कश्मीर में हुए नरसंहार का दर्द झेल चुकी हैं अनुपम खेर की मां, बोलीं-चिट्ठी मिली, आज आपकी बारी है''
फिल्म की कहानी 1990 के दशक में कश्मीर में हुए नरसंहार और कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है।
फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनीं फिल्म द कश्मीर फाइल्स की लोकप्रियता दिन- प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। 1990 में हुए नरसंहार और कश्मीर से हुए पलायन की कहानी को दर्शाती यह फिल्म हर किसी को भावुक कर रही है। फिल्म को देख जहां कई लोग आंसू बहा रहे हैं, तो वहीं कई गुस्सा और नाराजगी जाहिर करते दिख रहे हैं। रिलीज के साथ ही फिल्म कई रिकॉर्ड कायम किए हैं।
वहीं कमाई के मामले में भी इसने कई फिल्मों को पीछे छोड़ दिया है। विवेक अग्निहोत्री की यह फिल्म कोरोनाकाल की ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई है। फिल्म से जुड़ी कास्ट भी इस समय काफी चर्चा में हैं। फिल्म में पुष्कर नाथ का दमदार किरदार निभाने वाले अनुपम खेर काफी सुर्खियां बटोर रहे हैं। वहीं अब अनुपम खेर की मां दुलारी का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह बता रही हैं कि वह खुद इस दर्द से गुजर चुकी हैं।
द कश्मीर फाइल्स में पुष्कर नाथ नाम के कश्मीरी पंडित का किरदार निभाने वाले अनुपम खेर की मां दुलारी खुद इस दर्द से गुजर चुकी हैं। अनुपम खेर ने हाल ही में अपनी मां को एक वीडियो भी शेयर किया था, जिसमें उनकी मां कश्मीर में हुए इस दर्दनाक हादसे के बारे में बात करती नजर आ रही थीं। इस वीडियो में उन्होंने कहा-'मुझे सबकुछ पता ही है वहां का। मुझे वही दिखा जो उन लोगों ने करा है। हमें क्या 30 साल से यही देख रहे हैं। जो बच्चा पैदा हुआ था वो आज 30-32 साल का हो गया। सब यही देख रहे हैं क्या बताना है। मेरे भाइयों को ऐसे चिट्ठियां पहुंची, निकल जाओ। बेचारे नाना जी ने मकान बनवाया था, वो बेचारा इसी में मर भी गया। शाम को आया ऑफिस से, चिट्ठी मिली आज आपकी बारी है। रामबाग रहता था। '
उन्होंने आगे कहा-'रात में ट्रकें चलती थीं उसी में बैठकर दोनों भाई निकल गए। बच्चे बाहर पढ़ रहे थे। उन बेचारों के पास पानी के लिए एक ग्लास तक नहीं था। निकाला ठीक से था। मुझे सब कुछ पता है। जिसने भी यह भी यह पिक्चर बनाई बहुत ठीक करा। हम हिंदुओं के लिए बहुत अच्छा किया। मोदी भी इतना लड़ रहा है बेचारा। अब इसने बताई तो पता लगेगा कि कश्मीरियों के साथ क्या हुआ। बाहर वालों को क्या पता क्या था। अपनी दौलत थी, अपना सामान था। ऐसे निकाला जैसे फकीर होते हैं। मुझे अपने भाइयों का पता है।'
हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अनुपम खेर ने बताया उनकी मां को दो बार फिल्म देख चुकी हैं। इसे देखने के बाद वह खामोश होकर रोती रहीं। उन्होंने कहा-'मैं हर बार उनके फनी वीडियोज बनाता था लेकिन इस बार उन्होंने वीडियो बनाने की अनुमति नहीं दी। वह इस नरसंहार की पीड़ित रही हैं। उनके छोटे भाई मोतीलाल काक को काफी कुछ सहना पड़ा था।'
अनुपम खेर ने कह- 'मां एक बात बोलती है कि जिसने ऐसा किया उसको सजा मिलेगी। उनकी आत्मा को तकलीफ पहुंची है। ये उनके दिल की चीख है। लेकिन अब उन्हें ऐसा लग रहा है कि हमारी तकलीफ दुनिया को पता चलेगी। वह कहती हैं कि 32 साल तक किसी को भरोसा नहीं हुआ था कि हमारे साथ यह सब हुआ है।'
वहीं फिल्म की बात करें तो विवेक रंजन अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी यह फिल्म 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में अनुपम खेर के अलावा दर्शन कुमार, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, मृणाल ठाकुर जैसे कलाकार नजर आए हैं। फिल्म की कहानी 1990 के दशक में कश्मीर में हुए नरसंहार और कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है।