Birth Anniversary : राज कपूर काम के मामले में बहुत स्ट्रिक्ट थे, ऋषि कपूर को शूटिंग के वक्त पड़ी थी डांट
ऋषि कपूर के पिता राज कपूर कितने स्ट्रिक्ट थे, इसका जिक्र खुद ऋषि ने दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार की ऑटोबायोग्राफी में किया हुआ है. इस ऑटोबायोग्राफी का नाम है- Dilip Kumar : The Substance and the Shadow.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जाने माने दिवंगत अभिनेता और फिल्मकार राज कपूर (Raj Kapoor) को उनके चाहने वाले उन्हें भारत के चार्ली चैपलिन के नाम से जानते हैं. राज कपूर ने इतिहास में अपना नाम भारतीय सिनेमा के सबसे महान शोमैन के रूप में दर्ज किया है. आज भारतीय सिनेमा के इस शोमैन की 97वीं जयंती (Raj Kapoor 97th Birth Anniversary) है. राज कपूर का जन्म 14 दिसंबर, 1924 को कपूर हवेली में हुआ था, जो अब पाकिस्तान के पेशावर क्षेत्र में स्थित है.
सिने इंडस्ट्री में राज कपूर के योगदान को देखा जाए तो उन्होंने 1947 की 'नील कमल' में मधुबाला के साथ मुख्य भूमिका के रूप में एक बड़ा ब्रेक हासिल किया था. 1948 में, राज कपूर ने 24 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के फिल्म निर्देशक बनकर इतिहास रच डाला. उन्होंने अपना स्टूडियो, आरके फिल्मों की स्थापना की और नरगिस दत्त, प्रेमनाथ और कामिनी कौशल अभिनीत फिल्म 'आग' के जरिए निर्देशक के रूप में निर्देशन की शुरुआत कर डाली.
जब काम के लिए बेटे पर ही चिल्ला दिए थे राज कपूर
भारतीय सिनेमा को दिए अपने योगदान के लिए उन्होंने कई पुरस्कार जीते, जिनमें 3 नेशनल अवॉर्ड, 11 फिल्मफेयर अवॉर्ड, फिल्मफेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट और न जाने कितने ही अवॉर्ड शामिल हैं. राज कपूर अपने काम को लेकर बहुत ही संजीदा था. काम के समय काम और मस्ती के समय मस्ती मे यकीन रखने वाले राज कपूर थोड़े स्ट्रिक्ट भी थे, वो भी केवल काम को लेकर. जब काम को लेकर बात आती थी, तो वह यह नहीं देखते थे कि उनके सामने कोई अन्य एक्टर या कोई और शख्स है या अपना खुद का बेटा.
जानिए क्या थी राज कपूर के ऋषि पर चिल्लाने की वजह?
जी हां, उसका उदाहरण खुद राज कपूर के छोटे बेटे ऋषि कपूर थे, जिनका बीते वर्ष लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. ऋषि कपूर के पिता राज कपूर कितने स्ट्रिक्ट थे, इसका जिक्र खुद ऋषि ने दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार की ऑटोबायोग्राफी में किया हुआ है. इस ऑटोबायोग्राफी का नाम है- Dilip Kumar : The Substance and the Shadow. राज कपूर एक बार ऋषि कपूर पर बुरी तरह से चिल्ला दिए थे, क्योंकि ऋषि कैमरे पर एक निराश प्रेमी के एक्सप्रेशन नहीं दे पा रहे थे, जिस तरह से दिलीप कुमार देते थे. यह घटना राज कूपर द्वारा निर्देशित 1982 की फिल्म 'प्रेम रोग' की शूटिंग के दौरान की है.
किताब में ऋषि कपूर के हवाले से लिखा है- मेरे पास अपने वयस्क वर्षों से तीन अलग-अलग यादें हैं, जिन्हें मैं बिना किसी झिझक के साझा कर सकता हूं. दूसरी याद हमारे स्टूडियो (आरके या राज कपूर स्टूडियो) में एक दिन की है, जब हम प्रेम रोग की शूटिंग कर रहे थे. मुझे एक हताश प्रेमी की तीव्र अभिव्यक्ति चेहरे पर लानी थी और मैं जितना भी उसके लिए कठिन प्रयास कर रहा था, वो निर्देशक राज कपूर को नहीं मिल रहा था, जो वे चाहते थे. यह चीज उन्हें बहुत परेशान कर रही थी.
अभिनेता आगे बताते हैं- फिर उन्होंने पूरी यूनिट की मौजूदगी में मुझ पर चिल्लाकर कहा, 'मुझे यूसुफ चाहिए. मैं चाहता हूं कि आप मुझे वह लुक दें जो यूसुफ (दिलीप कुमार) ने इस स्थिति में दिया होता. मुझे वो लुक चाहिए जो वो आंखों में देखते हुए देते, जब वह प्यार, उसकी तीव्रता और रियलिज्म व्यक्त करते.' पूरी यूनिट चुप थी. कोई भी विश्वास नहीं कर सकता था कि वह अपने पेशेवर प्रतिद्वंद्वी दिलीप कुमार के बारे में बात कर रहे थे.