अगर बिहार. यूपी और झारखंड की सरकार भी साथ होंगी तो इंडस्ट्री और बढ़ेगी. कलाकार काम करने के लिए आएंगे और इससे जुड़े लोगों को भी अच्छा मेहनताना मिलेगा." दुबे ने अश्लीलता, द्विअर्थी संवाद सवाल पर कहा, "हम टेलीविजन के लिए यूए सर्टिफिकेट लेते हैं. जब हम टीवी के लिए इतनी मेहनत कर सकते हैं तो मल्टीप्लेक्स के लिए तो जान लगा देंगे. कैंची चलाना सेंसर के हक में है लेकिन जब हमारी एक दो फिल्मों में कैंची चल जाएगी तो लोग पैसा वेस्ट नहीं करके ऐसी फिल्में नहीं बनाएंगे कि उसमें कांट छांट हो. एक बार मल्टीप्लेक्स में आने का मौका तो मिले." उन्होंने कहा, "अन्य राज्यों की अपेक्षा मैं भोजपुरी को काफी नीचे देखती हूं, क्योंकि अन्य राज्यों के जैसे ही भोजपुरी बोलने वाले भी देश में फैले हुए हैं.
अगर यह इंडस्ट्री बढ़ी तो काफी फायदा होगा. इसे बोलने वाले लोग बहुत हैं लेकिन हमारी पहुंच उन तक नहीं है. जब हम पंजाबी या अन्य फिल्मों की तरह ओवरसीज रिलीज करेंगे तब फायदा होगा. पंजाबी फिल्मों के साथ यही हुआ. आज उसका मुकाम देख सकते हैं." अभिनेत्री ने बताया कि भोजपुरी भी लीक से हटकर सिनेमा बना रहा हैं. उसके पास भी कहानियां हैं. कई बायोपिक लाइन में है. महिला प्रधान फिल्में बन रही हैं. अभी कई फिल्मों में महिलाओं का सशक्त रोल दिखाया गया है. लेकिन दिक्कत यही है कि हमारी फिल्म देखने वाला मल्टीप्लेक्स का नहीं है इसलिए कहानियां भी उस स्तर की नहीं है. अगर आट्रिकल 15 जैसी फिल्म चाहिए तो उसे समझने वाला दर्शक भी होना चाहिए. आज सिंगल स्क्रीन पर टिका भोजपुरी सिनेमा उस समय भी खत्म हो जाएगा जब सिंगल स्क्रीन खत्म होगा.
राजनीति के सवाल पर आम्रपाली कहती हैं कि मुझे लगता है कि किसी भी अच्छे जिम्मेदार व्यक्ति को अपने देश को प्रमुखता देनी चाहिए. अच्छा व्यक्तिव है और लोगों विश्वास करते हैं तो लोगों को जरूर राजनीति में जाना चाहिए. यह एक बड़ी जिम्मेदारी है और जरूर की जानी चाहिए. कला और राजनीति के बीच में समन्वय बैठेगा जरूर. नशे और आत्महत्या से जुड़े मामले पर उनका कहना है कि कभी भी किसी को अपने आप को दवाब में न रखे कि ऐसा कोई कदम उठा ले. भरोसा होना चाहिए कि यहां कुछ नही कर पा रहा हूं तो कहीं और अच्छा करूंगा.
अपने मां-बाप को अच्छा महसूस कराऊंगा यह हमेशा सोचना चाहिए तभी इस परेशानी से निकल सकते हैं. आज तो कई सोशल वर्कर हैं, थेरेपी हैं. आप हमेशा किसी से मदद ले सकते हैं. अगर नकारात्मकता हावी होने लगे तो हमे मदद लेनी चाहिए. दबाव में आकर अपने माता पिता को नहीं भूलना चाहिए. उन्होंने कहा, "मुझे बॉलीवुड से मुझे कई आाफर आए हैं. मैं भाग्यशाली हूं. मुझे अच्छी कहानी मिले तो जरूर वहां फिल्म करूंगी. लेकिन मेरा लक्ष्य भोजपुरी इंडस्ट्री को मजबूत करना और उसे बालीवुड के लेवल पर लेकर जाना है. भोजपुरी में वेबसीरीज के बारे में वह कहती हैं कि काफी स्कोप है. आज तक जितनी भी वेबसीरीज बनी है उसमें संवाद और क्षेत्र सारा भोजपुरी से जुड़ा हुआ है.