सीरियल 'वागले की दुनिया' के अंजन श्रीवास्तव ने कही दिल की बात, बोले- मील का पत्थर साबित हुआ...

32 सालों के बाद सीरियल में वागले का बेटा राजू बड़ा हो गया है और इस नए सीरियल में राजू का किरदार सुमीत राघवन निभा रहे हैं

Update: 2021-03-05 15:42 GMT

1988 से 1990 तक दूरदर्शन पर कामयाबी का परचम लहराने के बाद एक बार फिर 32 साल बाद लेखक आर के लक्ष्मण का सुपरहिट शो 'वागले की दुनिया'(wagle ki duniya) अब अंदाज में सब टीवी पर 8 फरवरी से शुरू हो चुका है. 32 सालों के बाद सीरियल में वागले का बेटा राजू बड़ा हो गया है और इस नए सीरियल में राजू का किरदार सुमीत राघवन निभा रहे हैं. ऐसे में शो के अहम कलाकार अंजन वागले श्रीवास्तव (anjjan srivastav) ने शो को लेकर अपने दिल की बात कही है, जानिए यहां-


1. इस बार सोनी सब पर वागले की दुनिया के साथ लौटकर कैसा लग हो रहा है?
मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है क्योंकि 'वागले की दुनिया' (wagle ki duniya) मेरी ज़िंदगी में सबसे महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है. आर के लक्ष्मण द्वारा दिया गया वागले नाम बहुत ही शानदार है और अब यह लोगो के दिमाग में छप चुका है. मुझे दर्शकों और प्रशंसकों द्वारा अक्सर " अंजन वागले श्रीवास्तव" के नाम से ही बुलाया जाता था. एक ऐसे शो के साथ वापसी करना जिसने मुझे वागले के रूप में घर-घर में पहचान दिलाई, एक बहुत ही अच्छा एहसास है. इस नए युग में मुझे एक बार फिर से श्रीनिवास की ज़िंदगी जीने का मौका मिला है.

2. क्या वजह थी कि आपने 'वागले की दुनिया' के नए वर्जन में काम करने के लिए हामी भरी?
चूंकि इस साल आर के लक्ष्मण का शताब्दी वर्ष है और मैं उन्हें अपनी तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहता था क्योंकि उन्होंने मुझे एक ऐसी कला से परिचित करवाया जिसने पूरी तरह से मेरा मन मोह लिया. उन्होंने हमेशा मेरे काम को प्रोत्साहित किया जो मुझे मेरा सबसे बेहतरीन देने के लिए प्रेरित किया और नीतजा सामने है. मूल रूप से, मुझे लगता है मैं आज जो कुछ भी हूं वो मुझे 'वागले की दुनिया' ने ही बनाया है और मैं इस शो के लिए कभी मना नहीं कर सकता, इसलिए, मैं एक बार फिर से इस शो का हिस्सा बनकर खुश हूं.

3. इस बार दर्शक 'वागले की दुनिया' से क्या उम्मीद कर सकते हैं?
एक चीज़ है, जो लगातार बनी हुई है, वो ये है कि 80 के दशक में भी लोग संघर्ष कर रहे थे और अभी भी कर रहे हैं- उनके सिर्फ मुद्दे नए हैं. इसलिए, 32 साल के बाद भी मेरे किरदार के मूल मुद्दे कोविड के समय के बाद भी वही हैं. तब भी और अब भी वागले ने कोई प्रचार नहीं किया- उसने सिर्फ अपने विचार साझा किए और दर्शकों को फैसला करने दिया. इसलिए, प्रशंसक इस युग के एक साधारण और आम आदमी की समस्याओं को देखने की उम्मीद कर सकते हैं. मेरी भूमिका मुख्य रूप से मेरे बेटे की कहानी को आगे बढ़ाने और उसके सफर और उपलब्धियों में उसका समर्थन करने की है.

यह कहानी उन नई समस्याओं पर फोकस करती है जिनका सामना राजेश वागले करेगा और इसके साथ ही वागले परिवार कैसे इन समस्याओं से डील करेगा. इस शो में उन पारिवारिक मूल्‍यों को बहुत ही खूबसूरती के साथ दर्शाया है जो राजेश को उसके माता-पिता से विरासत में मिली है और यह देखना होगा कि कैसे वो इस युग में उन्हें रखेगा.

4. कृपया हमें अपने किरदार श्रीनिवास वागले के बारे में कुछ बताइये?
श्रीनिवास वागले अभी भी वही श्रीनिवास वागले ही है, फर्क बस इतना है कि अब वह रिटायर हो चुका है और अपने बेटे, बहु और पोते के साथ रहता है. वह अपने बेटे के पास रहना चाहता है, लेकिन इसके साथ वह अपने कंफर्ट ज़ोन को छोड़ना नहीं चाहता. वह नासमझ है और बिना किसी इरादे के वह छोटी-छोटो मुसीबतें खड़ी करता रहता है. श्रीनिवास ने राजेश को अपने करीब रखने के लिए प्रशंसा की लेकिन उसके बारे में हर किसी से शिकायत की, "बोरीवली में घर नहीं लेना चाहिए था.. ये बैकवॉटर का बदबू आता रहता है हमेशा ..नहीं? मैं उन टिपिकल श्रीनिवास वागले की बारीकियों को ज़िंदा रख रहा हूं जोकि आरके लक्ष्मण 'वागले की दुनिया' में चाहते थे.

5. ये 'वागले की दुनिया' आज के समय की आम आदमी के द्वारा झेली जा रही परेशानियों पर फोकस करेगी, तो आपके अनुसार पहले की वागले की दुनिया और इस नए वर्जन के मुद्दों के बीच क्या बदला है?
मुझे लगता है कुछ मुद्दे अभी भी नहीं बदले हैं. भारत का आम आदमी अभी भी उन समस्याओं से परेशान है जो वह पुराने समय में झेल रहा था, लेकिन कुछ मायनों में, मैं ये कह सकता हूं कि आज के समय में अलग-अलग कम्पीटशन के कारण दिक्कते काफी बढ़ी हैं और लोगो के जीने का तरीका बदल गया है. हमारे लेखक, आम आदमी के कुछ ऐसे मुद्दों को लिया है जो हमारे आसपास बहुत ही आम है और मुझे लगता है कि यही चीज़ हमारे दर्शकों को शो और उनके किरदारों से जोड़गी. इसलिए 32 साल के बाद भी मेरे किरदार के आम मुद्दे वही रहने वाले हैं, तब भी और अब भी वागले ने कोई प्रचार नहीं किया- उसने सिर्फ अपने विचार शेयर किए और दर्शकों को फैसला करने दिया.

6. 'वागले की दुनिया' में परिवार की तीन पीढ़ियां होंगी, आज के समय में संयुक्‍त परिवार के महत्व पर आपके क्या विचार है?
मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण हैं क्योंकि संयुक्त परिवार का ये कॉन्‍सेप्ट भारत को फिर से एकजुट कर सकता है. 'वागले की दुनिया' ने इस कॉन्‍सेप्ट को बहुत ही सुन्दर तरह से दर्शाया है. मैं इस बात से सहमत हूं कि संयुक्त परिवार की अपनी चुनौतियां हो सकती है लेकिन एक-दूसरे के प्रति प्यार और देखभाल करना एक खुशहाल ज़िंदगी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

7. 'वागले की दुनिया' को दोबारा काम करने से पहले आपके मन में किसी तरह की आशंका थी?
हां, मुझे वापसी करने से पहले मन में थोड़ी आशंका थी। मुझे डेली सोप के करने के लिए कई अलग-अलग ऑफर्स आए लेकिन मैंने एक भी स्वीकार नहीं किया. मुझे ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए और फिल्मों के लिए कई ऑफर्स आ रहे हैं और मुझे लगता है एक कलाकार के रूप में 'वागले की दुनिया' ने जो मुझे बनाया है ये उसी का परिणाम है. मैं सीरियल्स करने के लिए उत्सुक नहीं था लेकिन मैं खुद को रोक नहीं पाया क्योंकि यह वागले की दुनिया थी. मुझे शुरू में इस तथ्य को लेकर आशंका हो रही थी कि लोग मुझे सीनियर वागले के रूप में अब स्वीकार नहीं करेंगे और उनकी उम्मीदें बहुत अधिक होंगी.

मैंने भारती से पूछा और वह भी इस शो को करने के लिए मान गई और जब मैंने आतिश से ये स्क्रिप्ट सुनी, तब जाकर मैंने एक राहत की सांस ली क्योंकि मुझे इस बात का यकीन था कि आतिश कपाड़िया बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और मुझे उनपर पूरा विश्वास है.

8. आपके प्रशंसकों के लिए कोई संदेश?
मैं दर्शकों को इस नए वागले परिवार का हिस्सा बनने के लिए कहना चाहूंगा क्योंकि यह शो लगभग उन्ही मुद्दों और संघर्षों को दर्शाता है जिससे आम आदमी अपनी पूरी ज़िंदगी गुजारता है. मैं अपने सभी प्रशंसकों और दर्शकों से यही आग्रह करूंगा कि वो ये शो अपने परिवार के साथ देखें और इसका आनंद उठायें.


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