अमेरिका-नेपाल की दोस्ती से भड़का चीन, देउबा सरकार को ड्रैगन ने लगाई 'झाड़'
चीन ने नेपाल को एमसीसी को लेकर चेतावनी दी थी लेकिन देउबा सरकार ने ड्रैगन के आगे झुकने से इंकार कर दिया।
नेपाल की शेर बहादुर देउबा सरकार और अमेरिका के बीच बढ़ती दोस्ती और बाइडन प्रशासन के अधिकारियों के काठमांडू में तिब्बती शरणार्थियों से मुलाकात पर चीन भड़क गया है। चीन ने अप्रत्यक्ष रूप से नेपाल सरकार से साफ कह दिया है कि आंतरिक या बाहरी किसी भी कारण से 'एक चीन नीति' प्रभावित नहीं होनी चाहिए। माना जा रहा है कि अमेरिकी अधिकारियों के लगातार हो रहे नेपाल दौरे से चीन टेंशन में आ गया है और उसे तिब्बती शरणार्थियों का डर सताने लगा है।
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल चीन द्विपक्षीय सलाह तंत्र की 14वीं बैठक में चीनी पक्ष ने नेपाल के दो शिविरों में अमेरिकी अधिकारियों के तिब्बती शरणार्थियों से मुलाकात पर आपत्ति जताई। इससे पहले अमेरिका की उप विदेश मंत्री उजरा जेया ने दो तिब्बती शिविरों का दौरा किया था। इस बैठक में शामिल एक अधिकारी ने कहा कि चीन का संदेश बहुत साफ था। इस बैठक में नेपाल के विदेश सचिव और चीनी विदेश उप मंत्री शामिल थे।
नेपाल की इच्छा के विपरीत जाकर तिब्बती शरणार्थियों से मुलाकात
इस बैठक में नेपाल के कई विभागों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इससे पहले अमेरिकी विदेश उप मंत्री और तिब्बती शरणार्थियों की समन्वयक उजरा जेया 20 मई को नेपाल के दौरे पर आई थीं। उन्होंने नेपाल की इच्छा के विपरीत जाकर तिब्बती शरणार्थियों से मुलाकात की। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उन्हें अमेरिकी मंत्री के शिविरों में दौरे के बारे में कोई जानकारी नहीं है। नेपाल में करीब 15 हजार तिब्बती शरणार्थी रहते हैं।
माना जाता है कि चीन के दबाव में इनमें से कई तिब्बतियों को अभी तक शरणार्थी कार्ड नहीं दिया गया है। इससे वे पढ़ाई जारी नहीं रख पाते हैं, बिजनस नहीं कर पाते और विदेश भी नहीं जा पाते हैं। चीन के आपत्ति जताने के बाद नेपाली पक्ष ने चीन को फिर से आश्वासन दिया कि वह एक चीन नीति को मानता है और अपनी जमीन का इस्तेमाल पड़ोसी देशों के खिलाफ नहीं होने देगा। अमेरिकी मंत्री ने नेपाल आने से पहले दलाई लामा और तिब्बत की निर्वासित सरकार के अन्य अधिकारियों से धर्मशाला में मुलाकात की थी।
नेपाल को एक चीन नीति को मानना चाहिए: चीनी राजदूत
अमेरिकी विदेश उप मंत्री की यात्रा से ठीक पहले नेपाल में चीन की राजदूत हाओ यांकी ने नेपाल के गृहमंत्री बाल कृष्ण खंड से मुलाकात की थी और कहा था कि नेपाल को एक चीन नीति का सम्मान करना चाहिए और उसे मानना चाहिए। नेपाल के अमेरिकी सहायता एमसीसी को अनुमति देने के बाद से ही चीन टेंशन में चल रहा है। चीन ने नेपाल को एमसीसी को लेकर चेतावनी दी थी लेकिन देउबा सरकार ने ड्रैगन के आगे झुकने से इंकार कर दिया।