आम्रपाली दुबे और निरहुआ फैंस को देगें महाशिवरात्रि पर बड़ा गिफ्ट...जाने क्यों बने शिव और पार्वती
भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ की फैन फॉलोइंग जग जाहिर है.
भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ (Dinesh Lal Yadav Nirahua) की फैन फॉलोइंग जग जाहिर है. देश के अलग अलग हिस्सों में निरहुआ के चाहने वाले हैं. निरहुआ ने अपनी एक्टिंग के दम पर फैंस को दीवाना किया हुआ है. निरहुआ के दमदार अभिनय की झलक हमें जल्द ही उनके नए गाने 'होली खेलें महाकाल' में देखने को मिलेगी . इस गाने में एक्टर के साथ भोजपुरी सिनेमा की क्वीन आम्रपाली दुबे (Amrapali Dubey) भी नजर आएंगी.
इस गाने में दोनों स्टार्स भगवन शंकर और माता पार्वती के किरदार में नजर आएंगे. आपको बता दें कि 11 मार्च को महाशिवरात्रि का त्योहार देश भर में मनाया जाएगा. ऐसे में ये गाना फैंस के लिए एक खास तोहफा होने वाले है.
जानिए कैसा है निरहुआ का नया गाना
निरहुआ और आम्रपाली दुबे भोजपुरी दर्शकों के लिए एक सौगात लेकर आ रहे हैं. 7 मार्च को निरहुआ ने अपने इंस्टाग्राम पर एक फोटो पोस्ट की है. इस फोटो में वह भगवन शिव की वेशभूषा में नजर आ रहे हैं जबकि आम्रपाली माता पार्वती के गेटअप में हैं. इस फोटो को पोस्ट करते हुए निरहुआ ने लिखा- 'कमिंग सून, होली खेलें महाकाल'.
एक्टर के पोस्ट से लग रहा है कि यह गाना शिवरात्रि और होली को ध्यान में रखकर बनाया गया है.ऐसा पहली बार नहीं है जब निरहुआ और आम्रपाली की जोड़ी भगवान शिव और माता पार्वती का किरदार निभाएगी. इससे पहले साल 2016 में निरहुआ का एक गाना, 'कांवड़ के पावर' (Kanwar Ke Power) रिलीज हुआ था.
निरहुआ की बात की जाए तो वह इंस्टाग्राम पर काफी एक्टिव रहते हैं. एक्टर आए दिन अपनी और अपने प्रोफेशन से जुड़ी कई फोटोज को सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं. हाल ही में उनके होली गीत, 'सो सॉरी 2 – बुरा ना मानो होली है' को 3 मिलियन से ज्यादा व्यूज मिले थे जिसके बारे में उन्होने इंस्टाग्राम पर जानकारी दी थी.
निरहुआ का करियर
बता दें कि कभी साइकिल पर चलने वाले दिनेश लाल यादव आज करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं. दिनेश लाल यादव यानी निरहुआ मूल रूप से गाजीपुर के टंडवा से आते हैं. भोजपुरी सिनेमा में आने से पहले वो गाने गाया करते थे. दिनेश को बचपन से ही गाने बजाने का काफी शौक रहा है, लेकिन उस समय निरहुआ का परिवार काफी आर्थिक तंगी से गुजर रहा था. उस वक्त निरहुआ के पिता की मासिक आय महज 3,500 रुपये ही थी. इतने थोड़े से पैसे में उनके पिता 7 लोगों का पेट पालते थे, जो उनके लिए काफी मुश्किल था.
निरहुआ जब छोटे थे उस समय उनके पिता अपने बड़े भाई के साथ पैसे कमाने के लिए कोलकाता चले गए थे, लेकिन अपने पीछे उन्होंने अपनी पत्नी और तीन बेटियों को छोड़ दिया. अपने साथ वो केवल अपने बेटे निरहुआ को ले गए थे. निरहुआ की शुरुआती पढ़ाई कोलकाता में ही हुई. उन दिनों निरहुआ के पास पैसे नहीं हुआ करते थे.