कंगना की Emergency से पहले नेताओं को नापसंद आईं फिल्में

Update: 2024-09-04 13:50 GMT

Mumbai.मुंबई: राजनीति और सिनेमा दो ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें हाई-वोल्टेज ड्रामे की पूरी उम्मीद रहती है। पॉलिटिकल एजेंडे पर फिल्में बनने का चलन इंडस्ट्री में काफी पुराना है। नया नाम इसमें कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की मूवी इमरजेंसी का जुड़ गया है। लेकिन भारी विवाद के चलते उनकी ये मूवी रिलीज से पहले आगे के लिए टाल दी गई है। हालांकि, कंगना रनौत की इमरजेंसी (Emergency) पहली फिल्म नहीं है, जो सियासत के शोर के चलते पोस्टपॉन की गई है। इससे पहले भी हिंदी सिनेमा की कई ऐसी फिल्में रही हैं, जो राजनीति की भेंट चढ़ीं और राजनेताओं को नापसंद आईं।

किस्सा कुर्सी
शबाना आजमी, राज बब्बर और सुरेखा सीकरी जैसे कलाकारों से सजी फिल्म किस्सा कुर्सी का एक विवादित पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म साबित हुई। साल 1974 में निर्देशक अमृत नहाटा के निर्देशन में ये मूवी बनकर तैयार हो गई थी। लेकिन 1975 में आपातकाल लगने के चलते इसकी रिलीज को टाल दिया गया था।
इमरजेंसी के दौर में इस मूवी तत्कालीन सरकार ने देखा और इसमें बदलाव करने को कहा। साथ ही इसके प्रिंट जब्त कर लिए थे। जैसे- तैसे 1978 में किस्सा कुर्सी का को रिलीज किया गया। लेकिन राजनीतिक व्यंग के तौर पर इस फिल्म को लेकर खूब चर्चा हुई थी।
आंधी (Aandhi)
आपातकाल के दौर में संजीव कुमार और सुचित्रा सेन की फिल्म आंधी भी रिलीज के लिए तैयार थी। लेकिन निर्देशक गुलजार की इस मूवी पर ये आरोप लगे कि इसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांदी और उनके पति के रिश्ते को गलत तरीके से पेश किया गया। हालांकि,1977 में जब इंदिरा की सरकार गिर गई, तब जाकर आंधी की रिलीज का रास्ता साफ हुआ था।
ब्लैक फ्राइडे (Black Friday)
गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी कई शानदार मूवीज बनाने वाले निर्देशक अनुराग कश्यप ने ब्लैक फ्राइडे नाम की एक फिल्म बनाई थी। इस फिल्म में साल 1993 में मुंबई में हुए आत्मघाती बम धमाकों की कहानी को दर्शाया गया था। इसकी रिलीज को लेकर काफी बवाल मचा और 2004 में मुंबई हाई कोर्ट ने इस पर स्टे लगा दी थी। इसके बाद 2007 में जाकर ये फिल्म रिलीज हो पाई।
फिराक (Firaaq)
साल 2002 में हुए गुजरात दंगों की कहानी को यूं तो कई मूवीज में दिखाया गया है। लेकिन नंदिता दास अभिनीत फिराक ने इस मुद्दे पर काफी सुर्खियां बटोरीं। कई संगठनों की भारी विरोध के चलते साल 2008 में सेंसर बोर्ड ने इस मूवी को बैन कर दिया था। बाद में 2009 में जाकर फिराक बड़े पर्दे पर रिलीज की गई। नंदिता के अलावा एक्टर परेश रावल और नसीरुद्दीन शाह फिल्म का अहम हिस्सा थे।
सोनिया
साल 2005 में एनआरआई NRI यूके बेस्ड एक
फिल्ममेकर
जगमोहन मुंद्रा ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर फिल्म बनाने का प्लान किया। निर्माता सुनंधा मुरली मनोहर ने उनके साथ मिलकर सोनिया पर फिल्म बनाने की तैयारी की। लेकिन माना जाता हैं कांग्रेस पार्टी के विरोध के कारण ये फिल्म कभी भी बन ही नहीं पाई और ठंडे बस्ते में चली गई।
इंदु सरकार (Indu Sarkar)
कंगना रनौत की इमरजेंसी से पहले निर्देशक मधुर भंडारकर की फिल्म इंदु सरकार 1975 के आपातकाल के दौर की कहानी को बडे़ पर्दे पर दिखा चुकी है। इस मूवी को लेकर काफी सियासी रोटियां सेकी गईं। कांग्रेस पार्टी ने फिल्म का पुरजोर विरोध किया। हालांकि, इंदु सरकार की रिलीज डेट नहीं टाली गई और इसे 2017 में सिनेमाघरों में पेश किया गया।
पद्मावत (Padmaavat)
निर्देशक संजय लीला भंसाली की ब्लॉकबस्टर फिल्म पद्मावत की रिलीज पर काफी बवाल मचा था। करणी सेना ने इस मूवी का जमकर विरोध किया था। बढ़ते विवाद को देखते हुए कोर्ट ने इस फिल्म की रिलीज को करीब एक महीने कि लिए टाल दिया था। 1 दिसंबर 2017 के बाद 25 जनवरी 2018 इस मूवी को रिलीज किया गया था। फिल्म के टाइटल के साथ-साथ कुछ दृश्यों में भी बदलाव किया गया था।
इमरजेंसी (Emergency)
6 सितंबर को कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी को बडे़ पर्दे पर रिलीज किया जाना था। लेकिन इस मूवी को सेंसर बोर्ड की तरफ से हरी झंड़ी नहीं मिली और सिख समुदाय के कुछ सदस्यों की तरफ से इमरजेंसी को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई। आरोप है कि फिल्म में सिख समुदाय की छवि को गलत तरीके से पेश किया गया है। फिलहाल इमरजेंसी की रिलीज डेट अनिश्चितकाल तक के लिए टाल दी गई है।
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