Birthday: अंतिम यात्रा में दुल्हन की तरह सजाई गईं थीं स्मिता पाटिल, जानें क्या है कारण

स्मिता पाटिल (Smita Patil) की आखिरी इच्छा थी कि जब उनका देहांत हो तो उन्हें दुल्हन की तरह सजाया जाए

Update: 2021-10-17 03:03 GMT

आज बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री स्मिता पाटिल की 66वीं बर्थ एनीवर्सरी है. आज ही के दिन यानी 17 अक्टूबर 1955 को स्मिता पाटिल का जन्म मुंबई में हुआ था. उनके पिता महाराष्ट्र के मंत्री थे वह एक बड़े परिवार से ताल्लुक रखती थीं. उनकी रहस्यमयी मौत की गुत्थी आज भी उलझी हुई है. अपने बेटे प्रतीक बब्बर के जन्म के 15 दिनों बाद ही स्मिता पाटिल की मृत्यु हो गई थी। स्मिता पाटिल और राज बब्बर एक साथ रहते थे और उनका बेटा प्रतीक बब्बर है. स्मिता पाटिल का बॉलीवुड में कैरियर बहुत लंबा नहीं चला। उन्होंने 10 साल तक बॉलीवुड में काम किया और इस दौरान उन्होंने कई हिट फिल्में दीं.

स्मिता को अमिताभ की चोट का पहले ही हो गया अंदेशा
स्मिता पाटिल पर्दे पर जितनी गंभीर दिखती थीं असल जिंदगी में उतनी ही शरारती थीं. फिल्मों में आने से पहले स्मिता बॉम्बे दूरदर्शन में मराठी भाषा में समाचार पढ़ा करती थीं. समाचार पढ़ने के दौरान स्मिता को साड़ी पहनना होता था लेकिन स्मिता को जीन्स पहनना बहुत अच्छा लगता था इसीलिए वह जीन्स के ऊपर ही साड़ी लपेट लिया करती थीं. उनके जीवन पर लिखी किताब का विमोचन करते हुए अमिताभ बच्चन ने एक बड़ा खुलासा किया. फ़िल्म कुली की शूटिंग के दौरान जब अमिताभ बच्चन बंगलुरू में शूटिंग कर रहे थे तभी एक दिन देर रात रिसेप्शनिस्ट ने अमिताभ को कहा कि सर आपके लिए स्मिता पाटिल का फोन है. अमिताभ यह सुनकर आश्चर्य में पड़ गए क्योंकि उन्होंने इतनी देर रात में कभी स्मिता से बात नहीं कि थी. ये सोचकर कि कोई ज़रूरी काम होगा उन्होंने स्मिता से बात की. स्मिता ने अमिताभ से पूछा क्या वो ठीक हैं? उन्हें ये सपना आया था कि अमिताभ को शूटिंग के दौरान चोट लग गई है. और इसके अगले ही दिन 'कूली' फ़िल्म की शूटिंग के दौरान पुनीत इस्सर का एक गलत पंच पड़ने के कारण अमिताभ घायल हो गए थे.
राज बब्बर के साथ रिश्ते के खिलाफ थीं उनकी मां
स्मिता पाटिल की माँ स्मिता और राज बब्बर के रिश्ते के ख़िलाफ़ थीं. वो कहती थीं कि महिलाओं के अधिकार के लिए लड़ने वाली स्मिता किसी और का घर कैसे तोड़ सकती है. स्मिता के लिए उनकी माँ रोल मॉडल थीं. उनकी ज़िन्दगी में माँ फैसला बहुत मायने रखता था. लेकिन राज बब्बर से अपने रिश्ते को लेकर स्मिता ने माँ की भी नहीं सुनी. उनकी माँ इस बात का दुःख था कि आखिरी समय में उनका रिश्ता अपनी बेटी से ख़राब हो गया. उनकी आखिरी इच्छा थी कि जब उनका देहांत हो तो उन्हें दुल्हन की तरह सजाया जाए. उनकी मौत के बाद उनके मेकअप आर्टिस्ट उनके घर आए और अंतिम इच्छा के मुताबिक स्मिता पाटिल का सुहागन की तरह मेकअप किया गया.
स्मिता पाटिल ने अपने छोटे फ़िल्मी सफ़र में ऐसी फ़िल्में की जो भारतीय फ़िल्मों के इतिहास में मील का पत्थर बन गईं. उनकी छाप छोड़ने वाली फ़िल्मों में जहां भूमिका, मंथन, मिर्च मसाला, अर्थ, मंडी और निशांत जैसी कलात्मक फ़िल्में शामिल हैं, तो दूसरी तरफ़ नमक हलाल और शक्ति जैसी व्यावसायिक फ़िल्में भी क़तार में है.
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