Birthday Special : रामानंद सागर की रामायण की वजह से सड़कों पर छा जाता था सन्नाटा
कुछ दशक पहले पौराणिक शो की बात करो तो जुबान पर एक ही नाम आता था और वह था 'रामानंद सागर.' उन्होंने जिस खूबसूरती से 'पौराणिक' कहानियां दर्शकों के सामने पेश की थी वह शायद ही कोई कर पाता.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दूरदर्शन के लिए 'रामायण' (Ramayan) जैसा ऐतिहासिक सीरियल बनाने वाले रामानंद सागर (Ramanand Sagar) का आज जन्मदिन है. रामानंद सागर भले ही आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन हिंदी फिल्म और टीवी जगत में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा. 29 दिसंबर 1917 को जन्मे रामानंद सागर का असली नाम चंद्रमौली चोपड़ा (Chandramauli Chopra) था. कहा जाता हैं कि 90 के दशक में जब टीवी पर 'रामायण' का प्रसारण हुआ करता था तब बिना लॉकडाउन सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता था.
लगभग 30 साल बाद कोरोना महामारी के समय टीवी के छोटे पर्दे पर लौटे इस रामायण ने लॉकडाउन के दौरान लोगों में पॉजिटिविटी बनाए रखी. लोगों ने भी इस शो को खूब पसंद किया. जिसका नतीजा यह रहा कि इस बार शो ने वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना लिया. यह कहना भी गलत नहीं होगा कि लॉकडाउन के चलते रामायण ने लोगों के लिए 'संजीवनी बूटी' का काम किया जो स्वयं भगवान हनुमान भगवान लक्ष्मण के लिए लेकर आए थे.
पाकिस्तान में हुआ था जन्म
आपको बता दें, पाकिस्तान में जन्मे रामानंद सागर का बचपन बेहद मुश्किलों भरा रहा है. पार्टीशन के दौरान रामानंद सागर का परिवार लाहौर से कश्मीर आ गया था. रामानंद सागर का परिवार लाहौर में बहुत अमीर था, लेकिन जब देश का विभाजन हुआ, तो उनके परिवार को अपना व्यवसाय और अपनी सारी संपत्ति छोड़कर कश्मीर आना पड़ा. यहीं से रामानंद सागर के परिवार के मुश्किल दिनों की शुरुआत हुई. इसी बीच जब रामानंद सागर की मां की मृत्यु हो गई और उनके पिता ने दूसरी शादी कर ली. आखिरकार आर्थिक तंगी के चलते रामानंद सागर ने चपरासी का भी काम किया था.
ट्रक क्लीनर भी बने रामानंद सागर
चपरासी का काम करने के बाद रामानंद सागर ने ट्रक क्लीनर से लेकर साबुन बेचने तक का काम किया. कई साल स्ट्रगल करने के बाद पृथ्वीराज कपूर के पृथ्वी थिएटर में असिस्टंट स्टेज मैनेजर के रूप में नौकरी मिल गई. वे पृथ्वीराज कपूर की कई फिल्मों का हिस्सा थे. कई सालों तक वहां काम करने के बाद उन्होंने दूरदर्शन के लिए 'रामायण बनाया. रामानंद सागर के टेलीविजन शो रामायण की बात करें तो इसमें अरुण गोविल (Arun Govil) और दीपिका चिखलिया (Dipika Chikhliya) ने राम-सीता की भूमिका निभाई थी, जिन्हें लोग वास्तव में राम-सीता के रूप में समझने लगे थे. उनको भगवन का दर्जा मिल गया था. इस सीरियल की सफलता के बाद उन्होंने कई पौराणिक सफल टीवी शोज बनाए.