कान फिल्म महोत्सव: 4 भारतीय फिल्मों का चयन, ऑस्कर विजेता गुनीत और मानुषी रेड कार्पेट पर
नई दिल्ली (आईएएनएस)| 16 से 27 मई तक कान फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। कान फिल्म फेस्टिवल के लिए चार भारतीय फिल्मों का आधिकारिक चयन किया गया है। कानू बहल की 'आगरा' उनकी दूसरी फिल्म होगी, जिसका वल्र्ड प्रीमियर, कान के डायरेक्टर्स फोर्टनाइट में होगा। उनकी 2014 की पहली फिल्म तितली का प्रदर्शन 'अन सर्टेन रिगार्ड' वर्ग में किया गया था। अनुराग कश्यप की 'केनेडी' को मिडनाइट स्क्रीनिंग में और नेहेमिच को फेस्टिवल डे कान्स के ला सिनेफ वर्ग में दिखाया जाएगा। इनके अलावा, कई भारतीय फिल्मों को मार्चे डू फिल्म्स में प्रदर्शन के लिए रखा गया है। फिर से तैयार की गयी मणिपुरी फिल्म 'इशानहोउ', 'क्लासिक्स' वर्ग में प्रदर्शित की जाएगी। इस फिल्म को पहले 1991 महोत्सव के 'अन सर्टेन रिगार्ड' वर्ग में दिखाया गया था और इसकी फिल्म रीलों को भारत राष्ट्रीय फिल्म संग्रहालय द्वारा संरक्षित किया गया था। मणिपुर स्टेट फिल्म डेवलपमेंट सोसाइटी ने फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन और प्रसाद फिल्म लैब्स के माध्यम से फिल्म को फिर से तैयार किया है।
फेस्टिवल डे कान्स और मार्चे डू फिल्म्स, दोनों वर्गो में दिखाई जाने वाली भारतीय फिल्मों का गुलदस्ता इस बात को रेखांकित करता है कि भारतीय सिनेमा वास्तव में परिपक्व हो गया है।
'द एलिफेंट व्हिस्पर्स' से प्रसिद्ध हुईं फिल्म निर्माता गुनीत मोंगा और भारतीय अभिनेत्री व मॉडल और मिस वल्र्ड 2017 विजेता मानुषी छिल्लर कान फिल्म महोत्सव में रेड कारपेट पर चलेंगी। इनके अलावा भारतीय सिनेमा की प्रशंसित अभिनेत्री ईशा गुप्ता एवं प्रसिद्ध मणिपुरी अभिनेता कंगबम तोम्बा भी 16 मई से शुरू होने जा रहे कान फिल्म महोत्सव में रेट कारपेट पर चलती नजर आएंगी। कंगबम तोम्बा की फिर से तैयार की गई फिल्म 'इशानहोउ', इस वर्ष कान क्लासिक वर्ग में प्रदर्शित की जा रही है।
राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान, अहमदाबाद ने भारतीय पवेलियन की संकल्पना की है और इसका डिजाइन तैयार किया है, जो वैश्विक समुदाय के लिए 'भारत की रचनात्मक अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन' विषय पर आधारित है। पवेलियन का डिजाइन सरस्वती यंत्र से प्रेरित है, जो ज्ञान, संगीत, कला, भाषण, ज्ञान और शिक्षा की देवी सरस्वती का अमूर्त प्रतिनिधित्व करता है। पवेलियन के रंग भारत के राष्ट्रीय ध्वज के जीवंत रंगों केसरिया, सफेद, और हरा तथा नीला से प्रेरित हैं।
सूचना प्रसारण मंत्रालय का कहना है कि केसरिया रंग देश की ताकत और साहस को, सफेद रंग आंतरिक शांति और सच्चाई को, हरा रंग उर्वरता, विकास और भूमि की शुभता को एवं नीला रंग धर्म और सच्चाई के कानून को दर्शाते हैं। मंत्रालय के मुताबिक, भारत में प्रतिभा का विशाल भंडार है और भारतीय पवेलियन भारतीय फिल्म समुदाय को वितरण कारोबार, ग्रीनलाइट स्क्रिप्ट्स, प्रोडक्शन सहयोग और दुनिया के प्रमुख मनोरंजन और मीडिया कंपनियों के साथ नेटवर्क बनाने के लिए एक प्लेटफार्म प्रदान करेगा।
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर एक वीडियो संदेश के माध्यम से 76वें कान महोत्सव के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे। संबोधन में भारत को कंटेंट निर्माण के वैश्विक केंद्र के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
सूचना प्रसारण मंत्रालय के मुताबिक, शी शाइन सिनेमा में महिलाओं का योगदान, फिल्म निर्माण में महिलाओं की उपस्थिति को रेखांकित करेगा। रोजगार की तुलना में यह अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एक बड़े सांस्कृतिक मुद्दे में योगदान देता है।
आईएफएफआई, 2020 में युवा फिल्म प्रतिभाओं को निखारने के लिए '75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमारो' के प्रारूप पर आधारित सत्र में इनकी सफलता की कहानियां दिखाई जाएंगी। सत्र, युवा फिल्म प्रतिभाओं को अधिक सहयोग प्राप्त करने में भी मदद करेगा।
मंत्रालय का कहना है कि कान, भारत और फ्रांस दोनों के लिए हमेशा विशेष रहा है और यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए एक प्रतिष्ठित स्थान बना रहेगा। पिछले साल मार्चे डू कान में भारत 'कंट्री ऑफ ऑनर' था। अब इस साल ऑस्कर में भारतीय फिल्मों की सफलता, जिनमें से आरआरआर ने पूरी दुनिया को 'नाटू-नाटू' नृत्य के लिए आकर्षित किया है और द एलिफेंट व्हिस्पर्स सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र लघु श्रेणी का ऑस्कर विजेता रहा है, भारतीय फिल्मों की बढ़ती पहुंच को दर्शाती है।