Birth Anniversary : अशोक कुमार अभिनेता के साथ-साथ ज्योतिषी भी थे, जानिए
Ashok Kumar Birth Anniversary : अशोक कुमार ने अपने फिल्मी करियर में एक से एक बेहतरीन भारतीय सिनेमा की दीं, लेकिन उनकी ज्योतिष विद्या के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं. वह ज्यादातर अपनी इस ज्योतिष विद्या का इस्तेमाल घोड़ों की रेस जीतने के लिए करते थे.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज दिग्गज अभिनेता और फिल्मकार अशोक कुमार उर्फ दादामुनी की जयंती (Ashok Kumar Birth Anniversary) है. अशोक कुमार एक बेहतरीन अभिनेता होने के साथ-साथ एक बहुत ही दिलचस्प इंसान भी थे. अशोक कुमार को अक्सर एक फिल्म अभिनेता के तौर पर देखा गया, लेकिन इस बात से कई लोग अनजान हैं कि वह एक बहुत ही शानदार ज्योतिषी भी थे. आज दादामुनी के जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनकी ज्योतिष विद्या से जुड़े दो किस्से बताने जा रहे हैं, जिसे सुनने के बाद आप भी ये कहेंगे कि वाकई अशोक कुमार एक अच्छे ज्योतिषी थे.
दादामुनी को घोड़ों की रेस में हिस्सा लेने का बहुत शौक था. वह अपनी ज्योतिष विद्या का इस्तेमाल भी होर्स रेसिंग के लिए ही किया करते थे. कहा जाता है कि अशोक कुमार होर्स रेसिंग में कभी भी एक पैसा नहीं हारे थे.अन्नू कपूर अपने एक शो में बताते हैं कि एक बार फिल्म 'बंदनी' के लिए बात करने के लिए बिमल रॉय ने लेखक नबेंदु घोष को अशोक कुमार के पास भेजा था. नबेंदु जब अशोक कुमार के पास थे, तब उन्होंने देखा कि अशोक ने एक स्लिप में कुछ लिखकर अपने ड्राइवर को दिया है और उससे कहा कि ये मां को दे आओ. उस समय अशोक कुमार की मां उनके भाई किशोर कुमार के साथ जुहू स्थित उनके घर में रहा करती थीं.
अशोक कुमार जिन पर लगाते थे दांव, जीत जाते थे वो घोड़े
नबेंदु ने उस समय देखा कि अशोक ने पर्ची में कुछ घोड़ों के नाम लिखे थे. अगले दिन रविवार को अशोक की मां पर्ची में लिखे घोड़ों के नामों पर पैसा लगाने वाली थीं. अशोक ने नबेंदु को बताया कि कल रेस में ये घोड़े ही जीतने वाले हैं. नबेंदु ने उनसे पूछा कि आपको कैसे पता. उन्होंने कहा कि उनके स्टार्स से. नबेंदु को अशोक की इन बातों पर विश्वास नहीं हुआ. उन्होंने अशोक से कहा कि कल 14 घोड़े दौड़ेंगे. आप कैसे कह सकते हैं कि कौनसा घोड़ा जीतेगा?
अशोक कुमार ने उनसे कहा कि अगर तुम्हें विश्वास नहीं है तो तुम भी इन घोड़ों के नाम नोट कर लो और कल रेस में जाकर किसी एक घोड़े पर 10 रुपये लगाकर अपनी किस्मत आजमाना, तुम 350 रुपये तो जीत ही जाओगे. नबेंदु ने नाम नोट तो कर लिए लेकिन वह अगले दिन रेस कोर्स नहीं जा पाए, लेकिन जब उन्होंने रेस का परिणाम जानने के लिए अखबार देखा, तो वह चौंक गए. उन्होंने पाया कि अशोक कुमार ने जिन दो घोड़ों का नाम लिखा था, वो दोनों रेस जीत चुके थे. अशोक कुमार चाहते तो होर्स रेसिंग से करोड़ों रुपये कमा सकते थे, लेकिन उनका उसूल था कि वह रेस में 100 रुपये से ज्यादा पैसे नहीं लगाते थे.
सअदात हसन मंटो की कुंडली देख बता दी थी सच्ची बात
सअदात हसन मंटो अपनी किताब मीना बाजार में अशोक कुमार के बारे में लिखते हैं कि एक बार अशोक कुमार ने मुझसे पूछा था कि तुम शादीशुदा हो? इस पर मंटो ने उनसे कहा था- यार जब तुम्हें पता है तो तुम पूछ क्यों रहे हो? सआदत हसन मंटो की इस किताब के हवाले से अन्नू कपूर बताते हैं कि शादी की बात पूछने के बाद अशोक कुमार ने सअदात से पूछा कि मंटो क्या तुम्हारे कोई बच्चा नहीं है? इस पर मंटो बोले कि क्या बात है, जरा खुलकर बताओ.
मंटो की ये बात सुनकर अशोक कुमार उनसे बोले कि देखो, जिसकी ये कुंडली है, उसका पहला बच्चा लड़का होगा और वो लड़का जिंदा नहीं रहेगा. अशोक कुमार की ये बातें सुनकर मंटो चौंक गए और फिर उन्होंने दादामुनी को बताया कि उनकी पहली संतान बेटा ही थी, जो एक साल का होने से पहले ही अल्लाह को प्यारा हो गया था.