Birthday Special : संजय खान सेट पर लगी आग में बुरी तरह जलने पर 73 सर्जरी के बाद बची जान, जाने उनसे जुडी बातें

बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर संजय खान (Sanjay Khan) ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1964 में चेतन आनंद की वॉर फिल्म 'हकीकत' में सैनिक का एक छोटा का किरदार निभाकर की थी.

Update: 2022-01-03 02:11 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बॉलीवुड के मशहूर एक्टर संजय खान (Sanjay Khan) ना सिर्फ एक अच्छे एक्टर हैं बल्कि वो एक निर्माता और निर्देशक भी हैं. व्व अपने समय के जबरदस्त अभिनेता के साथ-साथ अपनी पर्सनालिटी के लिए भी पहचाने जाते थे. संजय का फिल्मी सफर जिस तरह रोचक था उसी तरह उनका व्यक्तिगत जीवन भी रहा है. संजय ने दो शादियां की लेकिन दोनों शादियां उनकी सफल नहीं हो पाई. उन्होंने दूसरी शादी मशहूर अभिनेत्री जीनत अमान के साथ की थी लेकिन बाद में उनके साथ भी रिश्ते में खटास आ गई है. आज संजय खान का जन्मदिन है आइए उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें जानते हैं.

संजय खान का जन्म 3 जनवरी 1941 को बेंगलुरु में हुआ था. बॉलीवुड के लेजेंडरी एक्टर फिरोज खान संजय के बड़े भाई थे. एक्टर फिरोज खान खुद एक अच्छे निर्माता-निर्देशक थे. उन्होंने 'धर्मात्मा' और 'कुर्बानी' जैसी सुपरहिट फिल्मों को बनाया था. संजय के दो छोटे भाई समीर और शाहरुख ने सिनेमा से अलग बिजनेस में अपना करियर चुना. जबकि इनके एक और भाई अकबर खान ने 'ताज महल : एन इटरनल लव स्टोरी' जैसी भव्य फिल्म बनाई. संजय जब छोटे थे तब ही उन्होंने सोच लिया था कि उन्हें एक्टिंग में ही अपना करियर बनाना है.
एक्टिंग और डायरेक्शन दोनों में दिखाया कमाल
संजय ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1964 में चेतन आनंद की वॉर फिल्म 'हकीकत' में सैनिक का एक छोटा का किरदार निभाकर की थी. उन्होंने इसके बाद ब्लॉकबस्टर फिल्म 'दोस्ती' में एक सहायक अभिनेता के तौर पर काम किया. इसके बाद उन्हें लगातार फिल्में मिलने लगी और इन्हीं फिल्मों ने उन्हें एक स्टार का तमगा भी दे दिया. उन्होंने इस बीच 'दस लाख', 'एक फूल दो माली', 'इंतकाम', 'शर्त', 'मेला', 'उपासना', 'ढूंढ' और 'नागिन', जैसी फिल्मों में काम किया.
सेट पर लगी आग में जलने के बाद मरते-मरते बचे थे संजय
इसके बाद उन्होंने डायरेक्शन में कदम रखा. उन्होंने साल 1977 में 'चांदी सोना' में खुद काम भी किया और इसे निर्देशित भी किया. इस फिल्म में उनके साथ राज कपूर और परवीन बॉबी थीं. उनकी एक निर्देशक तौर पर आखिरी फिल्म 'काला धंधा गोरे लोग' थी.उन्होंने सिनेमा के अलावा टीवी में भी काम किया और ऐतिहासिक टेलीविजन ड्रामा सीरीज 'द स्वार्ड ऑफ टीपू सुल्तान' इसमें वो खुद अभिनय भी कर रहे थे और इसे निर्देशित भी कर रहे थे. इसके शूट के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया था. 1989 में इसके सेट पर आग लग गई थी. इस आग में करीब 40 क्रू मेंबर्स की मौत हो गई थी. खुद संजय बुरी तरह जल गए थे. उनकी 71 सर्जरी हुई तब जाकर उनकी जान बची. उनके ठीक होकर वापस आने के बाद फिर इसकी शूटिंग शुरू हुई और ये पहली बार दूरदर्शन पर 1990 से 1991 तक प्रसारित हुई.
जीनत अमान से दूसरी शादी घरेलू हिंसा की वजह से एक साल भी नहीं टिकी
संजय ने दो शादियां की थी. पहली शादी उन्होंने जरीन खान से की थी. उनसे इनकी तीन बेटियां और 1 बेटा हुआ था. ऋतिक रौशन की पूर्व पत्नी सुजैन खान संजय की ही बेटी हैं और एक्टर जायद खान भी संजय के ही बेटे हैं. पहली पत्नी को छोड़ने के बाद संजय ने 30 दिसंबर 1978 को एक प्राइवेट सेरेमनी में जीनत अमान से शादी कर ली लेकिन ये शादी एक साल भी नहीं टिक पाई. जीनत को एक बार भारी महफिल में संजय ने मारा था जिसके बाद से ही घरेलू हिंसा से तंग आकर उन्हें अलग होना पड़ा. उनको इस दौरान गंभीर चोटें भी आईं थीं.


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