सुपरस्टार्स के स्टारडम पर बॉलीवुड दिग्गज Nana Patekar ने किया कटाक्ष, एक्टर ने कही ये बड़ी बात
किया कटाक्ष, एक्टर ने कही ये बड़ी बात
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेताओं में गिने जाने वाले नाना पाटेकर इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म 'द वैक्सीन वॉर' को लेकर सुर्खियों में हैं। जहां एक तरफ वह अपनी फिल्म का जोर-शोर से प्रमोशन कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ वह लगातार बॉलीवुड में चल रही चीजों पर कटाक्ष भी कर रहे हैं। चाहे 'वेलकम टू द जंगल' के लिए अप्रोच न किया जाना हो या इन दिनों सुपरस्टार कहलाने की बदली हुई परिभाषा हो। अनुपम खेर शो में शाहरुख खान ने खुद को 'सितारों में आखिरी' बताने वाला बयान दिया है। ऐसे में अब अभिनेता नाना पाटेकर ने भी सुपरस्टारडम युग के अंत को लेकर अपने विचार साझा किए हैं और बताया है कि कैसे एक हफ्ते के भीतर सितारों की वैल्यू, दीवानगी और प्रशंसक बदल जाते हैं।
आजकल हर दिन नए-नए कलाकार आते हैं और अपनी दमदार एक्टिंग से लोगों के दिलों में जगह बना लेते हैं। उनकी एक्टिंग की भी उतनी ही तारीफ होती है जितनी किसी दिग्गज कलाकार की। यह आज का बदलता दौर है, जिसमें सुपरस्टार बनना बहुत मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में हाल ही में एक इंटरव्यू में अपनी फिल्म 'द वैक्सीन वॉर' के प्रमोशन के दौरान नाना पाटेकर को उन सुपरस्टार्स की याद आई जिनका स्टारडम आज भी लोगों के दिलों में बरकरार है. नाना पाटेकर ने कहा, 'उस समय के सितारों को देखिए. हम दिलीप कुमार साहब को नहीं भूल सकते, हम राज कपूर, देव आनंद साहब को नहीं भूल सकते। भले ही उनका निधन हो जाए, हम उन्हें भुला नहीं पाएंगे।
जों पर अपनी राय शेयर करने के बाद नाना पाटेकर ने आज के एक्टर्स और उनके स्टारडम पर बड़ी टिप्पणी की और कहा कि आजकल स्टारडम बॉक्स ऑफिस के आंकड़ों से मापा जाता है। एक्टर ने कहा, 'आजकल हर हफ्ते स्टार बदल जाता है। ये सभी आंकड़े हैं। नाना ने ओटीटी के बारे में भी बात की और बताया कि कैसे इसने उनके जैसे कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच दिया है। नाना ने इस बात पर जोर दिया कि ओटीटी की वजह से उनके जैसे कई सितारे, जो हीरो नहीं हैं, उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल रहा है।
नाना पाटेकर ने कहा, 'उस वक्त हमें मौका नहीं मिला। उस समय हमारे जैसे चेहरे वाले लोगों को फिल्मों में काम नहीं मिलता था। जैसे ओम पुरी के पास हीरो जैसा चेहरा नहीं था, वैसे ही इरफ़ान के पास भी कोई चेहरा नहीं था। मेरा कोई चेहरा नहीं था, मनोज बाजपेयी का कोई चेहरा नहीं था। अब हम सभी को अपना कौशल दिखाने के लिए एक मंच मिल गया है। लोग उन्हें पहचान गये और भला-बुरा कहने लगे। अब ओटीटी होगा, हमारे पास एक प्लेटफॉर्म है, जहां हम अपना टैलेंट दिखाते हैं और लोग हमें खुले दिल से प्यार करते हैं।