'एंट-मैन एंड द वास्प - क्वांटमेनिया' अभिनेता पॉल रड, सुपरहीरो की शक्ति मिलने पर क्या बदलाव लाना चाहते है
एंट-मैन एंड द वास्प - क्वांटमेनिया' 17 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई।
जनता से रिस्ता वेबडेस्क | मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स की फिल्मों की खासियत है इसके सुपरहीरोज। 'एंट-मैन एंड द वास्प - क्वांटमेनिया' 17 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई। वर्ष 2015 में रिलीज फिल्म एंट-मैन में पॉल रड ने एंटमैन की भूमिका अभिनीत की थी। वर्ष 2018 में इसकी सीक्वल एंड मैन एंड वास्प में वह एक बार इस भूमिका में दिखे। उसके बाद वर्ष 2019 में मार्वल की फिल्म एवेंजर्स : एंडगेम में भी नजर आए थे। एंटमैन बनने के अपने अनुभव और इस फ्रेंचाइज की तीसरी फिल्म को लेकर पॉल ने कई अहम जानकारियां साझा की।
मार्वल की दुनिया को लेकर लोगों में खास आकर्षण
वीडियो काल पर हुई खास बातचीत में सुपरहीरो का किरदार निभाने को लेकर पॉल ने कहा कि सुपरहीरो के किरदार को निभाने की विशेषता यह होती है कि उसे आसाधारण परिस्थितियों में डाल दिया जाता है, जहां पर वह ऐसे नायक की भूमिका में होता है, जो शक्तिशाली होता है। उसमें दुनिया भर के लोगों की दिलचस्पी होती है। मार्वल की इस दुनिया की ओर लोगों का खास आकर्षण होता है। यह सुनकर हमें भी बहुत अच्छा लगता है।
पॉल रड ने बताई सुपरहीरो का किरदार निभाने की चुनौती
इस किरदार को निभाने की सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि हर वक्त मुझे ब्लू स्क्रीन की ओर देखना होता है और यह कल्पना करना होता है कि यहां पर चीज ऐसी होगी और उसके मुताबिक ही मुझे अभिनय करना होता है। यह अलग तरह का अनुभव होता है। इसके अलावा इस तरह के नायक की भूमिका के लिए खास शारीरिक प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। उसके अलावा खानपान का ध्यान लंबे समय तक रखना होता है। खास तौर पर मुझे क्योंकि बाकी एवेंजर्स की तुलना में मेरी उम्र ज्यादा है। कुछ समय बाद यही हिस्सा सबसे चुनौतीपूर्ण होता है।
क्लाइमेट चेंज पर काम करना चाहते हैं
फिल्म में एंटमैन के किरदार के पास खुद को छोटा या बड़ा करने की ताकत होती है। ऐसे में अगर पॉल को यह शक्ति असल जिंदगी में मिले तो वह दुनिया में क्या बदलना चाहेंगे? इस सवाल के जवाब में पॉल थोड़ा सोचते हुए कहते हैं दुनिया में बहुत सारी चीजें हैं, जिन्हें बदलने की जरूरत है। वास्तव में अगर मुझे ऐसा मौका मिले तो एक चीज मैं अभी बदलना चाहूंगा वो है क्लाइमेट चेंज (मौसम में आए बदलाव) को।
यह फिलहाल दुनिया के लिए सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। अगर हमने इस दिशा में काम नहीं किया तो बहुत मुश्किलें आएंगी। वाकई अगर मेरे पास इस तरह ताकत आती है, तो मैं ईको वारियर (पर्यावरण योद्धा) के तौर पर काम करना चाहूंगा, जहां पर मैं पृथ्वी को बचाने का प्रयास करूंगा। मेरी कोशिश होगी कि पृथ्वी को दूषित करने वाली चीजों के खिलाफ काम करुं।
भारतीय फिल्में हैं खास
प्रतिष्ठित ऑस्कर अवार्ड में पहली बार भारतीय प्रोडक्शन में बनी फिल्म आरआरआर के गाने नाटू नाटू को नामांकन मिला है। भारतीय फिल्मों को लेकर पॉल का क्या नजरिया है? इस बाबत वह कहते हैं कि भारतीय फिल्मों को लेकर मेरा नजरिया हमेशा से ही बहुत खास रहा है। दुनिया में भारतीय सिनेमा सबसे विशाल है। मैंने अभी आरआरआर फिल्म नहीं देखी है, लेकिन मुझे पता है कि इस गाने को सभी लोग बहुत पसंद कर रहे हैं। काश मैंने यह देखा होता, तो इस पर ज्यादा बात कर पाता लेकिन जल्द ही इसे देखूंगा। लेकिन मैं भारतीय फिल्मों और फिल्ममेकिंग में भारतीय फिल्मों के स्थान के बारे में जानता हूं यह शानदार है।
भारत आने की चाह
हॉलीवुड कलाकार भारत आने और यहां के खानपान का स्वाद लेने की बात करते हैं। पॉल अब तक भारत नहीं आए हैं, लेकिन यहां आने के ख्वाहिशमंद हैं। वह कहते हैं, 'मैं भारत कभी नहीं गया। यह ऐसा देश है जहां मैं वाकई जाना चाहता हूं। भारत में बहुत सारे दर्शनीय स्थल हैं, जिन्हें मैं देखना चाहता हूं। अभिनय का काम शानदार है। मैं फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में हूं, वहां से आपसे बात कर रहा हूं, लेकिन मैं न्यूयार्क में रहता हूं। मैं ऑस्ट्रेलिया तीन दिनों के लिए आया हूं। इसके बाद मुझे दूसरे देश में प्रचार के लिए जाना है।
काम के चलते मुझे बहुत शानदार जगहों पर जाने का मौका मिलता हैं, लेकिन मैं वहां पर ज्यादा समय नहीं बीता पाता हूं। उम्मीद करता हूं कि जब मैं भारत आऊंगा तो वो तीन दिन की यात्रा किसी प्रमोशनल काम को लेकर न हो। मैं वहां पर कुछ सप्ताह तक रहना चाहूंगा, ताकि वहां के दर्शनीय स्थानों को देख सकूं और समझ सकूं कि वहां पर रहने का अनुभव कैसा होता है।
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