आलिया भट्ट और संजय लीला भंसाली को कोर्ट ने भेजा समन, जानिए क्या है मामला

फिल्म 30 जुलाई, 2021 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी.

Update: 2021-03-25 04:43 GMT

आलिया भट्ट(Alia Bhatt) की फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी'(Gangubai Kathiawadi) की मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. इस फिल्म को लेकर लगातार विरोध जताया जा रहा है. इसी बीच वहीं अब इस फिल्म की लीड एक्ट्रेस आलिया भट्ट, निर्देशक संजय लीला भंसाली और बड़ी परेशानी में फंसते दिख रहे हैं. दरअसल फिल्म के राइटर को मुंबई की मझगांव कोर्ट ने समन जारी किया है.

फिल्म को लेकर हाल ही में महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायक अमीन पटेल ने फिल्म का नाम बदलने की मांग की. उनका कहना है कि इसस काठियावाड़ शहर की छवि खराब होगी. अब फिल्म को एक और विवाद का सामने करना पड़ेगा
आलिया-संजय को समन
डीएन एक की खबर के अनुसार आलिया भट्ट, संजय लीला भंसाली और फिल्म के राइटर को मझगांव कोर्ट ने समन जारी किया है. इतना ही नहीं इन सभी से 21 मई को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है.
ऐसे में साफ है कि लोगों की मुसीबत बढ़ने वाली है. अब देखना होगा कि कोर्ट के समन के बाद आलिया और संजय पहुंचते हैं कि नहीं. फिल्म रिलीज से पहले लगातार मुसीबतों में घिरी हुई है.
आपको बता दें कि याचिकाकर्ता (गंगूबाई काठियावाड़ी का बेटा) ने आरोप लगाया है कि फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' में उनके परिवार की बदनामी हो रही है. कहा गया है कि फिल्म में गलत तथ्य दिखाए गए हैं.
जानिए अब पूरा विवाद
दरअसल संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित आलिया भट्ट स्टारर गंगूबाई काठियावाड़ी का टीजर हाल ही में रिलीज हुआ है. ऐसे में कहा जा रहा है कि यहां के लोगों का मानना है कि फिल्म के जरिए कमाठीपुरा के 200 साल के वास्तविक इतिहास को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है. लोगों का कहना है कि यह अपमानजनक, शर्मनाक है और कमाठीपुरा के निवासियों की भावनाओं को आहत करने वाला है. कमाठीपुरा के लोगों ने सामाजिक कलंक को मिटाने के लिए कड़ी मेहनत की है और यह फिल्म कमाठीपुरा की वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लिए बेहद हानिकारक है.ऐसे में अब यहां के लोग फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और इस पर रोक लगाने की भी मांग कर सकते हैं.
क्या स्क्रिप्टिड है विवाद
कमाठीपुरा की स्थिति शुरू से ही बेहद खराब है. यहां बंग्लादेश से लड़कियां लाई जाती हैं और उनसे वेश्यावृत्ति करवाई जाती है. हर किसी को इस इलाके के बारे में पता है ऐसे में अगर फिल्म में कमाठीपुरा का जिक्र किया जा रहा है तो उसमें विवाद क्यों खड़ा किया जा रहा है.
जबकि अगर आप टीजर पर निगाह डालेंगे तो उसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे साफ हो कि कमाठीपुरा की छवि फिल्म के जरिए खराब की जा रही है. जिस तरह से इस नए विवाद को जन्म दिए जाने की कोशिश हो रही है, उससे साफ है कि ये पूरा मामला प्लान्ड है. कयास है इस जरिए से फिल्म को सुर्खियों में लाया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग फिल्म से कनेक्ट हों और फिल्म को थिएटर में देखने जाने पर मजबूर हों. इससे पहले संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत फिल्म के रिलीज से पहले भी इस तरह का विवाद हुआ था लेकिन फिल्म में ऐसा कोई सीन नहीं था जिससे किसी की भावनाएं आहत हों. ऐसे में अब एक बार फिर से वही सब होता दिख रहा है.
फिल्म और सीरीज में दिखा है कमाठीपुरा
ऐसा नहीं है कि पहली बार कमाठीपुरा का जिक्र किया गया हो. इससे पहले सरफरोश फिल्म में भी इस इलाके का जिक्र किया गया है. इसके अलावा जल्द ही एक फिल्म 'इंडिया लॉकडाउन' भी आ रही है, इसमें भी इस इलाके का जिक्र किया जाएगा.
कमाठीपुरा का रूप
दक्षिण मुंबई में कमाठीपुरा देश के सबसे बड़े रेड-लाइट क्षेत्रों में से एक है. COVID-19 के कारण हुए लॉकडाउन के बाद अब यहाँ कोई ग्राहक नहीं आ रहा है. कमाठीपुरा मुंबई के दो पॉश एरिया मालाबार हिल, कोलाबा, वर्ली और मझगांव के ठीक बीच में बसा है. अभी तक इस एरिया का डेवलपमेंट भी खास नहीं हुआ है. ये एरिया 14 गलियों में बांटा गया है. सेक्स वर्कर्स के धर्म के हिसाब से गलियां बांटी गई है। यहां भारत के कई राज्यों के अलावा बांग्लादेश और नेपाल से भी लड़कियां आकर रहती हैं.
बता दें कि गंगूबाई काठियावाड़ी मुंबई की एक चर्चित कोठेवाली थीं जिसे महज 500 रुपये के लिए उसके पति ने बेच दिया था. इस फिल्म में गंगूबाई के जीवन के संघर्षों को दिखाया गया है कि कैसे छोटी सी उम्र में उनकी शादी कर दी गई थी और फिर कैसे वह अपने पति के ही हाथों कोठे पर बेच दी गईं थीं. फिल्म 30 जुलाई, 2021 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी.





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