनसे 15 फरवरी को निजाम पैलेस स्थित सीबीआई कार्यालय में पूछताछ की जाएगी और उनके सभी बयान दर्ज किए जाएंगे. सीबीआई उनसे पूछताछ करेगी कि इस मामले में उनके पास क्या जानकारी है. सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार अभिनेता देव ने 2017-18 में गौ तस्करी के मामले के मुख्य आरोपी इनामुल हक से कुछ लाख नकद और एक घड़ी सहित कई उपहार दिये थे. एनामुल होक ने सीबीआई को दिए एक बयान में यह बात कही थे. उस बयान के मुताबिक, देव को पूछताछ के लिए तलब किया गया है.
15 फरवरी को सुबह 11 बजे हाजिर होने का दिया निर्देश
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी इस बारे में और जानना चाहते हैं कि वह पशु तस्करी मामले के एक आरोपी इनामुल हक के संपर्क में कैसे आया, उसे इनामुल हक कैसे मिला, और जब वह उनसे परिचित हुआ. इसलिए उन्हें तलब किया गया है. अभिनेता एमपी देव को शुक्रवार सुबह 11 बजे तक निजाम पैलेस में मौजूद रहने को कहा गया है. सीबीआई सूत्रों ने बताया कि नोटिस पहले ही सांसद दीपक अधिकारी यानी देव के पास पहुंच चुका है.
मवेशी तस्करी में काले धन को सफेद करने का लगा है आरोप
कोयला व मवेशी तस्करी से की गई काली कमाई में करोड़ों रुपये के पुराने नोट शामिल थे, जिन्हें विभिन्न हथकंडे अपनाकर बड़े पैमाने पर सफेद किया गया था. मामले की जांच कर रही सीबीआइ ने यह महत्वपूर्ण खुलासा किया है. सीबीआइ ने बताया कि इसमें राज्य पुलिस के कई कर्मचारियों व व्यवसायियों का एक वर्ग शामिल था. फर्जी लेन-देन दिखाकर काले धन को व्यवसायियों के बैंक खातों में जमा करके उन्हें सफेद किया जाता था. 2016 में नोटबंदी के समय पुराने नोटों को गैरकानूनी तरीके से बदला गया.