अभिनेता धनुष को किसी परिचय की जरूरत नहीं है. साउथ से लेकर बॉलीवुड तक उन्होंने अपनी एक्टिंग के दम पर अलग पहचान बनाई है. फिल्म 'रांझणा' में अपनी जबरदस्त एक्टिंग और डायलॉग से वह फैन्स के पसंदीदा बन गए। धनुष पर्दे पर जो भी किरदार निभाते हैं, उसमें ढल जाते हैं। फैंस भी उनके एक्टिंग टैलेंट के कायल हैं. आज धनुष का जन्मदिन है. इस खास मौके पर हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़ी एक बेहद दिलचस्प बात बताते हैं। अपनी एक्टिंग से सबको दीवाना बनाने वाले धनुष कभी एक्टर नहीं बनना चाहते थे. जी हां, शायद आपको यकीन न हो, लेकिन उन्हें इस क्षेत्र में आने के लिए मजबूर किया गया था। क्यों? चलो पता करते हैं...
खाना बनाना एक शौक है
धनुष को एक्टिंग के साथ-साथ म्यूजिक में भी काफी दिलचस्पी है. लेकिन, असल जिंदगी में उनकी रुचि खाना बनाने और दूसरों को खिलाने में है। यहां तक कि वह अपने शौक को भी प्रोफेशन बनाना चाहते थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, धनुष होटल मैनेजमेंट में डिग्री हासिल कर शेफ बनना चाहते थे। लेकिन, निर्देशकों के परिवार में जन्मे धनुष को पारिवारिक दबाव के कारण अभिनय की दुनिया में कदम रखना पड़ा। उनकी पहली फिल्म उनके पिता कस्तूरी राजा द्वारा निर्देशित 'थुल्लुवाधो इल्मई' (2002) थी।
इसलिए नाम बदला
बता दें कि धनुष को पैन इंडिया स्टार माना जाता है। साउथ के साथ-साथ बॉलीवुड इंडस्ट्री में भी उनके चाहने वालों की कोई कमी नहीं है। एक्टर के प्रशंसक उन्हें धनुष के नाम से जानते हैं, लेकिन असल जिंदगी में धनुष का नाम वेंकटेश प्रभु कस्तूरी राजा है। दरअसल, धनुष उनका स्टेज नाम है, जो उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में आने के बाद मिला। उन्होंने अपना नाम इसलिए बदल लिया क्योंकि यह प्रसिद्ध तमिल अभिनेता इल्या थिलागम प्रभु और प्रभु देवा से मिलता जुलता था।
कोलावेरी गाना छह मिनट में लिखा गया था
आपको बता दें कि धनुष न सिर्फ भारतीय सिनेमा के मशहूर अभिनेता हैं, बल्कि निर्माता, गीतकार और गायक भी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने अपना गाना 'व्हाई दिस कोलावेरी डी' महज छह मिनट में लिखा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस गाने की पहली रिकॉर्डिंग 35 मिनट में पूरी हो गई थी.