अयान मुखर्जी ने अस्त्रों के बारे में बताया, ऋषि-मुनियों की घोर तपस्या से हुआ था 'ब्रह्मास्त्र' का निर्माण
इस ब्रह्म शक्ति से अस्त्रों का जन्म होता है. ये अस्त्र प्रकृति की विभिन्न शक्तियों से भरे हुए हैं. जलास्त्र, पवनास्त्र और अग्नि अस्त्र.”
आलिया भट्ट और रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) की मच अवेटेड फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' (Brahmastra) को लेकर लोगों के बीच काफी बज हुआ है. यह फिल्म 3 पार्ट में बनेगी. इसका पहला पार्ट 9 सितंबर को सिनेमा घर में रिलीज होगा. फिल्म की रिलीज से मेकर्स ने एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में फिल्म के डायरेक्टर अयान मुखर्जी 'ब्रह्मास्त्र' के बारे में बता रहे हैं. इसमें वह बता रहे हैं कि ब्रह्मास्त्र का निर्माण कैसे हुए और इसे ब्रह्मास्त्र क्यों कहा जाता है. इसके साथ ही वह बताते हैं कि उनकी फिल्म के आज के दौर की है और इस दौर में शिवा (रणबीर कपूर) नाम का एक यंग लड़का खुद ब्रह्मास्त्र है.
वीडियो की शुरुआत में 5 अस्त्रों- वानरास्त्र, नंदी अस्त्र, प्रभास्त्र, जलास्त्र, पवनास्त्र को इंट्रोड्यूस करवाया जाता है. आखिरी 'ब्रह्मास्त्र' का जिक्र होता है. इसके बाद अयान मुखर्जी ब्रह्मास्त्र के विजन के बारे में बताते हैं. अयान कहते हैं,"पिछले कुछ सालों में हमने अस्त्रों की एक अनोखी दुनिया बनाई है, जिसका नाम है 'अस्त्रवर्स'. ब्रह्मास्त्र पार्ट वन इस अस्त्रवर्स की पहली फिल्म है."
अयान मुखर्जी आगे कहते हैं, "इसकी शुरुआत प्राचीन भारत के एक सीन से होती है, जिसमें कुछ महान ज्ञानी ऋषि मुनि हिमालय की शरण में घोर तपस्या कर रहे हैं. और उनकी इस कड़ी तपस्या से उन्हें मिलता है एक वरदान. एक अपार अखंड ज्योत, जो स्वर्ग से धरती पर उतरती है. एक ब्रह्म शक्ति. इस ब्रह्म शक्ति से अस्त्रों का जन्म होता है. ये अस्त्र प्रकृति की विभिन्न शक्तियों से भरे हुए हैं. जलास्त्र, पवनास्त्र और अग्नि अस्त्र."